For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल---दिल है जो तेरा आशिक उसकी खता नहीं है ।।

२२१ २१२२ २२१ २१२२

हूँ जो नशे में धुत मैं मय का नशा नहीं है।
यह इब्तिदा-ए-उल्फत है इन्तिहा नहीं है ।।

किस ओर जाके खोले बोतल शराब की ये।
उनकी गली से अब तक हम आशना नहीं है ।।

ऐसा करूं मैं क्या जो तू खुद गले लगा ले।
तू ही बता दे मुझको, मुझको पता नहीं है ।।

है मय ये तेरी आँखें सावन है तेरी जुल्फे।
दिल है जो तेरा आशिक उसकी खता नहीं है ।।

हर रोज सोचता हूँ कह दूँ मैं आज उनसे।
अब प्यार तो बहुत है पर हौसला नहीं है ।।

ताउम्र काट दे जो इक नाम के सहारे।
अब आशिको में 'राहुल' ऐसी वफा नहीं है ।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 780

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 11, 2015 at 9:16pm
आदरणीय Saurabh Pandey जी माफ कर दिजिए आगे से इस तरह के शब्द का प्रयोग नहीं करुंगा। सादर नमन।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 10, 2015 at 11:45am

भाई राहुलजी, शिष्टाचार के अंतर्गत भले ही स्वयं को असहाय, अशक्त की तरह प्रस्तुत किया जाता है. परन्तु किसी सूरत में स्वयं को ’मंदबुद्धि’ या ’कम बुद्धि’ कहना उचित हीं. ’कम बुद्धि’ या ’मंदबुद्धि’ कभी सारस्वत कर्म हेतु उद्यत नहीं होते. आगे आप अपनी रचनाओं पर ध्यान दें. हार्दिक शुभेच्छाएँ.

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 6, 2015 at 6:58am
आदरणीय Saurabh Pandey जी यह इस मंच की ही देन है। और आप जैसे उदार गुनीजनों की कि हम कम बुद्धि भी कुछ कुछ पटरी पर आ रहे है । आपका बहुत बहुत आभार।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 6, 2015 at 2:31am

भाई राहुल जी, आप बाबहर ग़ज़ल कहने लगे यह बहुत बड़ी उछाल है. शुभकामनाएँ
धीरे-धीरे आपकी लगन रंग ला रही है..

Comment by Rahul Dangi Panchal on June 28, 2015 at 7:39am
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आपकी टिप्पणी का बडी बेसबरी से इन्तजार रहता है। किआप कोई कमी बताए और मैं नौसिखिया कुछ सीखूं क्रपया मेरी त्रुटी अवश्य बताया करो। सादर धन्यवाद

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 28, 2015 at 2:49am

बहुत दिनों बाद आपकी ग़ज़ल से रु ब रु हो रहा हूँ 

शानदार ग़ज़ल हुई है, दाद कुबूल फरमाए 

Comment by Rahul Dangi Panchal on June 18, 2015 at 7:28pm
आदरणीय maharshi tripathi जी सादर धन्यवाद
Comment by Rahul Dangi Panchal on June 18, 2015 at 7:27pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी बहुत बहुत धन्यवाद
Comment by Rahul Dangi Panchal on June 18, 2015 at 7:26pm
आदरणीयSamar kabeer साहब जी शुक्रिया मैं कोशिश करता हुँ आपके सुझाव हेतु एक बार पुन: धन्यवाद
Comment by Rahul Dangi Panchal on June 18, 2015 at 7:25pm
आदरणीय वीनस भाई जी बहुत बहुत शुक्रिया मैं आपके सुझाव के अनुसार सुधारने की कोशिश करता हुं सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service