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Rahul Dangi Panchal's Blog – September 2015 Archive (2)

ग़ज़ल- बेरहम दुनिया ने मुझसे शायरी भी छीन ली।

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आखिरी उम्मीद की अब ये कली भी छीन ली।

बेरहम दुनिया ने मुझसे शायरी भी छीन ली।



रौशनी की बात तो किस्मत में लिक्खी ही नहीं ।

छुप के रोया तो खुदा ने तीरगी भी छीन ली।



दिल लगाया था किसी से दिल्लगी के वास्ते।

दिल्लगी क्या कर ली ख्वाबों की हँसी भी छीन ली।



मय न पीने को मिली तो अश्क ही पीने लगा ।

देख यह किस्मत ने आँखों की नमी भी छीन ली।



दोस्ती के फूल जब मुरझा गये इक मोड पर।

मुफलिसी ने फिर कहानी प्यार की भी… Continue

Added by Rahul Dangi Panchal on September 14, 2015 at 2:12pm — 12 Comments

ग़ज़ल- तुम मिले तो धडकनों में फिर रवानी सी लगी।

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तुम मिले तो धडकनों में फिर रवानी सी लगी।

तुम मिले तो जिन्दगानी जिन्दगानी सी लगी।



तुम मिले तो आज ये दुनिया सुहानी सी लगी।

तुम मिले तो सच मुहब्बत जाविदानी सी लगी।



तुम मिले तो दिल के हर इक मोड पर खुशियाँ सजी।

तुम मिले तो साँस सुख की राजधानी सी लगी।



तुम मिले तो प्यार का हर एक किस्सा दिलरुबा।

मुझको अपनी और तेरी ही कहानी सी लगी।



जब तुम्हें पहली दफा देखा मेरे जज्बात ने।

तुम कोई पिछले जनम की जानी जानी सी… Continue

Added by Rahul Dangi Panchal on September 7, 2015 at 2:30pm — 14 Comments

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