For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नव वर्ष पर कुछ कुण्डलिया

कहकर सबको अलविदा, चला गया वो साल
छोड़ गया यादें बहुत, अरु जीवन जंजाल
अरु जीवन जंजाल, रहेंगे उलझे जिसमें
जारी है संघर्ष, मिलेगा सद्फल इसमें
जीवन में सुख हाथ, लगेगा दुख को सहकर
लें हम नव संकल्प, गया गत संवत् कहकर।1।

मन से मन जोड़ें सभी, उत्तम हो सब काज
मंगलमय नव वर्ष की, करूँ कामना आज
करूँ कामना आज, सत्य का उगे सवेरा
हो नित नव निर्माण, मिटे घनघोर अँधेरा
देश प्रेम हो भाव, जुटें सब तन मन धन से
रहे न कोई क्लेश, जुड़ें हम सबसे मन से।2।

आया फिर नव वर्ष है, हे मानुष अब जाग
द्वेष दम्भ सब खत्म कर, कर ईष्या परित्याग
कर ईर्ष्या परित्याग, बसायें समरस मन में
खिले ख़ुसी के पुष्प, सभी के मन उपवन में
हो न कहीं संताप, रहे प्रमुदित मन काया
हर्ष साथ नववर्ष लिए नव अवसर आया।3।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 1:36pm

आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। रचनाके अनुमोदन के लिए हॄदय तल से आभार

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 1:35pm

आद0 सलीम रज़ा जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफजाई का बहुत बहुत आभार। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 1:34pm

आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। रचना के अनुमोदन के लिए हृदय तल से आभार आपका। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 1:33pm

आद0 आली जनाब समर साहब सादर प्रणाम। रचना पर आपकी उपस्थिति का मुझे बेसब्री से इंतिजार रहता है। आपको कुंडलिया पसन्द आयी, लिखना सार्थक हुआ। सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 10:09am

आ. भाई सुरेंद्र जी, सुंदर कुंडलियाँ हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by SALIM RAZA REWA on January 2, 2018 at 9:16pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,नव वर्ष पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने, मुबारक़बाद ।
Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 8:43pm

आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी आदाब,

                   नववर्ष के आगमन पर बेहतरीन कुंडलियाँ रची । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Samar kabeer on January 2, 2018 at 5:37pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,नव वर्ष पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 2, 2018 at 3:49pm

आद0 मोहित मुक्त जी सादर अभिवादन। रचना पसन्द आयी,लिखना सार्थक हुआ। आभार आपका

Comment by नाथ सोनांचली on January 2, 2018 at 3:48pm

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। आपकी प्रशंशा करती बेहतरीन प्रतिक्रिया से बेहतर लिखने को प्रेरणा मिलती है। बहुत बहुत आभार आपका

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  दोहा छन्द * कोई  छत टिकती नहीं, बिना किसी आधार। इसीलिए मिलजुल सभी, छत को रहे…"
5 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, प्रदत्त चित्र पर अच्छे दोहे रचे हैं आपने.किन्तु अधिकाँश दोहों…"
23 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"देती यह तस्वीर  है, हम को तो संदेशहोता है सहयोग से, उन्नत हर परिवेश।... सहयोग की भावना सभी…"
26 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"   आधे होवे काठ हम, आधे होवे फूस। कहियो मातादीन से, मत होना मायूस। इक दूजे का आसरा, हम…"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्र को साकार करता बहुत मनभावन गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहावलीः सभी काम मिल-जुल अभी, होते मेरे गाँव । चाहे डालें हम वहाँ, छप्पर हित वो छाँव ।। बैठेंगे…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"दिये चित्र में लोग मिल, रचते पर्ण कुटीरपहुँचा लगता देख ये, किसी गाँव के तीर।१।*घास पूस की छत बना,…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हाड़ कंपाने ठंड है, भीजे को बरसात। आओ भैया देख लें, छप्पर के हालात।। बदरा से फिर जा मिली, बैरन…"
13 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .सागर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । सर यह एक भाव…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .सागर
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा लेखन किया है आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। बहुत बहुत…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .सागर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .सागर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service