For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || कोई अच्छा बहाना देख लेना ||

कोई अच्छा बहाना देख लेना

कहीं दिलकश ठिकाना देख लेना /१ 

अगर मिलना हो तुमको हमनशीं से 

तो फिर मौसम सुहाना देख लेना/२  

भले ही मुश्किलों में हम पले हैं

हमारा मुस्कुराना देख लेना/३  

मजा लेना अगर है दुश्मनी का

कोई  दुश्मन पुराना देख लेना /४  

किसी की आबरू यूँ मत उछालो

कभी इज्ज़त गंवाना देख लेना/५  

सितारों की कबड्डी में मजा क्या 

कभी परदा हटाना देख लेना /६  

हमारा ‘सारथी’ है नाम समझे

मिज़ाजे - शाइराना देख लेना /७  

.............................................
*सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित 
बह्र : १२२२ १२२२ १२२ 

 

Views: 935

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on September 24, 2013 at 10:40pm

डॉक्टर आशुतोष मिश्र :
आदरणीय डॉक्टर साहब ..मेरी पहली ग़ज़ल को भी आपकी स्नेहिल सराहना मिली थी...और इस ग़ज़ल को भी !...अच्छा लगा कि हमारे अग्रज हमें पढ़ और सिखा रहे हैं ...आशीष देते रहिएगा !...सादर नमन सहित :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 24, 2013 at 10:39pm

श्रीमती मीना पाठक जी :
अनेक धन्यवाद देवी जी .... नवाजिश ...करम...मेहरबानी ! :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 24, 2013 at 10:37pm

श्रीमती राजेश कुमारी जी :
महोदया... ऋणी रहूँगा आपके इस अनुपम स्नेह का !...आपका आशीर्वाद पाकर सचमुच आनंदित हूँ ..! ह्रदय तल से नमन आपको :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 24, 2013 at 10:35pm

श्री बसंत नेमा जी :
मान्यवर .... स्नेह बनाये रखियेगा ...! आपको ग़ज़ल पसंद आई ...अच्छा लगा ..! कोटिशः आभार सहित :)

Comment by Saarthi Baidyanath on September 24, 2013 at 10:34pm

आदरणीय अजय शर्मा जी :
महाशय ... बहुत बहुत आभार आपका ! ह्रदय से नमन स्वीकार करें ...:)

Comment by Parveen Malik on September 24, 2013 at 11:36am
बढ़िया गजल ... बधाई आदरणीय ..
Comment by अरुन 'अनन्त' on September 24, 2013 at 10:44am

आदरणीय भाई जी क्या कहने बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल कही है भाई मजा आ गया सुबह सुबह ओ बी ओ पर आना सुखद लगता है भाई उस पर पहली रचना अच्छी पढने को मिल जाए तो बात ही क्या, बहुत ही सुन्दर अशआर भाई दिल से बधाई स्वीकारें.

अजी.... अच्छा बहाना देख लेना,

किसी को हो पता ना.. देख लेना | ... भाई ना के प्रयोग से बचें.

किसी की आबरू ..यूँ मत उछालो

कभी इज्ज़त गंवाना .. देख लेना | वाह क्या कहने बहुत ही सुन्दर भाई

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 24, 2013 at 10:39am

बेहतरीन ...आपका शायराना अंदाज बेहद भाया ..सादर बधाई के साथ 

Comment by Meena Pathak on September 23, 2013 at 7:30pm

बहुत खूब ... देख लिया, ढेरों दाद क़ुबूल कीजिये 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 23, 2013 at 2:47pm

हमारा ‘सारथी’ है नाम..... समझे

मिज़ाजे - शाइराना.... देख लेना  |
..........देख लिया जी देख लिया आपका भी और आपकी खूबसूरत ग़ज़ल का भी मिज़ाज देख लिया वाह बढ़िया ग़ज़ल लिखी है 

सारथी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
1 hour ago
Sushil Sarna posted blog posts
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
22 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
22 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service