For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौन !

ये कैसा मौन ?

अन्तर्मन में ,

कुछ टूटता सा ,

सुनाई देती जिसकी गूंज देर तक !

हर घटना पर छोड़ जाता कई यक्ष प्रशन !

आँखों में ये कैसा मौन ?

लबो पे ये कैसा मौन ?

दिल में बरछी की तरह गड़ता ,

तीर की तरह चुभता ये मौन ,

ये गवाह है एक बड़े विनाश का !

और जवाब है खुद ही अबूझ सवालों का ,

दिल की हर भावना से जुड़ा ,

मन के किसी कोने में पला ,

पल पल गहराता जाता,

ये कैसा अबूझ मौन ?

जो पहेली बन गया है ,

देखता है सबकुछ,

फिर एक चिरनिंद्रा सी चुप्पी ,

साध लेता ये ,

और घेर लेता वजूद को ,

और गहराता जाता ये मौन !

ये सच है या कोई स्वप्न ,

ये जहर है या अमृत ?

हर पीढ़ी के लिए ,

जाने कब टूटेगा ये मौन ?

ये भ्रम है या छलावा ?

या है एक अटूट सहारा ,

तोलता है जज्बातों को ,

समय की कसौटी पे ,

मन के अवसाद को मिटाने के लिए ,

टूट ही जाए अब ये मौन !

.

-“डॉ. अनुराग सैनी “-

मौलिक व अप्रकाशित 

 

 

Views: 439

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 14, 2013 at 4:36pm

हर घटना पर छोड़ जाता कई यक्ष प्रशन !

आँखों में ये कैसा मौन ?

लबो पे ये कैसा मौन ?

दिल में बरछी की तरह गड़ता ,

तीर की तरह चुभता ये मौन ,

ये गवाह है एक बड़े विनाश का !............. मौन की सटीक समीक्षा 

बहुत बहुत शुभकामनाएँ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 14, 2013 at 12:08am

लबो पे ये कैसा मौन ?

दिल में बरछी की तरह गड़ता ,

तीर की तरह चुभता ये मौन ,

ये गवाह है एक बड़े विनाश का !

और जवाब है खुद ही अबूझ सवालों का ,

आदरणीय डॉ अनुराग जी ..प्रभावी रचना ..सच में ये मौन विध्वंसक हो जाता है ऐसे वक्त पर .....
सुन्दर
भ्रमर ५

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on September 13, 2013 at 4:43pm

आभार सभी का , 

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 12:06pm

बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by Meena Pathak on September 13, 2013 at 1:04am

बहुत सुन्दर 'मौन' आप का .. बधाई

Comment by annapurna bajpai on September 12, 2013 at 10:47pm

आदरणीय अनुराग जी बहुत बढ़िया सुंदर भावों का सम्प्रेषण हुआ है बधाई आपको । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय अमित…"
15 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जनाब ज़ैफ़ साहिब आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
20 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया, "तंग" के…"
32 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
35 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय बलराम धाकड़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और दाद-ओ-तहसीन से नवाज़ने के लिए मशकूर व ममनून…"
37 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"वाक़िफ़ हुए हैं जब से जहाँ के हुनर से हम डरने लगे हैं अपने ही दीवार-ओ-दर से हम १... जहाँ का…"
52 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय ज़ैफ़ जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
53 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय आज़ी जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
54 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय बलराम जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
54 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय मिथिलेश जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
55 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय दिनेश जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
55 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण जी, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया।"
56 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service