For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वागत नव् वर्ष का .....डॉo विजय शंकर

जीना ,
जीने से बढ़ कर
जीने की इच्छा ,
इच्छा के साथ
और इच्छायें ,
आशायें , उम्मीदें।
एक आस , हर
आनेवाले दिन से ,
वर्ष से .........
स्वागत नव् वर्ष का .......
कुछ अर्पण के लिए
कुछ समर्पण के भाव लिए
कुछ नये वादों के साथ ,
कुछ दृढ़ इरादों के साथ ....
स्वागत नव् वर्ष का .......

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 617

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 17, 2017 at 11:04pm

आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी , नववर्ष पर बहुत अच्छी रचना हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।


Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2017 at 9:09pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , रचना की स्वीकृति हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष आपको सपरिवार मंगलमय हो , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2017 at 9:32am

आदरणीय विजय भाई , नये साल पर अच्छी रचना हुई है , दिल से बधाइयाँ  रचना के लिये और आपको भी नये साल की हार्दिक शुभ कामनाये

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2017 at 4:56am
प्रिय मिथिलेश वामनकर जी , रचना को स्वीकृति प्रदान करने हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 2, 2017 at 11:35pm

आदरणीय डॉ. विजय शंकर सर, नववर्ष पर बहुत अच्छी रचना हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:31pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्र जी , रचना हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:28pm
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार ,जिंदगी तो महत्वपूर्ण है ही , साथ ही जीने की इच्छा भी उतनी ही जरूरी है और वह इच्छा बलवती होती है उस परिवेश से जिसमें हम रहते हैं। आपका बहुत आभार एवं धन्यवाद और नव् वर्ष की अनेकानेक शुभकामनाएं , आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:23pm
आदरणीय महेंद्र कुमार जी , आभार एवं नव् वर्ष की अनेकानेक मंगल कामनाएं , सादर।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 2, 2017 at 8:31pm
आदरणीय विजय सर नव वर्ष का स्वागत करती इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करिं सादर
Comment by Samar kabeer on January 2, 2017 at 5:19pm
आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,इंसानी फ़ितरत की कितनी ख़ूबी और हुनर मंदी से कविता का रूप दिया है आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें,साथ ही नये साल की मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
11 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
12 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service