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दिनेश कुमार's Blog – February 2017 Archive (2)

ग़ज़ल -- ज़रा सा भी मेरे जैसा नहीं वो ( दिनेश कुमार )

ग़ज़ल की कोशिश

1222--1222--122



ज़रा सा भी मेरे जैसा नहीं वो

मैं इक आईना हूँ पर्दा-नशीं वो



नदी के दो किनारे कब मिले हैं

फ़लक का चाँद हूँ मैं औ'र ज़मीं वो



इसी दो-राहे की अब ख़ाक हूँ मैं

मेरी बाहों से छूटा था यहीं वो



बग़ैर उसके हुआ बे-जान सा मैं

बदन की रूह था दिल का मकीं वो



मैं जिसकी आँख का तारा रहा हूँ

कहाँ गुम हो गई है दूर-बीं वो



अजल से जिस ख़ुदा की जुस्तजू थी

मिला तुझ को 'दिनेश' अब तक कहीं… Continue

Added by दिनेश कुमार on February 9, 2017 at 8:59pm — 11 Comments

ग़ज़ल -- " दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने " ( दिनेश कुमार )

2122--1212--22



संगे मरमर को आइना जाने

ये ज़माना किसी को क्या जाने



अपनी आँखों में ख़्वाब साहिल का

मौजे तूफ़ाँ की नाख़ुदा जाने



मुझ से बस मयकशी की बात करो

पारसाई की पारसा जाने



पल में तोला है पल में माशा है

कौन इस हुस्न की अदा जाने



चुप रहा जो मेरी सदाओं पर

मेरी ख़ामोशियाँ वो क्या जाने



जब हवाओं की सरपरस्ती थी

फिर दिया क्यों बुझा... ख़ुदा जाने



ज़िन्दगी को ग़ज़ल कहेगा वही

रंजो-ग़म को जो… Continue

Added by दिनेश कुमार on February 2, 2017 at 4:13pm — 4 Comments

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