For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


" आप समस्त शहरवासियों से हाथ जोड़कर विनम्र अपील करता हूँ कि इस बार होने जा रहे 'स्वच्छता सर्वेक्षण ' में बढ़ चढ़कर भाग लें , अपना सकारात्मक फीडबेक देकर शहर को स्वच्छता की सूची में नंबर-वन बनाएँ ।यह शहर आपका है , इसे अपने घर की भाँति साफ-सुथरा और सुंदर बनाएँ। यह सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है । शहर का नाम पूरे देश में रोशन करें । अपने आसपास गंदगी को फटकने न दें , घरों से निकलने वाला गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डस्टबिन में डालें । मुझे उम्मीद है इस बार हमारा शहर स्वच्छता में पूरे देश में नंबर-वन आएगा । शहर का महापौर होने के नाते मेरी समस्त शहरवासियों से यही अपील है । बहुत-बहुत आभार और हृदय से धन्यवाद !" उपस्थित जन समुदाय ने ज़ोरदार तालियाँ बजाई । कुछ देर बाद मंच पर चाय नाश्ते का जबर्दस्त दौर चला । चाय नाश्ते के बाद महापौर ने सबका आभार मान चमचमाती कार में रवाना हो गए । मंच से धीरे-धीरे सारे अतिथि चले गए । मंच से अगर अभी तक नहीं गईं थी तो वे थीं खाली बोतलें , गिलासें , प्लेट्स ,चम्मच , मिठाई और नमकीन के खाली पैकेट्स , पॉलिथीन बैग्स जो " स्वच्छता अभियान " को मुँह चिढ़ा रही थी । कुछ देर रूकने के बाद वे भी हवा के रूख के साथ इधर-उधर जाने लगी ।

मौलिक एवं अप्रकाशित। ।

Views: 525

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on March 26, 2018 at 8:44pm

दिली आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी । लेखन सार्थक हो गया ।

Comment by TEJ VEER SINGH on March 26, 2018 at 8:08pm

बेहतरीन लघुकथा आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। हार्दिक बधाई।

Comment by Mohammed Arif on March 26, 2018 at 1:11pm

हृदयतल से दिली आभार आदरणीय नीलेश जी । आजकल पूरे देश में बुनियादी मुद्दों से भटकाकर सिर्फ हाथ में झाड़ू थमा दी गई है ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 26, 2018 at 1:03pm

बहुत उम्दा लघुकथा हुई है भाई ..और सामयिक भी 
ढकोसले    के सिवा कुछ है ही नहीं कहीं 
बधाई 

Comment by Mohammed Arif on March 26, 2018 at 1:01pm

आपकी अमूल्य और निरपेक्ष टिप्पणी ने इस लघुकथा पर सफलतम लघुकथा होने की सशक्त मोहर लगा दी। बहुत-बहुत आभार आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।

Comment by Samar kabeer on March 26, 2018 at 12:23pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,हमेशा की तरह एक अच्छी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on March 26, 2018 at 7:57am

रचना के अनुमोदन , निरपेक्ष टिप्पणी से पोषित करने का बहुत-बहुत आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 25, 2018 at 8:00pm

चिर-परिचित व्यंग्यात्मक कथानक पर सर्वथा भिन्न शैली व शिल्प में बढ़िया कटाक्षपूर्ण तीखी लघुकथा के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।

Comment by Mohammed Arif on March 25, 2018 at 4:31pm

आदरणीय सोमेश जी आदाब,

                       लघुकथा का विषय एक जैसा हो सकता है मैं बात से कतई इंकार नहीं करता हूँ बल्कि आपकी बात का समर्थक भी हूँ । प्रत्येक लघुकथाकार का नज़रिया अलग-अलग होता है । फिर उसका कथ्य , शिल्प ,कथानक और प्रस्तुतिकरण भी भिन्न होता है । साथ ही साथ उसकी अपनी भाषा-शैली भी मौलिक होती है । कुल मिलाकर वह आपके सामने नये प्रभावी कथानक के साथ एक पस्थित होता है । मेरी इस लघुकथा में अति यथार्थवाद आपको मिलेगा । एक बात और स्पष्ट कर दूँ कि यह मेरे श शहर में घटित हुई सत्य घटना पर आधारित है । मंच से महापौर महोदय के जाने के बाद यह सबकुछ हुआ । ऐसे दृश्य स्वच्छता को लेकर अक्सर देखे जाते हैं ।

                                 लघुकथा को अपनी अमूल्य टिप्पणी से पोषित करने का बहुत-बहुत आभार ।

Comment by somesh kumar on March 25, 2018 at 3:01pm

लघुकथा अच्छी है पर शायद इसी प्रकार की लघुकथा पहले कभी पढ़ी थी |खैर ! समान विषय पर कई सारी रचनाएँ सम्भव हैं ,मुख्य वस्तु है रचना का संदेश और प्रस्तुतिकरण |स्वयम दिल्ली के रामलीला मैदान  में मोदी जी के किसी भाषण के बाद ऐसे ही खबर आई थी |

पिछले वर्ष हम सभी विभागीय कर्मियों को एप्प द्वारा अपने प्रदेश का स्वच्छता सर्वे करने का आदेश जारी हुआ था |जबकि उससे पहले सफाई एप्प से शिकायतें दर्ज कराने और उसे प्रचारित करने की बात की गयी |हम अध्यापकों ने खुद कुछ शिकायतें डाली और बदले में अधूरे कामों पर कार्य पूर्ण होने का जवाब मिला |

वस्तुतः बदलाव अपील से नहीं होता यह आत्मानुभूति एवं पहल की वस्तु है |

कहानी एक कटाक्ष है और लघुकथा के रूप में सफल प्रतीत होती है |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
12 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
13 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
13 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service