For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : बदलाव (गणेश जी बागी)

                                निगरानी टीम रघुआ को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई, दरअसल वो सब्जी बाज़ार मे अवैध बिजली वितरण का धंधा स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से चला रहा था और प्रतिदिन प्रति बल्ब २० रुपये की वसूली सब्जी दुकानदारों से करता था.

                                लेकिन दूसरे ही दिन वो पुलिस हिरासत से वापस आ गया. कुछ विशेष नही बदला, सब कुछ पहले की तरह ही चलने लगा, बस अब बिजली किराया प्रतिदिन ३० रुपया हो गया था.

(मौलिक व अप्रकाशित)

पिछला पोस्ट => लघुकथा : महाचोर

Views: 1015

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 12, 2015 at 1:52am

कटु सत्य 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 10, 2014 at 7:09pm

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हौसलाफजाई करती है, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 10, 2014 at 7:06pm

लघुकथा आप तक पहुँच सकी,लेखन कर्म सार्थक हुआ, उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय आशुतोष मिश्र जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 10, 2014 at 7:06pm

सराहना हेतु आभार आदरणीय जितेन्द्र गीत जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 10, 2014 at 7:03pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, लघुकथा पर आपकी उपस्थिति उत्साहवर्धन का कारण है, हौसलाफजाई हेतु बहुत बहुत आभार।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 10, 2014 at 7:03pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय दीपक कुलवी जी .

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on August 8, 2014 at 9:02am

गले मिले मौसेरे भाई । दोनों की बन आई ॥

इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि .......                                                                                                                 मिल बाँट के हम सब खायें। इस देश का  धर्म निभायें॥                                                                                                   लघु कथा पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय गणेश भाई 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 7, 2014 at 10:07pm

उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 7, 2014 at 10:06pm

आदरणीय उमाशंकर जी, ओ बी ओ परिवार में आपका सदैव स्वागत है, हम सभी आपका इन्तजार करते हैं, मेरी रचनाओं को पसंद करने हेतु दिल से आभारी हूँ। 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 7, 2014 at 10:03pm

आप के कहे से सहमत हूँ आदरणीय डॉ गोपाल नारायण जी, आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार।  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
11 hours ago
ajay sharma shared a profile on Facebook
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service