For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(२१२२ १२१२ २२)

एक बीमार की दवा जैसे
तुम मेरे पास हो ख़ुदा जैसे |

साँस-दर-साँस ज़िन्दगी का सफ़र
और तुम आखिरी हवा जैसे |

उनकी आँखों में बस मेरा चेहरा
आइनों से हो सामना जैसे |

रूह ! बेकार है बदन तुझ बिन
इक लिफ़ाफ़ा है बिन पता जैसे |

आपकी मुस्कुराहटों की कसम
हो गया जन्म दूसरा जैसे |

- आशीष नैथानी 'सलिल'
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 811

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 4, 2013 at 10:15pm

आपका तहेदिल से शुक्रिया आदरणीया डॉ. प्राची जी  !

Comment by ram shiromani pathak on December 4, 2013 at 9:00pm
वाह भाई वाह मज़ा आ गया। …। बहुत बहुत बधाई आपको

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 4, 2013 at 8:29pm

 सुन्दर ग़ज़ल कही है आशीष जी 

उनकी आँखों में बस मेरा चेहरा
आइनों से हो सामना जैसे |

रूह ! बेकार है बदन तुझ बिन
इक लिफ़ाफ़ा है बिन पता जैसे |

ये दो शेर तो बस लाजवाब हुए हैं 

बहुत बहुत बधाई 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 4, 2013 at 7:58pm

बहुत-बहुत शुक्रिया भाई अरुण जी |
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज जी |
बहुत-बहुत शुक्रिया भाई तपन जी | :))

Comment by Tapan Dubey on December 4, 2013 at 6:45pm
उनकी आँखों में बस मेरा चेहरा
आइनों से हो सामना जैसे | क्या बात क्या बात वाह वाह

आपकी मुस्कुराहटों की कसम
हो गया जन्म दूसरा जैसे | वाह वाह

बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 4, 2013 at 6:23pm

आदरणीय आशीष भाई , आजवाब गज़ल कही है , आपको हार्दिक बधाई !!!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 4, 2013 at 5:17pm

वाह भाई वाह बहुत ही शानदार ग़ज़ल सभी अशआर बहुत पसंद आये मजा आ गया भाई दिली दाद कुबूल फरमाएं

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on December 4, 2013 at 12:18pm

शुक्रिया गीतिका जी !
शुक्रिया भाई शिज्जू जी | कशम को कसम कर लिया है !  :))
शुक्रिया डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 4, 2013 at 11:03am

सलिल जी

आपको ग़ज़ल के लिए मुबारकवाद i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 4, 2013 at 10:44am

बहुत अच्छी ग़ज़ल है भाई आशीष जी तमाम अशआर अच्छे हुये हैं बधाई आपको। बस कशम तो कसम कर लीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
37 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service