For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौजूँ मत

राजनीति की दूषित दरिया,मिलकर स्वच्छ बनाएं
मतदाता परिपक्व हृदय से,अपना फर्ज निभाएं ll

माननीय बन वीर बहूटी,नित नव रूप दिखाएं
ये बर्राक करें बर्राहट ,इनको सबक सिखाएं ll

किरकिल सा बहुरूप बदलते,झटपट चट कर जाते
ये बरजोर करें बरजोरी, खाकर नहीं अघाते ll

वक्त आ गया समझाने का,अब इनको मत छोड़ो
सेवक नहीं बतोला बनजी, दोखी दंश मरोड़ो.ll

हर मत की कीमत को समझें,है मतदान जरूरी
बूथों पर मौजूँ मत करके, इच्छा कर लें पूरी.ll

मत बिन वजूद है खतरे में,मत से मान बढ़ाएं
राजनीति के बड़े वदावद, अबकी बाहर जाएं.ll

विकटाकार विकर्म करें जो, उनको मत मत देना
समाज को विकलित करता जो,सारे सुख हर लेना.

विकारमय मन नहीं बनाना, मत करने जब जाना
विचलन से विचार दूषित कर,हरगिज ना विचलाना.

विगुण व्यक्ति होवें निर्वासित,तब यह देश बनेगा
मतदाता मर्यादित होगा, सुंदर चमन सजेगा ll

डॉ. छोटेलाल सिंह

मौलिक एवं अप्रकाशित
(वीर बहूटी-लाल बरसाती कीड़ा,बर्राक-चालाक,बर्राहट-बकवास,किरकिल गिरगिट,बरजोरी-जबरदस्ती,बनजी-व्यापारी,दोखी दोषी,बतोला-धोखा,मौजूँ-ठीक ठाक,वंचक-धोखेबाज,वंचन-ठगी धोखा,वंटक-बाँटने वाला,वदाहद-वाचाल,विकलित-पीड़ित,विकर्म-दूषित कर्म,विकटाकार-भीषण रूप वाला)

Views: 485

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 10:57am

जनाब डॉ. छोटेलाल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 1, 2019 at 7:52pm

भाई सुरेन्द्र जी आपका बहुत बहुत आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 1, 2019 at 7:51pm

आदरणीय सुशील सरना जी सादर अभिवादन उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार

Comment by नाथ सोनांचली on May 1, 2019 at 6:09pm

आद0 डॉ छोटेलाल भैया सादर अभिवादन। समसामयिक बेहतरीन रचना पर आपको बधाई प्रेषित है। सादर

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2019 at 3:25pm

वाह आदरणीय डॉ छोटे लाल जी , वर्तमान को जीती बेहद प्रभावी सृजन। दिल से बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Sep 30
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Sep 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service