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छोटी सी इस बात पर ,

हुजूर जरा गौर करें।

देश के लिए कुछ करना हो तो,

खुद से ही शुरुआत करें।।

ना सोचें कौन साथ देगा,

फर्ज अपना अदा करें।

देश के लिए,देश की खातिर,

खुद को ही अर्पण करें।।

हर जरूरतमंद के लिए ,

मसीहा बन खड़े रहें।

गर जरूरत आन पड़े तो,

जान भी कुरबां करें।।

देशभक्ति दिल में जगाकर,

खुद में परिवर्तन करें।

स्वदेशी को अपनाएं और

विदेशी का बहिष्कार करें।।

सैना के वीर जवानों का ,

सच्चे दिल से आभार करें।

जो शहीद हुए हैं सैनिक उनको,

कोटि कोटि प्रणाम करें।।

आओ मेरी प्यारी सखियों,

आज मिलकर प्रण करें।

देशभक्ति की लहर को,

आज हम सर्वत्र करें।।

"मौलिक और अप्रकाशित"

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Comment

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 5, 2020 at 3:55am

आ. नीता जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 4, 2020 at 9:46pm

अच्छी रचना है महोदया...

कृपया ध्यान दे...

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