For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -नूर 'मैं काफ़िर हूँ प् ना-शुक्रा नहीं हूँ'

१२२२/१२२२/१२२ 

किसी की आँख का क़तरा नहीं हूँ
ग़ज़ल में हूँ मगर मिसरा नहीं हूँ.
.
न जाने क्या करूँगा ज़िन्दगी भर  
तेरे सदमे से मैं उबरा नहीं हूँ.
.
अना से आपकी टकरा गया था
मैं टूटा हूँ मगर बिखरा नहीं हूँ.
.
खुदाया हश्र पर नरमी दिखाना
मैं काफ़िर हूँ प् ना-शुक्रा नहीं हूँ.
.
सफ़र में हूँ, कोई सूरज हो जैसे
कहीं भी एक पल ठहरा नहीं हूँ.
.
तराशेगी मुझे कुछ और क़िस्मत
अभी पूरी तरह निखरा नहीं हूँ.
.
सुखाती हैं नमी दिल की, हवाएँ
समंदर हूँ मगर गहरा नहीं हूँ.
.  
मैं पूरी तौर पे बिगड़ा नहीं था
मैं पूरी तौर पे सुधरा नहीं हूँ.
..
मैं सुनता हूँ तेरी हर एक धड़कन
मेरे नादान दिल! बहरा नहीं हूँ.
.  
बताऊँ ख़ामियाँ कैसे मैं तेरी
मैं अपने आप से गुज़रा नहीं हूँ.
.
भिगो दूँ आ तुझे बाहों में लेकर
बरसता अब्र हूँ सहरा नहीं हूँ.  
.
नूर 
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 31, 2015 at 2:00pm

शुक्रिया आ. लक्ष्मण जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 31, 2015 at 5:56am

वाह ! क्या कहने आ0 नीलेश भाई , कोटि कोटि बधाई .

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 30, 2015 at 8:10pm

शुक्रिया आ. हरी प्रकाश जी ...अभी मत थकिये...इससे मुझे हौसला मिलता है 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 30, 2015 at 8:01pm

आदरणीय निलेश जी , अब तो बधाई देते देते थक गया हूँ , पर फिर से लीजिये इस शानदार रचना पर ! हा हा ..सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 30, 2015 at 10:44am

शुक्रिया शिज्जू भाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 29, 2015 at 12:54pm

आपकी जितनी ग़ज़लें पढ़ता हूँ उतनी शिद्दत से आपका फैन होता जाता हूँ बेहतरीन ग़ज़ल है किस शे'र को बेहतर कहूँ हर शे'र पर बस वाह वाह है निलेश भाई हर शे'र के लिए दाद हाज़िर है

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 28, 2015 at 8:15pm

शुक्रिया आ. डॉ. साहब. आप जैसे विचारवान लेखक से दाद मिलने से अभिभूत हूँ 
सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 28, 2015 at 8:12pm

शुक्रिया आ. वंदना जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 28, 2015 at 8:12pm

शुक्रिया आ. श्याम जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 28, 2015 at 6:47pm

आदरणीय नूर जी

अब जब गजल में हाथ पैर आजमा रहा हूँ तो इसकी गहराई कुछ जादा ही समझ में आरही है . आप तो  शिखर पर है . आपके  शेरो में सम्पूर्णता देखने को मिलती है . हर शेर बाकमाल .

 

मैं पूरी तौर पे बिगड़ा नहीं था
मैं पूरी तौर पे सुधरा नहीं हूँ.
..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
10 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
13 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service