For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"अद्भुत तंत्र की अद्भुत घुट्टी" (लघुकथा)

"... और अब बंदरों से निबटने का फार्मूला भी सुन लो! बंदरों से बचना है, तो उनकी आरती करो! चालीसे गाओ, गव्वाओ!"- एक जंगली 'बंदर' को गोद में बिठाले धार्मिक वस्त्रधारी चर्चित नेताजी ने राष्ट्र के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, तो महाविद्यालय के उस सभागार में कुछ श्रोता युवक आपस में खुसुर-पुसुर करने लगे।


"धर्म के सदियों पुराने पिंजरों में क़ैद रह कर 'विज्ञान और तकनीकी तरक़्क़ी' के गीत गाओ!" एक नवयुवक ने कहा।


"अरे नहीं यार! अपने-अपने धर्म की 'बंदर-घुट्टी' पी-पी कर जोगी-भोगी बनकर बढ़िया पद पाओ और दबंगई या सत्ता सुख पाओ!" दूसरे ने कहा।


"इनकी तरह गांधीजी के तीनों बंदरों की उपेक्षा कर उन्हें भुला दो और इनकी तरह अक़्ल पर ताले जड़कर 'जंगली बंदर' बन कर विदेशी पिंजरों में क़ैद हो जाओ!" उनके बीच में बैठे तीसरे साथी ने धीरे से कहा- ".. और देशी उद्योगपति बंदरों को गोदी में बिठाकर 'नीतियां और क़ानून' बनवाओ, विदेशियों के 'नकलची बंदर' बनकर!"


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 13, 2018 at 8:33pm

मेरी इस रचना पटल पर भी समय देकर अपने तत्संबंधी विचार सांझा करते हुए मेरी हौसला अफ़ज़ाई करने हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब और मुहतरमा बबीता गुप्ता साहिबा। सभी पाठकों (विउअर्ज़) को भी समय देने हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया।

Comment by babitagupta on September 5, 2018 at 6:26pm

देश की व्यवस्था पर विदेशी हस्तक्षेप को व्यान करती रचना।हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय  शेख सरजी।

Comment by Samar kabeer on September 2, 2018 at 2:30pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service