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आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक सौ सोलहवाँ आयोजन है.   

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19दिसंबर 2020 दिन शनिवार से 20 दिसंबर 2020 दिन रविवार तक
 
इस बार के छंद हैं - 

गीतिका छंद 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

गीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  19 दिसंबर 2020 दिन शनिवार से 20 दिसंबर 2020 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

चित्र अंतर्जाल से 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आ. भाई छोटेलाल जी, सादर अभिवादन । चित्रानुरप अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।शेष भाई ओशोक जी कह चुके हैं । सादर...

उत्साहवर्धन के लिए दिल से आभार आदरणीय

प्रदत्त चित्र पर सुंदर सृजन हुआ है आदरणीय 

किंतु गीतिका छंद के विधान के अनुरूप नहीं ।

आदरणीय डाॅ छोटे लाल सिंह जी

प्रदत्त चित्र के आलोक में सुन्दर छंद रचना पर बधाई स्वीकार करें। प्रदत्त छंद पर आधारित होने पर चूक रह गई

आदरणीय छोटेलाल जी, आपकी रचना प्रदत्त छंद के विधान का पालन नहीं कर रही है. 

शुभातिशुभ 

छंद गीतिका

धूप निखरी और घाटी, हो गई उज्ज्वल धवल ।
किन्तु दिखता है न उतना, सच यहाँ जीवन सरल ।
वादियों में घाटियों में, हैं बसे ढेरों नगर ।
किन्तु मिलती है न सीधी, एक भी हमको डगर ।।

थम गई हैं पर्वतों पर, मौसमी बहती नदी ।
हर हरित घाटी ख़ुशी से, लग रही है अब लदी ।
हो गये आबाद समतल, तल सभी जो हैं हरे ।
दृष्टि इन पर स्थिर होकर, रह गई है साँवरे ।।

बाढ़ भी सैलानियों की, हर तरफ है आ गई ।
कल जहाँ नदियाँ बही थी, उस जगह पर छा गई ।
घर न स्थायी बने हैं, टेंट तम्बू तन गये ।
आँख देखे जिस तरफ भी, दृश्य हैं बिलकुल नए ।।

~ मौलिक/अप्रकाशित.

आदरणीय रक्ताले साहब सादर अभिवादन ,चित्रानुरूप बेहतरीन गीतिका छंद पढ़कर मन प्रसन्न हो गया ,आपको दिल से बधाई 

प्रस्तुत छंद रचना को सराहने के लिए आपका हृदय से आभार आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी. सादर 

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन । चित्रानुरूप सुन्दर छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

आदरनीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंद रचना को चित्रानुरूप पाने के लिए आपका अतिशय आभार. सादर 

बहुत सुन्दर गीतिका छंद सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक जी

आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुत छंदों को सराहने के लिए आपका हृदय से आभार. सादर

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