For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Manoj kumar shrivastava's Blog – December 2017 Archive (5)

देशभक्ति का मजा

क्रांतिकारियों ने क्या-क्या सहा होगा,

देशभक्ति का मजा जाने कैसा रहा होगा,

मेरे वीरों का जब लहू बहा होगा,

पवित्र खून से चाबुक धन्य हुआ होगा,

फिरंगियों को भगत ने

दौड़ा-दोड़ा कर कूटा होगा,

बिस्मिल ने भी खजाना

मजे से लूटा होगा,

तो आजाद ने भी जंगल में,

योजना बनाई होगी,

और आजादी पाने वीरों ने,

खूनी होली मनाई होगी,

हथियार लूटने का मजा भी,

अलग रहा होगा,

गरमदल को देख,

ब्रिटिश का पसीना बहा होगा,

गांधी के भी अपने,

ठाठ रहे…

Continue

Added by Manoj kumar shrivastava on December 22, 2017 at 9:46pm — 8 Comments

सुंदरता का अहंकार

एक अहंकारी पुष्प

अपनी प्रसिद्धि पर इतरा रहा है,

भॅंवरों का दल भी,

उस पर मंडरा रहा है,

निश्चित ही वह,

राग-रंग-उन्माद में,

झूल गया है,

स्व-अस्तित्व का,

कारण ही भूल गया है,

तभी तो,

बार-बार अवहेलना,

कर रहा है,

उस माली की,

जिसने उसे सुंदरता के,

मुकाम तक पहुचाया,

संभवतः उसे ज्ञात नहीं,

बयारों ने भी,

करवट बदल ली है,

जो संकेत है,

बसंत की समाप्ति…

Continue

Added by Manoj kumar shrivastava on December 18, 2017 at 7:30pm — 12 Comments

निःशब्द देशभक्त

जब एक सैनिक शहीद होता है

तो साथ में शहीद होती हैं

ढेर सारी उम्मीदें,

ताकत और भावनाएं,

मैं सैनिक नहीं 

न मेरा कोई पुत्र,

पर पूरी देशभक्ति

निभायी

अपनी चहारदीवारी

के भीतर

हाथ में धारित

मोबाईल पर चल रहे

सोशल मीडिया

में शहीद सैनिक

की फोटो पर

"जय हिंद"

लिख कर और

सो गया, तब

रात स्वप्न में

वह शहीद आया,

कहा- मैं अपनी

मिट्टी और आपकी

और सेवा करना

चाह रहा था,

पर कर न पाया,

इसलिए…

Continue

Added by Manoj kumar shrivastava on December 13, 2017 at 2:30pm — 9 Comments

मैं भी कवि-सम्मेलन में जाता हॅूं

मैं कवि-सम्मेलन में जाता हॅूं,

मैं भी कवि-सम्मेलन में जाता हॅूं,

भेद-भाव के दरया को,

पाटने की कोशिश  में,

सूरज के घर में चाॅंद का,

संदेशा  लेकर जाता हॅूं, हाॅं,

मैं भी कवि-सम्मेलन में जाता हॅूं।

खुशियों को ढ़ूंढ़ने निकला हॅूं,

मिल भी गयी दुखदायी खुशी,

दुखदायी खुशी के चक्कर में,

हसीन गम को भूल जाता हॅूं।, हाॅं,

मैं भी कवि-सम्मेलन में जाता हॅूं।

ऐशो-आराम की जिंदगी मिली है,

आराम से सोता पर क्या करूॅं,

पहले हजारों अर्धनिद्रा से…

Continue

Added by Manoj kumar shrivastava on December 3, 2017 at 1:00pm — 4 Comments

देशभक्त तो पैदा कर

दलगत राजनीति से दूर होना चाहिए,

देशहित करने का सुरूर होना चाहिए,

बेशक विचारों में भेद हो सकता है,

पर राष्ट्रहित हो तो गुरूर होना चाहिए,

सत्ता से प्रेम और विपक्ष से गिला नहीं,

किसी दल से भी मैं कभी मिला नहीं,

पर प्रबलता से देशहित में कहता हूँ,

जो देश का है, मैं उसकी पार्टी में रहता हूँ,

और जो भी विपक्षी हो, उससे कहता हूँ,

मतदाता से नहीं, देश से वायदा कर,

मैं सिर्फ तुझे ही सत्ता में चुनूँगा पहले,

पहले अपनी पार्टी में देशभक्त तो पैदा… Continue

Added by Manoj kumar shrivastava on December 2, 2017 at 8:41am — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Mar 29

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service