For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

l.r.gandhi
Share on Facebook MySpace

L.r.gandhi's Friends

  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
 

l.r.gandhi's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
patiala
Native Place
patiala
Profession
freelace journalist
About me
pgdj,m.a. blogger---- gandhilr.blogspot.com, uthisthkountaye

l.r.gandhi's Photos

  • Add Photos
  • View All

L.r.gandhi's Blog

धरती- चंद्रमा का लुका-छिपी महोत्सव

Wednesday, June 15, 2011

धरती- चंद्रमा का लुका-छिपी महोत्सव (एल. आर. गाँधी)



आज पूर्णिमा की रात इस शताब्दी की बहुत विचित्र रात है !

आज की रात शशि....अवनी संग लुका- छिपी का खेल खलेंगे.

लो शशि छुप गए और धरा दबे पाँव अपने प्रेमी को ढूंढ रही है. रवि चुप चाप इस खेल को निहार रहे हैं . तीनो आज रात सदियों के बाद लम्बी छुट्टी पर उत्सव मना रहे हैं… Continue

Posted on June 20, 2011 at 5:30pm — 1 Comment

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 9:19pm on July 26, 2014,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…


At 7:53pm on July 26, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

जन्म दिन मुबारक हो प्रिय मित्र गांधी  जी  ..प्रभु आप को हर खुशियाँ दें  प्यारे सपने सारे साकार हों ..आप यों ही समाज को रोशन करते बढे चलें  ..जय श्री राधे 

भ्रमर ५ 
At 10:19am on July 26, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 10:45am on June 22, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 10:26am on June 22, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 11:16pm on June 19, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"तीन मुक्तक(1) थके मांदे परिन्दों को शाखों से उड़ाया मत कीजिये, अपने वरिष्ठ जन भी है थके मांदे सताया…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"नारी बेटी का ब्याहगरीब पिता के लिएहोता है जीवन भर का स्वप्न देखा कई बार इसके लिएखेत बिकतेखलिहान…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"शुभ प्रभात, आदरणीय! नवरात्रः दोहे मातृ-शक्ति ही पूज्य है, शारदीय नवरात्र । नौ स्वरूप हैं देवि के,…"
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"स्वागतम"
15 hours ago
Mamta gupta joined Admin's group
Thumbnail

सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर…See More
yesterday
DINESH KUMAR VISHWAKARMA updated their profile
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Mamta gupta and Euphonic Amit are now friends
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"आ. भाई सत्यनारायण जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Wednesday
Dayaram Methani commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, गुरु की महिमा पर बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने। समर सर…"
Tuesday
Dayaram Methani commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"आदरणीय निलेश जी, आपकी पूरी ग़ज़ल तो मैं समझ नहीं सका पर मुखड़ा अर्थात मतला समझ में भी आया और…"
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और उम्दा प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Oct 5

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service