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आपका हक़ - डॉo विजय शंकर

क्या कहा ,
आपका हक़ आपको
दिया नहीं गया ?
क्योंकि हक़ आपका आपसे
हाथ जोड़ के माँगा नहीं गया।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 661

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Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:36pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:35pm
आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी ,किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित से अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:31pm
आदरणीय विजय निकोर जी , आप कैसे हैं ? किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित एक सुकून देती है , अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:24pm
आदरणीय रामबली जी , आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया और अभिव्यक्ति के लिए ह्रदय से आभार और धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:24pm
आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , आपको रचना अच्छी लगी , आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:24pm
आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर.
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:17pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और उसे मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर .
Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2017 at 8:17pm
आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , पिछले कई महीने कोस्टा रीका में रहना हुआ , वहां नेट की प्रॉब्लम रहती है , लिखने और पोस्ट करने का मजा ही चला जाता है , अतः कुछ लेखन हो नहीं पाया , फिर घूमें फायर भी बहुत , कभी उस पर भी लिखेंगे। आपकी परख को सलाम। एक शब्द भी हो तो छू लेते हैं , पंकियाँ तो आपकी पकड़ में ही अपना मूल्यांकन पाती हैं। किसी भी रचना पर आपकी उपास्थिति स्वयं में उसकी स्वीकृति का प्रमाण होती है। इस रचना को इतना उच्च मान देने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार और धन्यवाद , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2017 at 11:26am

बहुत खूब , आदरणीय हार्दिक बधाई आपको ।

Comment by नाथ सोनांचली on September 27, 2017 at 8:26am
आद0 डॉ विजय शंकर जी सादर अभिवादन, कम शब्दों में बहुत अच्छी अभिव्यक्ति। बधाई स्वीकार करें। सादर

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