ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं वो..!
फिर शब-ए-तन्हाई में, रोया करते हैं वो..!
शब-ए-तन्हाई= रात का अकेलापन;
ज़िंदगी में कई हादसे, आप ने झेले मगर..!
टूटे ख़्वाबों का शिकवा किया करते हैं वो..!
ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं वो..!
शिकवा=शिकायत,
बिखरा सा वो ख़्वाब और अँधेरी वो रात..!
हाँ, मातम अब उनका, मनाया करते हैं वो..!
ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं …
Posted on September 17, 2014 at 5:00pm — 2 Comments
यादों की बारिश हो रही है, पलपल ऐसे..!
सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल जैसे..!
१.
दिल का चमन शायद, गुलगुल हो न हो मगर,
ख़्वाब होगें ज़रूर गुलज़ार, हो मलमल जैसे..!
सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल…
Posted on April 2, 2013 at 12:30pm — 4 Comments
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जन्म दिन की हार्दिक शुभ मंगल कामनाए । प्रभु आपको घर परिवार समाज और राष्ट्र
स्वागत है, मित्र श्री मकरंद दवे जी,
आपके साथ मित्रता स्वीकार करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है श्री मकरंद दवे जी