For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

MARKAND DAVE.
  • Male
  • Ahmadabad
  • India
Share on Facebook MySpace

MARKAND DAVE.'s Friends

  • SANDEEP KUMAR PATEL
  • लक्ष्मण रामानुज लडीवाला
  • AVINASH S BAGDE
  • वीनस केसरी
  • Saurabh Pandey
  • योगराज प्रभाकर
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
 

MARKAND DAVE.'s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
AHMADABAD
Native Place
AHMADABAD
Profession
Managing Director. (1) M.K.ARTS PVT.LTD. (2) M.K.RECREATION PVT.LTD.
About me
MANAGING DIRECTOR. ; JOURNALIST AND CULAMIST, EDUCATIONALIST, poetry ; prose writer ; Music composer - Director ; Electric Guitar Player

MARKAND DAVE.'s Videos

  • Add Videos
  • View All

MARKAND DAVE.'s Blog

ख़्वाबों की बातें । (गीत)

ख़्वाबों की  बातें, अकसर किया करते  हैं  वो..!

फिर  शब-ए-तन्हाई  में,  रोया  करते  हैं  वो..!

शब-ए-तन्हाई= रात का अकेलापन;

ज़िंदगी  में कई  हादसे, आप ने  झेले  मगर..!

टूटे ख़्वाबों का  शिकवा  किया  करते  हैं  वो..!

ख़्वाबों की  बातें, अकसर किया करते  हैं  वो..!

शिकवा=शिकायत,

बिखरा सा  वो  ख़्वाब  और  अँधेरी  वो  रात..!

हाँ, मातम अब उनका, मनाया  करते  हैं  वो..!

ख़्वाबों की  बातें, अकसर किया करते  हैं …

Continue

Posted on September 17, 2014 at 5:00pm — 2 Comments

यादों की बारिश..! (गीत)

यादों की बारिश हो रही है, पलपल ऐसे..!

सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल जैसे..!

१.

दिल का चमन शायद, गुलगुल हो न हो मगर,

ख़्वाब होगें ज़रूर गुलज़ार, हो मलमल जैसे..!

सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल…

Continue

Posted on April 2, 2013 at 12:30pm — 4 Comments

ओ..री कुरसी माई । (व्यंग गीत)

चुनाव  में  हारे  हुए  नेताजी  की  व्यथा ?

ओ..री  कुरसी  माई । (व्यंग…

Continue

Posted on December 5, 2012 at 10:00am — 2 Comments

चलो,वॉट करें।

Posted on November 25, 2012 at 11:27am — 3 Comments

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:35am on December 7, 2012, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

जन्म दिन की हार्दिक शुभ मंगल कामनाए । प्रभु आपको घर परिवार समाज और राष्ट्र 

की सेवा करने हेतु उत्तरोतर शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करे । 
At 3:43pm on October 12, 2012, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

स्वागत है,  मित्र श्री मकरंद दवे जी, 

जब मित्र है फिर मुझे sir न कहो जी 
At 10:04am on October 12, 2012, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

आपके साथ मित्रता स्वीकार करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है श्री मकरंद दवे जी

आपतो उस राज्य के वासी है जहाँ साबरमती के संत हुए है 
आपतो उस राज्य का प्रतिनिधित्व करते है जहाँ द्वारिका है 
मुझे उम्मीद है मकरंद की शुश्बू से मेरा मन सुगन्धित होगा 
मुझे उम्मीद है हम विचारो के आदान-प्रदान से लाभान्वित होंगे 
जय हिंद  
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service