For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नग़मा: इक रोज़ लहू जम जायेगा इक रोज़ क़लम थम जायेगी

22 22 22 22 22 22 22 22

इक रोज़ लहू जम जायेगा इक रोज़ क़लम थम जायेगी

ना दिल से सियाही निकलेगी ना सांस मुझे लिख पायेगी

जिस रोज़ नये लब गाएंगे जिस रोज़ मैं चुप हो जाऊंगा

इक चाँद फ़लक से उतरेगा इक रूह फ़लक तक जायेगी

फिर नये नये अफ़सानों में कुछ नये नये चहरे होंगे

फिर नये नये किरदारों के किरदार नये गहरे होंगे

फिर कोई पिरोयेगा रिश्तों को नये नये अल्फाज़ों में

फिर कोई पुरानी रश्मों को ढालेगा नये रिवाज़ों में

फिर कोई कहानी रूहों में हौले हौले घुल जायेगी

इक रोज़ लहू ज़म जायेगा इक रोज क़लम थम जायेगी

इन आती जाती रूहों का कोई तो जादूगर होगा

ये भी तो टकराती होंगीं आपस में मिलन होता होगा

कोई बैठा तो होगा "आज़ी" इक ओट लिये दीवारों से

कोई भटकाता है सफ़र यहाँ पूछो तो ज़रा पतवारों से

अनसुलझी पहेली है कोई इक रोज़ सुलझ ही जायेगी

इक रोज़ लहू जम जायेगा इक रोज क़लम थम जायेगी

(मौलिक व अप्रकाशित) 

आज़ी तमाम

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Aazi Tamaam on April 19, 2021 at 10:30am

सादर प्रणाम आदरणीय धामी सर

सहृदय शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई और इस खुशनवाज़ी के लिये आभार

सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 18, 2021 at 9:08am

आ. भाई आज़ी तमाम जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by Aazi Tamaam on April 17, 2021 at 9:11pm

सादर प्रणाम आदरणीय बसंत जी

सहृदय शुक्रिया ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने व हौसला अफ़ज़ाई के लिए

सादर

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 17, 2021 at 12:42pm

आदरणीय अमीर जी सादर नमस्कार 

बहुत बढ़िया गजल 

Comment by Aazi Tamaam on April 16, 2021 at 9:48am

आदरणीय अमीर जी एक मिसरा

कोई22  भटकाता222  है1 सफ़र12  याँ2  पूछो22  तो1  ज़रा12  पतवारों222  से2

यहाँ को याँ करने से बहर में आ जायेगा

5 मिसरे  अभी बहर से बाहर हैं

Comment by Aazi Tamaam on April 15, 2021 at 7:13pm

सादर प्रणाम आदरणीय अमीर जी

सहृदय शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई व मार्गदर्शन के लिये

जी जनाब ये मिसरे बहर से ख़ारिज हैं या नहीं यही जानने के लिये नग़मा ओ बी ओ पर शेयर किया था जो कि आपकी इस्लाह से सार्थक हुआ शुक्रिया

टंकण त्रुटि की ओर ध्यानाकर्षण के लिये आभार

सादर

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 15, 2021 at 6:40pm

जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ख़ूबसूरत अहसासात से लबरेज़ अच्छा नग़्मा पेश करने की कोशिश है, मुबारकबाद पेश करता हूँ।

आपने (बह्र-ए-मीर) ग़ज़ल के अरकान लिखे हैं, मगर आपके नग़्मा के ये मिसरे बह्र से ख़ारिज हैं-

22 22-  22 22-  22 22 -  22 22

फिर नये नये अफ़सानों में कुछ नये नये चहरे होंगे

फिर नये नये किरदारों के किरदार नये गहरे हों गे

फिर कोई पिरोयेगा रिश्तों को नये नये अल्फाज़ों में

फिर कोई पुरानी रश्मों को ढालेगा नये रिवाज़ों में

कोई बैठा तो होगा "आज़ी" इक ओट लिये दीवारों से

कोई भटकाता है सफ़र यहाँ पूछो तो ज़रा पतवारों से

इस मिसरे में टंकण त्रुटि के कारण दोष है, पहेली करने से मिसरा बह्र में आ जायेगा। 

'अनसुलझी पहली है कोई इक रोज़ सुलझ ही जायेगी'    सादर। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
9 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
20 hours ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service