For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ छोटेलाल सिंह
  • Varanasi, Uttar Pradesh
  • India
Share on Facebook MySpace

डॉ छोटेलाल सिंह's Groups

 

डॉ छोटेलाल सिंह's Page

Latest Activity

डॉ छोटेलाल सिंह commented on Zaif's blog post ग़ज़ल (फ़ेलुन बह्र)
"आदरणीय जैफ जी बहुत ही भावपरक एक बेहतरीन गजल पढ़कर हृतकंज सरसित हुआ दिली मुबारकवाद क़ुबूल कीजिए"
Nov 15, 2022
डॉ छोटेलाल सिंह commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल दिवस (दोहे ) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन यथार्थ की कसौटी पर बहुत ही उम्दा दोहे पढ़कर अच्छा लगा सादर शुभकामनाएं"
Nov 15, 2022
डॉ छोटेलाल सिंह commented on Sushil Sarna's blog post तो रो दिया .......
"आदरणीय सुशील सरना जी सादर अभिवादन एक बहुत ही उत्कृष्ट रचना पढ़कर मुझे खुशी मिली सादर शुभकामनाएं"
Nov 15, 2022
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-140
"आदरणीया प्रतिभा पंडे जी सादर प्रणाम, बेहतरीन भावों से सराबोर सन्देशप्रद रचना के लिए बहुत बहुत बधाई"
Jun 12, 2022
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-140
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन,समरसता का संदेश देती हुई उत्तम रचना के लिए दिल से बधाई"
Jun 12, 2022
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय गुरुदेव रवि सर उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"परमादरणीय गुरुदेव उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए दिल से आभार"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"मार्गदर्शन के लिए सादर आभार आदरणीय"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय अमित जी बेहतरीन गजल के लिए सादर शुभकामनाएं"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी बेहतरीन गजल के लिए सादर शुभकामनाएं"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय आशीष जी बेहतरीन गजल के लिए बहुत बहुत बधाई"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय अमीर साहब बहुत ही उम्दा गज़ल के लिए दिली मुबारकबाद "
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय दयाराम जी सुंदर गज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय गुरुदेव रवि सर बहुत ही आकर्षक गज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"आदरणीय अनिल जी बहुत ही बेहतरीन गज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई"
Dec 29, 2021
डॉ छोटेलाल सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138
"मुनीश तनहा जी बेहतरीन गज़ल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं"
Dec 29, 2021

Profile Information

Gender
Male
City State
Varanasi
Native Place
Varanasi
Profession
Teacher
About me
I am a hindi lecturer in karra intercollege Jaunpur Uttar Pradesh

डॉ छोटेलाल सिंह's Blog

परम पावनी गंगा

चन्द्रलोक की सारी सुषमा, आज लुप्त हो जाती है।

लोल लहर की सुरम्य आभा, कचरों में खो जाती है

चाँदी जैसी चंचल लहरें, अब कब पुलकित होती हैं

देख दुर्दशा माँ गंगा की, हरपल आँखे रोती हैं।

बस कागज पर निर्मल होती, मीठी-मीठी बातों से।

कल्पनीय चपला जस शोभित, होती हैं सौगातों से।

व्यथित सदा ही गंगा होती, मानव के संतापों से।

फिर कैसे वह मुक्त करेगी, उसे भयंकर पापों से।

एक समय था गंगा लहरें, उज्ज्वल रूप दिखाती थी।

धवल मनोहर रात चाँदनी, गंगा…

Continue

Posted on June 1, 2020 at 5:45pm — 5 Comments

श्रमजीवी

श्रमिक दिवस पर श्रमजीवी को आओ शीश झुकाएँ।

बलाक्रान्त शोषित निर्बल को मिलकर सभी बचाएँ।

दुरित दैन्य दुख झेल रहे हैं

सदा मौत से खेल रहे हैं।

तृषा तपन पावस तुसार सह

जीवन नौका ठेल रहे हैं।

हर सुख से जो सदा विमुख हो उस पर बलि-बलि जाएँ।

निर्मित जो करता नवयुग तन,उसे नहीं ठुकराएँ।

आजीवन कटु गरल पी रहे

दुर्धर जीवन सभी जी रहे।

हाँफ-हाँफ कर विदीर्ण दामन

जीने के हित सदा सी रहे।

कर्म निरत गुरु गहन श्रमिक…

Continue

Posted on May 1, 2020 at 11:30am — 8 Comments

नव विहान (नवगीत)

नव विहान का गीत मनोहर गाता चल।

जीवन में मुस्काता चल।।

मन मराल को कभी मनोहत मत करना ।

हो कण्टक परिविद्ध तनिक भी ना डरना।

गम को भूल सभी से नेह लगाता चल।

जीवन में मुस्काता चल।।

वैर भाव की ये खाई पट जाएगी।

वर्गभेद तम की बदली छँट जाएगी।

बनकर मयार मधुत्व रस छलकाता चल।

जीवन में मुस्काता चल।।

महदाशा रख मर्ष भाव अंतर्मन में

जानराय बन ओज जगाओ जनजन में।

हो भवितव्य पुनर्नव राह बनाता चल।

जीवन में मुस्काता…

Continue

Posted on January 1, 2020 at 1:00pm — 8 Comments

आक्रोश

प्रतिदिन बढ़ता जा रहा, सामूहिक दुष्कर्म

क्रूर दरिन्दे भेड़िये, क्या जाने सत्कर्म।।1

जाएँ तो जाएँ किधर, चहुँ दिशि लूट खसोट

दानव सदा कुकर्म के, दिल पर करते चोट।।2

आये दिन ही राह में, होता अत्याचार।

छुपे हुए नर भेड़िये, करते रोज़ शिकार।।3

हवसी नर जो कर रहा, सारी सीमा पार।

सरेआम हैवान को, अब दो गोली मार।।4

शैतानों की चाल से, बढ़े रोज व्यभिचार।

रोम-रोम विचलित हुआ, सुनकर चीख पुकार।।5

खूनी पंजे कर रहे,…

Continue

Posted on December 3, 2019 at 7:30am — 4 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:24pm on August 16, 2019, TEJ VEER SINGH said…

जन्मदिन की हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ छोटे लाल सिंह जी।

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
Thursday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Apr 14
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Apr 14

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service