For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU'
  • Male
  • DOHA
  • Qatar
Share on Facebook MySpace
 

DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s Page

Latest Activity

DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |
"ममनून हूँ.......... आपसब का आशीर्वाद मिला | शुक्रिया |"
Nov 10, 2022
Mahendra Kumar commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |
"अच्छी ग़ज़ल है आदरणीय डॉ. बैजनाथ जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए।"
Nov 7, 2022
Samar kabeer commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |
"जमाब बैजनाथ शर्मा 'मिंटू' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्चा है, बधाई स्वीकार करें I  टंकण त्रुटियों की तरफ़ ध्यान दें I "
Nov 5, 2022
Zaif commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |
"मयकशी के लिए अब मैं भी चला आया हूँ तेरी आँखों से ही पीने की तलब है साक़ी| अहा कमाल। बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही है आदरणीय मिंटू जी। दाद क़ुबूल फरमाएं।"
Nov 3, 2022
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |
"आदरणीय शर्मा जी बड़ी खूबसूरत ग़ज़ल कही है...बह्र लिख देने से समझने में आसानी होती...सादर"
Nov 1, 2022
DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' updated their profile
Oct 22, 2022
DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' posted a blog post

आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |

 आज मैखाने का दस्तूर अज़ब  है साक़ी |जाम दिखता नहीं पर बाकी तो सब है साक़ी । मयकशी के लिए अब  मैं भी चला आया हूँ    तेरी आँखों से ही पीने की तलब है साक़ी| भूल जाता हूं मैं दुनिया के सभी रंजो अलमजाम नज़रों का तेरे हाय गज़ब है साक़ी| अपनी आँखों से ही इक जाम पिला दे मुझकोतेरे मयख़ाने में ये आख़िरी शब है साक़ी| तेरी चौखट की तो ये बात निराली लगतीजाति मजहब न कोई नस्ल–नसब है साक़ी| दर्दो ग़म अपने भूलाने को चला आता हूँवरना पीने का कहां और सबब है साक़ी| डॉ. बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’स्वरचित व अप्रकाशित See More
Oct 22, 2022
Gurpreet Singh jammu commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post ग़ज़ल -बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ
"वाह वाह आदरणीय बैजनाथ शर्मा 'मिंटू जी, बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने, बहुत बहुत बधाई।"
Nov 20, 2021
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post ग़ज़ल -बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ
"आदरणीय शर्मा जी विषय आपने बहुत ही खूब चुना है...सादर"
Nov 15, 2021
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s blog post ग़ज़ल -बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ
"आदरणीय बैजनाथ शर्मा 'मिंटू' जी आदाब, ख़ूबसूरत अह्सासात से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।"
Nov 12, 2021
DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' posted a blog post

ग़ज़ल -बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ

2 2 1 2 1 2 1 1 2 2 1 2 1 2बचपन की याद हमको दिलाती हैं बेटियाँ|उंगली पकड़ के जब भी घुमाती हैं बेटियाँ| हाथों से अपने जब भी खिलाती हैं  देखिये दादी की याद हमको दिलाती हैं बेटियाँ| बेटा बसा है देखिये जब से विदेश मेंइस घर के सारे बोझ उठाती हैं बेटियाँ | जर्जर शरीर में जो न आती है नींद तो दे दे के थपकियाँ भी सुलाती हैं बेटियाँ| बेटी की शान में मैं भला और क्या कहूँ,बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ| मौलिक व अप्रकाशित See More
Nov 11, 2021
DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' commented on केवल प्रसाद 'सत्यम''s blog post समसामयिक दोहे
"बहुत बढ़िया ................फलते पाप कुतंत्र .....वाह "
Mar 15, 2021

Profile Information

Gender
Male
City State
AHAMEDABAD
Native Place
BIHAR
Profession
TEACHER

DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU''s Blog

आज मैखाने का दस्तूर अज़ब है साक़ी |

 

आज मैखाने का दस्तूर अज़ब  है साक़ी |

जाम दिखता नहीं पर बाकी तो सब है साक़ी ।

 

मयकशी के लिए अब  मैं भी चला आया हूँ    

तेरी आँखों से ही पीने की तलब है साक़ी|

 

भूल जाता हूं मैं दुनिया के सभी रंजो अलम

जाम नज़रों का तेरे हाय गज़ब है साक़ी|

 

अपनी आँखों से ही इक जाम पिला दे मुझको

तेरे मयख़ाने में ये आख़िरी शब है साक़ी|

 

