गंगा जमुनी परंपरा को
मानव मन में झंकृत कर दो
वेद रिचाएँ महक उठे सब
मंत्रों को उच्चारित कर दो
हे! भारत जागो
गुंफित हो वन उपवन सारे
अवनी को शुभ अवसर दे दो
रुके पलायन गाँव गली का
हृदय में समरसता भर दो
हे! भारत जागो
बलिदानों के प्रतिबिम्बन में
रिश्ते फूलें खुले गगन में
छुपी हुई मंथर ज्वाला को
मानवता में मुखरित कर दो
हे! भारत जागो
रूप तरुण तेरा मन…
ContinuePosted on December 17, 2015 at 8:44pm — 6 Comments
Posted on October 21, 2015 at 6:00pm — 12 Comments
Posted on October 11, 2015 at 9:00am — 11 Comments
शुभ्र चाँदनी ने था दुलराया
हरसिंगार फूला नहीं समाया
*****
तिर गया मदहोश हो
चमन की सुंदर हथेली पर
छुप कर खेलता आँखमिचौली
जान देता निशा की सहेली पर
सुंदरी ने जूड़े में सजाया
हरसिंगार फूला नहीं समाया
*****
खिल गया कपोलों पे
रजत कणों की कर्पूरी आभा लिए
वसुधा को करने सुगंधित
रूप अपना सादा लिए
भोर ने वृक्ष को धीरे से हिलाया
हरसिंगार फूला नहीं समाया
*****
बिछ गया बेसुध हो
मन में असीमित नेह…
Posted on September 29, 2015 at 6:30pm — 6 Comments
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शुक्रिया कल्पना जी मित्रता स्वीकार करने के लिए
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औरत तुझको अबला बनकर कुछ न हासिल होगा
अपनें हक़ की ख़ातिर तुझको ज़ुल्म से लड़ना होगा
(वाह नेता जी)
वाह रै भाई मुलायम यादव
सठिया से गए बुढ़ापे में
'रेप' को कहो हो बात छोटी सी
क्या हो नहीं अपणे आप्पे में
नेता'हो व्यान यूँ न दो
थारी छवि धूमल हो जावेगी
भला होवेगो माँग लो माफ़ी
कल बात वर्ना बढ़ जावेगी
*******************************
दीपक कुल्लुवी
१० -४ १४
कल्पना जी आपको दिली मुबारकवाद
बेहद खूबसूरत हैं आपकी रचनाएँ काफी लम्बे अर्से बाद बापिस लौटा हूँ बदला हुआ स्वरुप समझने में कुछ वक़्त लगेगा।
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीया श्रीमती कल्पना मिश्रा बाजपेयी जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें |प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
कल्पना जी, आपका इस परिवार और मेरी मित्र सूची में हार्दिक स्वागत है
हमारे ओबीओ परिवार मे आपका स्वागत है कल्पना जी ।