For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल .........;;;गुमनाम पिथौरागढ़ी

२१२२ २१२२

नीम सी कोई दवा हूँ

आदमी मैं काम का हूँ

भाग से मैं हूँ बुरा पर

शख्स लेकिन मैं भला हूँ

दो घडी रूकता ना कोई

मैं सड़क का हादसा हूँ

स्वार्थ भर को ही जरूरत

क्या मैं कोई देवता हूँ

ढूँढता हूँ अपनी मंजिल

ख़त कोई पर बेपता हूँ

गुमनाम पिथौरागढ़ी

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 722

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by khursheed khairadi on March 1, 2015 at 7:43pm

नीम सी कोई दवा हूँ

आदमी मैं काम का हूँ

आदरणीय गुमनाम साहब उम्दा ग़ज़ल हुई  है |ढेरों दाद कबूल फरमावें |सादर  |

Comment by somesh kumar on March 1, 2015 at 12:09pm

देखन में छोटे लगें बात कहे गम्भीर 

पढ़ के शे'र तुम्हारे मनवा हुआ अधीर 

जो मेरी पीर है वो तेरी भी पीर 

गुमनामी को नाम तो देती है तकदीर 

Comment by gumnaam pithoragarhi on February 28, 2015 at 9:35pm

धन्यवाद दोस्तों गिरिराज जी धन्यवाद वाकई इस बदलाव से बेहतर नज़र आता है

Comment by Nirmal Nadeem on February 28, 2015 at 11:58am

bahut khoooob waaah waaaah


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 28, 2015 at 7:54am

दो घडी रूकता ना कोई

मैं सड़क का हादसा हूँ  , -----  बहुत खूब आदरणीय गुमनाम भाई , बढिया ग़ज़ल के लिये बधाई ।

ढूँढता हूँ अपनी मंजिल

ख़त कोई पर बेपता हूँ    ----     खत कोई ज्यों बेपता हूँ  , शायद जियादा सही लगे , सोच के देखियेगा ॥

Comment by gumnaam pithoragarhi on February 27, 2015 at 6:11pm

धन्यवाद दोस्तों आप लोगो की सराहना से लिखने को प्रेरणा मिलती रहती है ,,,,,,,,,,,,,

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 27, 2015 at 1:11pm

दो घडी रूकता ना कोई

मैं सड़क का हादसा हूँ-------------------- बहुत उम्दा i  आ० गुमनाम जी i

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 27, 2015 at 10:48am
दो घडी रूकता ना कोई
मैं सड़क का हादसा हूँ ॥
बधाई, आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी, सादर।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on February 26, 2015 at 10:13pm

क्या साहेब क्या लिखते है आप!आपसे पहले भी हम मुखातिब हो चुके है..और हर बार वही सितम आपने किया है..आपको हम क्या दाद दें..आपके हर एक शेर से रश्क होता है!!यही दुआ है के...

आप यूँ ही चालें चलते रहे!

और हम इसी तरह जलते रहें!!

Comment by maharshi tripathi on February 26, 2015 at 9:28pm

इस खूबसूरत गजल पर आपको बधाई ,,आ. गुमनाम पिथौरागढ़ी जी|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
7 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी दोनों सहकर्मी है।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। कई…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service