For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

''हंगाम फितरत पाल बैठा हूँ''

2212  2212   22

क्या ख़ूब आफ़त पाल बैठा हूँ

दिल में शराफ़त पाल बैठा हूँ

.

मुफ़्त इक मुसीबत पाल बैठा हूँ

बुत की मुहब्बत पाल बैठा हूँ

.

क्यूँ ये सितारे हैं ख़फ़ा मुझसे?

जो तेरी चाहत पाल बैठा हूँ

.

वो बेवफा कहने लगा मुझको

जबसे मुरव्वत पाल बैठा हूँ

.

कोई तो तुम अब फ़ैसला दे दो

पत्थर की सूरत पाल बैठा हूँ

.

गर तू तगाफुल पे अड़ा है

सुन मैं भी वहशत पाल बैठा हूँ

.

वारे तमन्ना-ए-वफ़ा-ए-य़ार

ख़ुद से बग़ावत पाल बैठा हूँ

.

दीवानगी है गो ख़ुराके इश्क़

हंगाम फितरत पाल बैठा हूँ

*****************************************

मौलिक व् अप्रकाशित © ‘जान’ गोरखपुरी

*****************************************

Views: 744

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on September 16, 2015 at 4:27pm

उत्साहवर्धन के लिए आभार आ० शिज्जू सर,जिहाफ़ की मुझे बहुत जानकारी नहीं है,आगे से इस तरह के बह्र के सम्बन्ध ज़रूर सलाह ले लिया करूँगा,आ० मार्गदर्शन बनाएं रक्खें!

Comment by MUKESH SRIVASTAVA on September 16, 2015 at 12:26pm

kyaa baat hai mtira


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on September 16, 2015 at 12:06pm

बहुत बढिया प्रस्तुति .... आदरणीय शिज्जु जी की बात पर गौर कीजियेगा 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 16, 2015 at 10:59am

बहुत बढ़िया प्रिय कृष्णा

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 16, 2015 at 9:39am
क्या ख़ूब आफ़त पाल बैठा हूँ
दिल में शराफ़त पाल बैठा हूँ।
बहुत खूब, सुन्दर , बधाई , प्रिय कृष मिश्रा जी , सादर।
.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 16, 2015 at 8:42am
बहुत बढ़िया कृष्ण मिश्राजी इस ग़ज़ल के लिये बधाई। बह्र के चयन से पहले तस्दीक कर लें कि वो मान्य बह्र है या नहीं 2212 मूल बह्र हजज है जहाँ तक मेरी जानकारी है इसका जिहाफ़ नहीं बनेगा।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on September 15, 2015 at 7:24pm
.यह शेर कुछ इस तरह है-
गर तू तगाफुल पे अड़ा है तो^^
सुन मैं भी वहशत पाल बैठा हूँ

टाइपिंग में 'तो'छूट गया था।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on September 15, 2015 at 4:33pm
तहेदिल से शुक्रिया आ0 रवि जी|
Comment by Ravi Shukla on September 15, 2015 at 11:36am

अादरणीय जान गोरखपुरी जी ग़ज़ल के लिये बधाई कुबूल करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
10 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
12 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
13 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर खुशी हुई। हार्दिक आभार आपका। बहुत बहुत…"
14 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय वामनकर सर,आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सर्जन सार्थक हुआ। हार्दिक आभार।🙏"
15 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय गणेश बागी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। जो बात आदरणीय तिलकराज कपूर जी ने कही है उस पर…"
20 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह,वाह,पर्यावरण पर बेहतरीन ग़ज़ल। बधाई हो आद. धामी जी।"
23 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण की चिंता में कही गयी लाजवाब ग़ज़ल आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी। हार्दिक बधाई।"
25 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपने जो बात कही उस पर ध्यान दूंगा। सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
26 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर सर मेरी प्रस्तुति को मान देकर उत्साहवर्धन हेतु आपका दिल से आभार। 🙏"
28 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय डॉ. प्राची सिंह जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
29 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, आपकी टिप्पणी का स्वागत। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
32 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service