तेरी चौखट की तो ये बात निराली लगती

जाति मजहब न कोई नस्ल–नसब है…

Continue

Posted on October 22, 2022 at 9:30pm — 5 Comments

ग़ज़ल -बेटे से बढ़ के फर्ज निभाती हैं बेटियाँ

2 2 1 2 1 2 1 1 2 2 1 2 1 2

बचपन की याद हमको दिलाती हैं बेटियाँ|

उंगली पकड़ के जब भी घुमाती हैं बेटियाँ|

 

हाथों से अपने जब भी खिलाती हैं  देखिये 

दादी की याद हमको दिलाती हैं बेटियाँ|

 

बेटा बसा है देखिये जब से विदेश में

इस घर के सारे बोझ उठाती हैं बेटियाँ |

 

जर्जर शरीर में जो न आती है नींद तो 

दे दे के थपकियाँ भी सुलाती हैं बेटियाँ|

 

बेटी की शान में मैं भला और क्या कहूँ,

बेटे से बढ़ के…

Continue

Posted on November 11, 2021 at 9:00pm — 3 Comments

चारण हूँ मद्दाह नहीं मैं सच लिक्खूंगा-बोलूँगा - बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’

S S S S S S S S S S S S S S S

.

देश के दुश्मन सबके दुश्मन इनसे यारी ठीक नहीं|

इनसे हाथ मिलाने वालों यह गद्दारी ठीक नहीं|

मंदिर-मस्ज़िद-धर्मों-मज़हब रक्षित औ महफूज़ हैं फिर

इनकी खातिर गोलीबारी -तेग-कटारी ठीक नहीं

माँ की अस्मत ख़तरे में औ मुल्क में हो गर त्राहिमाम

तब तो लोग कहेंगे दिल्ली की सरदारी ठीक नही।

आरक्षण की ख़ातिर ही अंधे-बहरे कुर्सी पर हैं

इस हालत से देश की होगी कुई बीमारी ठीक नहीं|

चारण हूँ मद्दाह नहीं मैं सच…

Continue

Posted on February 4, 2019 at 2:00pm — 4 Comments

पढ़ न पाए ये ज़माना इश्क की तहरीर अब

२१२२ २१२२ २१२२ २१२

पढ़ न पाए ये ज़माना इश्क की तहरीर अब 

इसलिए ही ख़त जलाये औ तेरी तस्वीर अब

मंदिरो-मस्ज़िद में जाकर मिन्नतें-सजदा किये

फिर भी तुमसे दूर रहना है मेरी तक़दीर अब|

लोग कुछ मजनूँ कहें अब और कुछ फ़रहाद भी

यह तुम्हारे इश्क की ही लग रही तासीर अब |

ज़ख़्म गहरा हो गया हो या कि फिर नासूर तो

प्यार का ही लेप उस पर हो दवा अक्सीर अब|

है मुक़द्दर में नही मत सोचकर बैठो मियाँ

बदलेगी तक़दीर निश्चित…

Continue

Posted on May 23, 2018 at 1:30pm — 2 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:56am on October 23, 2015, मनोज अहसास said…
आपका स्वागत है
सादर
At 1:35am on October 23, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका अभिनन्दन है.

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए

 ग़ज़ल की कक्षा 

 ग़ज़ल की बातें 

 

भारतीय छंद विधान से सम्बंधित जानकारी  यहाँ उपलब्ध है

|

|

|

|

|

|

|

|

आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट (क्लिक करें) कर सकते है.

और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें.

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

 

ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सवछंदोत्सवतरही मुशायरा व  लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
1 hour ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी दोनों सहकर्मी है।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। कई…"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मिथिलेश जी, इतना ही कहूँ,   ... ' पहचान पता न चले। बस। ' रहस्य - रोमांच…"
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय उस्मानी जी, लघुकथा की मार्मिकता की परख हेतु आपका दिली आभार। "
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा को मान देने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय, मिथिलेश जी। "
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"उस दफ़्तर में ये अविनाश है कौन? यह संकेत स्पष्ट नहीं हो सका। चपरासी है या बाबू? स्नेहा तो…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"कारण (लघुकथा): सरकारी स्कूल की सातवीं कक्षा में विद्यार्थी नये शिक्षक द्वारा ब्लैकबोर्ड पर लिखे…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सादर नमस्कार आदरणीय। 'डेलिवरी बॉय' के ज़रिए पिता -पुत्र और बुज़ुर्ग विमर्श की मार्मिक…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service