For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"मिथ्या अतिविश्वास" -- [लघु कथा -12]

"मिथ्या अतिविश्वास" - (लघु कथा)

"आप लोग मुझ पर क्यों बरस रहे हैं ? आपसे ज़्यादा पढ़ा-लिखा हूँ।अख़बार और क़िताबें ही नहीं पढ़ता, इन्टरनेट तक खंगाल डालता हूँ !"

रूपेश के ये शब्द सुनकर पड़ोसी शर्मा जी ने उसे समझाया- " अच्छी बात है, लेकिन जो तुमने किया, उसे सही नहीं कह सकते। क्या ज़रूरत थी अपने मन से दवाओं में कटौती करने की और दवायें खुद ही बदलने की ? आखिर तुमने अपने पिताश्री को इतनी कम उम्र में इतनी सीरियस कन्डीशन में पहुंचा ही दिया न ! साइड इफेक्ट्स के बारे में अपने डॉक्टर से बात तो करते ! इन्टरनेट पर तो जाने क्या-क्या दिया रहता है ?"

"अंकल, अब आप भाषण तो मत दो यहाँ पर, हमारा मामला है, हम निपट लेंगे। डॉक्टर्स तक मानते हैं मेरी नोलेज को, एक तो मुझे "डॉक्टर" ही समझता है ! क्या ज़रूरत है मुझे उनके यहाँ बार-बार चक्कर लगाने की ? सालों ने तो बिजनेस बना रखा है ! "

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 406

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 7, 2017 at 10:39pm
मेरी इस ब्लोग-पोस्ट पर समय देकर विचार साझा करने व हौसला अफ़ज़ाई हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी, आदरणीय सतविंदर कुमार जी व आदरणीय सुशील सरना जी।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on October 7, 2015 at 8:44pm
समसामयिक विषय को उठाती अद्भुत लघुकथा।हार्दिक बधाई आदरणीय
Comment by Sushil Sarna on October 6, 2015 at 6:51pm

जिस का काम उसी को साजे का सन्देश देती इस संदेशपरक लघु कथा पर हार्दिक बधाई आदरणीय। 

Comment by TEJ VEER SINGH on October 6, 2015 at 4:57pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानीजी! बहुत सम सामयिक लघुकथा!आजकल यह बहुत होरहा है!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service