For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

TEJ VEER SINGH's Blog – July 2015 Archive (6)

लघुकथा - मज़हब –

लघुकथा - मज़हब –

"मेरी राय में ,हमें  उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने  से पहले पुनः विचार करना चाहिए"!

"यार तू बार बार ऐसी शंका ले कर क्यों बैठ जाता है"!

"देख भाई , वो लोग पांच बडे शहरों में पांच ज़गह बम्ब रखवाना चाहते हैं, और वो ज़गह हैं , स्कूल,अस्पताल,रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सिनेमा घर"!

"और बदले में हमें दैंगे दस करोड, हम पांचों को दो दो करोड मिलेंगे,समझा"!

"पर यार इन सब ज़गहों पर अपने मज़हब के लोग भी तो होते हैं"!

"अरे यार ये क्या मज़हब की रट लगा रखी…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 31, 2015 at 1:00pm — 6 Comments

पानी का मोल (लघुकथा)

पूरे गॉव में करन सिंह ही एक मात्र धींवर था! वह कुछ गिने चुने परिवारों का ही पानी भरता था! वह चार घर ठाकुरों के,चार घर ब्राह्मणों के और दो घर बनियों के पानी ले जाता था! गॉव में तीन कुंऐ थे! एक बडा कुंआ ठाकुर भूप सिंह की हवेली के अहाते में था,जिससे केवल तीन ऊंची जाति,ठाकुर,ब्राह्मण और बनियां, इन्हीं लोगों का पानी जाता था! दूसरा कुंआ चमारों का था तथा तीसरा भंगिओं का ! करन सिंह का बेटा रेलवे में अफ़सर बन गया था!बेटे ने दवाब डाला तो करन सिंह ने गॉव में पानी भरना बंद कर दिया! अगले दिन करन सिंह भोर…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 21, 2015 at 4:00pm — 5 Comments

अग्नि परीक्षा (लघुकथा)

लघुकथा - अग्नि परीक्षा –

"रचना, तू यह क्या कर रही है, मुझे तो यह तेरा कदम सही नहीं लग रहा, पति पत्नी के बीच की दरार को जितनी जल्दी हो घटाना चाहिये पर तू तो और बढा रही है "!

"मॉ ,अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है,अब मेरी बर्दास्त की सीमा समाप्त हो चली है, हर वक्त ताने"!

"नहीं बेटी ,स्त्री की बर्दास्त का तो कभी अंत ही नहीं होता, फ़िर तेरे साथ तो दो बच्चों का भी जीवन जुडा है"!

"मॉ ,झगडे की मुख्य वज़ह भी तो ये बच्चे ही हैं, राकेश तो यह मानने को तैयार ही नहीं कि ये बच्चे…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 17, 2015 at 11:30am — 4 Comments

लघु कथा - मुर्गी का अंडा –

लघु कथा - मुर्गी का अंडा –

 नज़ीर भाई और रसूल मियां वर्षों से पडौसी थे!नज़ीर भाई की टैक्सियां चलती थी और रसूल मियां घर के पिछवाडे ही मुर्गी पालन और अंडे बेचने का काम करते थे!

एक दिन एक मुर्गी नज़ीर भाई के अहाते में घुस गयी!पीछे पीछे रसूल मियां उसे पकडने दौडे!रसूल मियां ने देखा कि मुर्गी ने नज़ीर भाई के अहाते में अंडा दे दिया!नज़ीर भाई ने अंडा उठा लिया!रसूल मियां ने मुर्गी को पकड लिया,साथ ही नज़ीर भाई से अंडा भी मांगने लगे!

नज़ीर भाई साफ़ मुकर गये,"अरे रसूल मियां ,यह अंडा तो मैं…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 16, 2015 at 11:51am — 10 Comments

जैसे को तैसा (लघुकथा)

इधर  गॉव से ताई जी अपने परिवार के साथ, पूरे बीस दिन के लिये आ गयीं थी! उधर पिछले तीन दिन से काम वाली बाई नहीं आरही  थी!

आखिरकार पांच दिन बाद बाई जी आईं!जैसे ही बाई रसोई की तरफ़ बढी, ताई जी ने कडकती आवाज़ में उसे रोक दिया"ए रुको, पहले बताओ तुम कौन जाति की हो"!

"किसलिये, कोई रिश्ता करना है क्या"!

"अरे यह तो बडी मुंहफ़ट है"!

“क्यों बुरा लगा ना"!

"तुमको जाति बताने में क्या परेशानी है"!

"हमने तो कभी आपसे आप की जाति नहीं पूछी"!

"अरे वाह,तुम किसलिये…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 13, 2015 at 11:00am — 7 Comments

जन्मदिन का केक (लघुकथा)

 शंभू सिंह्जी  पत्नी के देहांत के बाद,  बेटे ब्रिगेडियर बाबू सिंह के साथ रहने लगे थे! ब्रिगेडियर साहब के बंगले पर रात को पार्टी चल रही थी!

 आउट हाउस में शंभू सिंह जी  रात के खाने का इंतज़ार कर रहे थे! पार्टी के कारण किसी को शंभू सिंह को खाना देने की  याद ही नहीं रही !

 शंभू सिंह जी की, लेटे लेटे ,  कब आंख लग गयी ,पता ही नहीं चला!

 सुबह ब्रिगेडियर  साहब का अर्दली चाय लेकर आया तो शंभू सिंह जी पूछ बैठे,"रात को किस बात की पार्टी थी"!

"जन्म दिन की"!

शंभू सिंह जी…

Continue

Added by TEJ VEER SINGH on July 10, 2015 at 10:30am — 13 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  ______ जगमग दीपों वाला उत्सव,उत्साहित बाजार। जेब सोच में पड़ी हुई है,कैसे पाऊँ…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"चार पदों का छंद अनोखा, और चरण हैं आठ  चौपाई औ’ दोहा की है, मिली जुली यह ठाठ  विषम…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
18 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Oct 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Oct 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Oct 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service