For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

है शिकायत दिल को ऐसा क्यूँ नहीं.....{.ग़ज़ल } संतोष

 अरकान : फ़ाइलातून   फ़ाइलातून  फ़ाइलुन  

है शिकायत दिल को ऐसा क्यूँ नहीं
जब तू मेरा है तो लगता क्यूँ नहीं

जब नज़र से मिल नहीं पाती नज़र
ख़्वाब से बाहर निकलता क्यूँ नहीं

लग रही है क्यूँ थमी दुनिया मुझे
तू भी मौसम सा बदलता क्यूँ नहीं

है ज़बाँ चुप और धड़कन तेज़ है
तू इशारों को समझता क्यूँ नहीं

जिस्म ठण्डा पड़ गया'संतोष' का
आग अपनी उसको देता क्यूँ नहीं

#संतोष खिरवड़कर
{ मौलिक एवं अप्रकाशित }

Views: 702

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on September 10, 2017 at 10:48pm
नमस्कार/सलाम ,
तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय सलीम साहब !
Comment by SALIM RAZA REWA on September 10, 2017 at 10:35pm
भाई संतोष जी ग़ज़ल के लिए बधाई,
Comment by santosh khirwadkar on September 10, 2017 at 10:35pm
शुक्रिया आदरणीय महेंद्र जी ..
Comment by Mahendra Kumar on September 10, 2017 at 8:06pm

अच्छी ग़ज़ल है आ. संतोष जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by santosh khirwadkar on September 9, 2017 at 2:00pm
धन्यवाद आदरणीय रोहित जी ..आभार!!
Comment by santosh khirwadkar on September 9, 2017 at 1:59pm
शुक्रिया आदरणीय बृजेश जी ...आभार!
Comment by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on September 9, 2017 at 1:46pm

खूबसूरत ग़ज़ल संतोष जी.....  हार्दिक बधाई स्वीकारें  mlahars

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 9, 2017 at 11:17am
वाह वाह बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई..बहुतखूब
Comment by santosh khirwadkar on September 8, 2017 at 10:17pm
शुक्रिया ,आदरणीय आशुतोष जी ...आप की ये दाद इस मंच से सम्माननीय श्री समर साहब को समर्पित!!!!
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 8, 2017 at 9:16pm
आदरनीय संतोष जी अच्छी ग़ज़ल हुयी है हार्दिक बधाई स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" पर्यावरण की इस प्रकट विभीषिका के रूप और मनुष्यों की स्वार्थ परक नजरंदाजी पर बहुत महीन अशआर…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"दोहा सप्तक में लिखा, त्रस्त प्रकृति का हाल वाह- वाह 'कल्याण' जी, अद्भुत किया…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीया प्राची दीदी जी, रचना के मर्म तक पहुंचकर उसे अनुमोदित करने के लिए आपका हार्दिक आभार। बहुत…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी इस प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरे प्रयास को मान देने के लिए। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह एक से बढ़कर एक बोनस शेर। वाह।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"छंद प्रवाह के लिए बहुत बढ़िया सुझाव।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"मानव के अत्यधिक उपभोगवादी रवैये के चलते संसाधनों के बेहिसाब दोहन ने जलवायु असंतुलन की भीषण स्थिति…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" जलवायु असंतुलन के दोषी हम सभी हैं... बढ़ते सीओटू लेवल, ओजोन परत में छेद, जंगलों का कटान,…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी है व्योम में, कहते कवि 'कल्याण' चहुँ दिशि बस अंगार हैं, किस विधि पाएं त्राण,किस…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"भाई लक्षमण जी एक अरसे बाद आपकी रचना पर आना हुआ और मन मुग्ध हो गया पर्यावरण के क्षरण पर…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service