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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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जनाब लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला जी आदाब,ये सब इस मंच की हौसला अफ़ज़ाई का नतीजा है,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
मेरी ख़ुशी में जो शामिल जनाब हो जाएं
चराग़ घर के मेरे आफ़ताब हो जाएं'
जनाब गिरिराज भंडारी जी आदाब,बहुत बहुत शुक्रिया कि आपने मेरी इस ख़ुशी को ओबीओ पर साझा किया,मैंने सोचा था कि अवार्ड मिलने के बाद मंच से साझा करूँगा ।
आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आद० समर भाई जी, आपको इस नई उपलब्धि के लिए तहे दिल से मुबारकबाद .आपका साहित्यिक जीवन नये नये सौपान चढ़ता रहे ऐसी ही उपलब्धियाँ हासिल करते  रहें स्वस्थ रहें सलामत रहें यही शुभकामना है इस बहन  की . 

बहना राजेश कुमारी जी आदाब,आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ,हमारे यहाँ बहन से कुछ लेने का दस्तूर नहीं है लेकिन एक ही चीज़ बहन से ले सकते हैं और वो है दुआ और बहन की दुआ कभी ख़ाली नहीं जाती, आपकी दुआओं के लिये तहे दिल से ममनून हूँ ।

प्रिय भाई समर जी, आपको इस एक और शानदार उपलब्धि के लिए तहे दिल से मुबारकबाद। बहुत ही खुश हूँ आपकी खुशी में।

आपकी तबीयत शीघ्र ठीक हो जाए, यह प्रार्थना है।

जनाब विजय निकोर जी आदाब,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय समर सर, सादर आदाब। इस शानदार उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई। आप जीवन में ऐसी ही नित नयी ऊँचाइयाँ छूते रहें यही मंगल कामना है। ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ रखे। ढेरों शुभकामनाएँ।
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर साहब, विश्वास है, आपके स्वास्थ्य में आशातीत सुधार हो चुका होगा.

पिछले दिनों हुई अपनी बातचीत को शाब्दिक कर रहा हूँ - हार्दिक शुभकामनाएँ और ढेर सारी बधाइयाँ.. 

:-)) 

सादर

जनाब सौरभ पांडे जी आदाब,तबीअत अभी भी ठीक नहीं है,पहले दाईं आँख पर हमला हुआ था ,इस बार बाईं आँख पर हमला हुआ है,बिल्कुल बेकार सा होकर रह गया हूँ,इस बात का सबसे ज़्यादा अफ़सोस है कि मंच पर अपनी सक्रियता नहीं दिखा पा रहा हूँ,इस बार के तरही मुशायरे में भी सिर्फ़ सहभागिता ही कर पाऊँगा , इधर बेटे के इम्तिहान भी शुरू होने वाले हैं ।
आपकी बधाई सर आँखों पर,आपसे फ़ोन पर बात करके बहुत ख़ुशी हासिल हुई थी ,आज वो ख़ुशी दुगनी हो गई । आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर कबीर जी,  इस शानदार उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई | भविष्य में और भी उपलब्धियां हांसिल हों इसके लिए शुभकामनाए ।

मोहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

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