For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संविधान के अनुरूप बन रहे लोकपाल बिल को जल्द पास करने के लिए अगर ये अनशन है, तो अच्छा प्रयास है |

याद रखें, ये बिल हमारे आपके द्वारा चुने गये लोकतंत्र के प्रतिनिधियों की सहमति से ही पास होगा|

सभी लोग दिमाग़ लगाओगे तो एक अरब अनशन होगा |

किसी के दवाब मे आ कर लिया गया निर्णय देश / समाज के लिए नुकसान दायक हो सकता है!लोकतंत्र मे दवाब मे नहीं , सहमति से निर्णय लिए जाते हैं|

अगर आप ये सोचते हो की ये सांसद ही ग़लत हैं, भ्रष्ट्राचारी हैं |

तो दोषी कौन ?

हम |

आओ इस पर विचार करें, कैसे हम अपने देश के लिए एक अच्छा जनप्रतिनिधि चुनें !

एक स्वच्छ लोकतंत्र बनाएँ !

आप से अनुरोध है,

भारतीय संविधान का आदर करें,

माननीय अन्ना हज़ारे की जनलोकपाल पर बच्चों सी ज़िद्द का साथ ना दें | कोई भी बिल ब्रम्हा की लकीर नही होती, संसद मे प्रस्तुत लोकपाल बिल को आगे अनुभवों के आधार पर correction के लिए विकल्प है |

संयम रखें |

ये हमारा प्यारा विश्व प्रसिद्ध लोकतंत्र है कोई मिश्र या लीबिया नही !

Views: 790

Reply to This

Replies to This Discussion

//ये हमारा प्यारा विश्व प्रसिद्ध लोकतंत्र है कोई मिश्र या लीबिया नही !//

सुजीतजी, आपकी सकारात्मक दृष्टि को मेरा सलाम. बहुत अच्छे.

काश, आप आगे व्याख्या करते कि आखिर जिन्हें अपने प्यारे लोकतंत्र को गाहेबगाहे अगवा कर लेने की लत लग गयी है उन छद्मवेषियों के साथ अब क्या व्यवहार किया जाय?

उन्हें चुन लिया, गलती हो गयी. अब?  क्या कान पकड़ने के लिये अब कुछ सालों इंतज़ार करना होगा?

 

सराहना के लिए सौरभ जी को धन्यवाद|

दरअसल इन छद्मवेषियों का चुनाव हमारी या आपकी मजबूरी है, क्योकि अभी तक के system ने हमे यहीं तक अनुमति दी है|

इसे ठीक करने की हलचल अगर दिल मे है तो ज़रूर होगा| हमे उपलब्ध विकल्पों में से ही चुनाव कर वोट देना होता है| श्री अन्ना हज़ारे जी अगली बार शायद इस का विकल्प सरकार से माँगने वाले है. इस प्रक्रिया मे चुनाव के समय खड़े हुए नेताओं के साथ हमे एक विकल्प ये भी मिलेगा की ," इनमे से कोई नही"|

अभी इंतज़ार करना पड़ेगा|

 

 

सौरभ जी! बदलाव तो सामाजिक स्तर पर ही होगा और यह प्रक्रिया लम्बी होती है,|अन्ना जी के अनशन मे 80% लोग मध्यम वर्ग से हैं, ऐसे लोग जो अपने स्तर पर किए गये भ्रष्टाचार को ग़लत मानते ही नही, उन्हे एहसास ही नही है की वो भी किसी स्तर पे इसमें संलिप्त हैं.

 

भाई सुजीतजी, आपका कहना उचित भी है कि - अन्ना जी के अनशन मे 80% लोग मध्यम वर्ग से हैं, ऐसे लोग जो अपने स्तर पर किए गये भ्रष्टाचार को ग़लत मानते ही नही, उन्हे एहसास ही नही है की वो भी किसी स्तर पे इसमें संलिप्त हैं.

अपने स्वातंत्र्य-आंदोलन का चेहरा भी यही वर्ग था. या मैं कहूँ, हर आंदोलन का चेहरा यही वर्ग होता रहा है. सो इस उबाल से जुड़े लोगों को मध्यम वर्ग के रूप मे स्पेसिफाई करना कोई बेहतर संज्ञा मिल गयी कहना उचित नहीं होगा.

यही जनसंख्या देश की बहुसंख्या है. और यही अपने देश का वाचाल चेहरा भी है. इस वर्ग की जागरुकता अधिक आवश्यक है. अण्णा के आंदोलन का हश्र अभी देखना बाकी है, किन्तु इस आंदोलन की महती उपलब्धि मेरे मत से जन की जागरुकता ही होनी चाहिये. दूसरे, सत्ताधारी पार्टी में बहुतों की ज़मीन की दुनिया से कटी जीवनशैली और उनके अतुकांत व्यवहार के विरुद्ध अविछिन्न आक्रोश की अभिव्यक्ति भी है, जो बस एक मौका तथा राह ढूँढ रही थी फूट पड़ने के लिये. 

इधर के पाँच-सात वर्षों में उद्घाटित घोटालों की राशियाँ बेतहाशा मुँह से ’आह’ निकल जाने का कारण हो गयी है. 2G scam की अनुमानित राशि Rs.1, 75, 000 करोड़ है जो मात्र तीन-चार पंचवर्षीय योजना पहले के पूरे देश के कुल पंचवर्षीय बजट में की कुल डेफिसिट राशि के बराबर है..!!  CWG scam की राशि Rs. 22, 000 करोड़ के लगभग है. एक पार्टी प्रमुख, जिनकी उम्र चालीस वर्ष के लगभग है, की कुल मिल्कीयत Rs. 3, 500 करोड़ आँकी गयी है. बड़े और खुर्राट राजनेताओं की बात तो अलग ही है.  नासिक या मुम्बई की रिहायशी बिल्डिंग घोटाले की राशि Rs. 500 करोड़ से अधिक के हैं और उनमें लिप्त सभी लोग भारतीय सेना तथा राज्य तथा केन्द्र प्रशासन के उच्चाधिकारी हैं, ऐसा कहा जाता है. 

और, इधर सामान्य जन की हालत मँहगाई के कारण खराब है. इधर के दो वर्षों में जमा-खर्च का सारा अनुपात गड़बड़ हो गया है. 

 

वस्तुस्थिति यह है. उबाल का मूल यहाँ है. इस अंदोलन का निशाना ऐसी लिप्सायें हैं. इस उबाल को हल्के में लेने वाले लोग या संस्थायें जनता की नब्ज़ नहीं पकड़ पा रही हैं, यह सत्य तो है ही, जनता उन्हें अपना कान पकड़ते देख रही है जो अधिक उकसाने वाली बात है. 

इस उबाल के प्रति किसी अन्य वर्ग द्वारा मिलने वाली नकार भविष्य में उस वर्ग के लिये मुँह छिपाने का कारण होगा, इसमें कोई शक़ नहीं. आप उन पार्टियों और संस्थाओं का इतिहास पढ़ें जो स्वातंत्र्य आंदोलन के लम्बे काल में उस आंदोलन का हिस्सा या तो नहीं बनीं या अपनी कुछ शर्तों पर भागीदारियाँ दिखाई थीं.  उन पार्टियों या संस्थाओं में आज की पीढ़ी (सदस्य) स्वयं ही विरोध में सवाल ही खड़े नहीं करती है बल्कि शर्मसार भी दीखती है अपने वरिष्ठों की तत्कालीन सोच और तत्कालीन व्यवहार पर.

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ सारे चैनल देखिए, पढ़िए सब अखबार्। योग शक्ति को मानता, अब सारा संसार॥ अब सारा…"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुण्डलिया छंद  _____ कहता है यह प्यार से,बात पते की चित्र।  सेहत की कुंजी मिले, बने…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय, 'नूर साहब, ग़ज़ल लेखन पर आपके सिद्धहस्त होने से मैंने कब इन्कार किया। परम्परागत ग़ज़ल…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय अजेय जी,  आपकी छंद-रचनाएँ शिल्पबद्ध और विधान सम्मत हुई हैं.  सर्वोपरि, आपके…"
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
Thursday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service