For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गणतंत्र हमारा-26जनवरी विशेष ग़ज़ल

22 22 22 22 22 22
वैविध्य से परिपूर्ण है गणतंत्र हमारा।
हम सब से ही सम्पूर्ण है गणतन्त्र हमारा।।

समता के अनुच्छेद के पालन बिना सुनो।
हर हाल में अपूर्ण है गणतन्त्र हमारा।।

अभिव्यक्ति का अधिकार सभी को है मित्रवर।
पर पहले महत्वपूर्ण है गणतन्त्र हमारा।।

धर्मों का यहाँ संगम अद्भुत है ये धरा।
समरसता से अभिपूर्ण है गणतन्त्र हमारा।।

संसार के क्षितिज पे दमकता नक्षत्र है।
आदित्य सा प्रतूर्ण है गणतन्त्र हमारा।।

Views: 702

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 29, 2017 at 11:15am
आदरणीय मोहम्मद आरिफ भाई सादर धन्यवाद
Comment by Mohammed Arif on January 27, 2017 at 8:37pm
आदरणीय पंकजजी, गणतंत्रीय मूल्यों को, महत्व को रेखांकित करती रचना के लिए बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 26, 2017 at 12:28am
आदरणीय सुरेद कल्याण सर बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 26, 2017 at 12:28am
आदरणीय आशुतोष सर सादर आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 26, 2017 at 12:28am
आदरणीय मिथिलेश सर आपके आदेश का अनुपालन अति शीघ्र होगा
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on January 25, 2017 at 7:29pm
आदरणीय पंकज जी देशभक्तिपूर्ण सुन्दर गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।सादर ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 25, 2017 at 7:09pm
आदरणीय पंकज जी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस ग़ज़ल और गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 25, 2017 at 7:09pm
आदरणीय पंकज जी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस ग़ज़ल और गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 25, 2017 at 7:01pm

आदरणीय पंकज जी, 

1. आपने 'मौलिक व अप्रकाशित' नहीं लिखा है.

2. मंच पर आप सतत रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं किन्तु यह भी अवश्य है कि अन्य रचनाकारों की प्रस्तुतियों को आपकी बहुत दिनों से प्रतीक्षा है. आप उन्हें भी अपनी प्रतिक्रियाओं से लाभान्वित करेंगे ऐसी आशा है. सादर 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 25, 2017 at 2:18pm
आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह सर बहुत बहुत आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
6 hours ago
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
15 hours ago
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
19 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सत्तरवाँ आयोजन है।.…See More
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
Sunday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service