थम सी गई जिन्दगी सबकी,
थोड़ी सी हलचल हो जाए।
बोर हो गए इतने दिन से ,
क्यूं ना कुछ मस्ती हो जाए।।
ख्वाहिश है मेरी बस,
पहले की तरह सब कुछ हो जाए।
बहुत हो गए घर में बंद,
थोड़ा सैर सपाटा हो जाए।।
याद रहेंगे ये पल भी,
कैसे एक दूजे से दूर रहे।
कहने को तो बहुत पास थे ,
फिर भी दीदार को तरस रहे।।
ऑनलाईन तो मात्र एक जरिया था,
जीवन में खुशियां लाने का।
ऑनलाईन की इस दुनियां से,
अब तो जीवन ऑफलाइन…
Posted on September 15, 2020 at 10:30pm — 5 Comments
Posted on September 12, 2020 at 11:02pm — 5 Comments
"हिन्दी बोलने में ना सकुचेंगे"
हिन्दी मातृभाषा है मेरी,
फिर क्यूं बोलने में शरमाऊं।
पट पट पट पट अंग्रेजी बोलना,
क्यूं ही मैं हरदम चाहूँ।।
हिन्दी बोलूं तो गंवार लगूं,
जो अंग्रेजी बोलूं तो शान।
क्यूं हम हिन्दी होकर भी,
नहीं करते हिन्दी का सम्मान।।
विदेशी भारत आकर भी,
इंग्लिश में ही बातें करता।
फिर भारतीय विदेश में जाकर ,
क्यूं हिन्दी बोलने में है कतराता ।।
गीता का उपदेश भी कृष्ण ने ,
हिन्दी में ही सुनाया है।…
Posted on September 8, 2020 at 10:00am — 4 Comments
Posted on September 3, 2020 at 3:27pm — 4 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |