ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं वो..!
फिर शब-ए-तन्हाई में, रोया करते हैं वो..!
शब-ए-तन्हाई= रात का अकेलापन;
ज़िंदगी में कई हादसे, आप ने झेले मगर..!
टूटे ख़्वाबों का शिकवा किया करते हैं वो..!
ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं वो..!
शिकवा=शिकायत,
बिखरा सा वो ख़्वाब और अँधेरी वो रात..!
हाँ, मातम अब उनका, मनाया करते हैं वो..!
ख़्वाबों की बातें, अकसर किया करते हैं …
Added by MARKAND DAVE. on September 17, 2014 at 5:00pm — 2 Comments
यादों की बारिश हो रही है, पलपल ऐसे..!
सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल जैसे..!
१.
दिल का चमन शायद, गुलगुल हो न हो मगर,
ख़्वाब होगें ज़रूर गुलज़ार, हो मलमल जैसे..!
सूखी नदी में हो, झरनों की हलचल…
Added by MARKAND DAVE. on April 2, 2013 at 12:30pm — 4 Comments
Added by MARKAND DAVE. on December 5, 2012 at 10:00am — 2 Comments
Added by MARKAND DAVE. on October 12, 2012 at 9:00am — 6 Comments
In practice, a banana republic is a country operated as a commercial enterprise for private profit, effected by the collusion (मिलीभगत) between the State and favoured monopolies, whereby the profits derived from private exploitation of public lands is private property, and the debts…
ContinueAdded by MARKAND DAVE. on October 10, 2012 at 1:36pm — 6 Comments
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