For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक100 में शामिल सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

आदरणीय सदस्यगण

100वें तरही मुशायरे का संकलन प्रस्तुत है| बेबहर शेर कटे हुए हैं और जिन मिसरों में कोई न कोई ऐब है वह इटैलिक हैं| 

ग़ज़लें जिस क्रम में आयीं हैं उन्हें उसी क्रम में स्थान दिया गया है| संकलन में संशोधन के लिए कृपया ग़ज़ल संख्या अवश्य इंगित करें|

_______________________________________________________________________________

1

ASHFAQ ALI 


दुश्मने जाँ कहा गया है मुझे।

ज़िन्दगी भर छला गया है मुझे।।

नर्म लह्ज़े में बात की उनसे।

फिर भी पत्थर कहा गया है मुझे।।

हिचकियाँ आ रही हैं रह रह कर।

याद शायद किया गया है मुझे ।।

जिसको मैं दिल से प्यार करता था।

छोड़ कर वो चला गया है मुझे।।

झूठ कह कर भी बिल्यकीं सच का।

आईना वो दिखा गया है मुझे।।

आंँख से अश्क अब नहीं गिरते।

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

जिसका जल्वा है सारे आलम में।

उसका आशिक़ कहा गया है मुझे ||

जब कि शादाब है मेरा ,गुलशन,।

नाम सहरा दिया गया है मुझे।।

_______________________________________________________________________________

2

Nilesh Shevgaonkar 


मेरा माज़ी सजा गया है मुझे
वक़्त मुझ सा बना गया है मुझे.
.
सच कहो और साथ सच का दो
हुक्म बस ये दिया गया है मुझे.
.
जब ज़रूरत नहीं किसी को मेरी
फिर यहाँ क्यूँ रखा गया है मुझे?
.
कितने अहसान उस के मुझ पर हैं
चारागर फिर जता गया है मुझे.
.
और अब इम्तिहान क्या होगा
“सब्र करना तो आ गया है मुझे”
.
यूँ ही कुन्दन कोई नहीं होता
हर कसौटी कसा गया है मुझे.
.
मैं चराग़ों सा था हवाओं को
झौंका आकर बुझा गया है मुझे.
.
जम गयी है हर-इक नज़र मुझ पर
वो तमाशा बना गया है मुझे.
.
ऐब मुझ में सभी उसी के हैं
जिस के हाथों गढ़ा गया है मुझे.
.
तीरगी का तिलिस्म झूठा है
“नूर” जुगनू बता गया है मुझे.

______________________________________________________________________________

3

दिनेश कुमार

आसमाँ से गिरा गया है मुझे
मेरा अभिमान खा गया है मुझे

शुक्र है ! आइना दिखा कर वो
मेरी कमियाँ बता गया है मुझे

कर के वादा तेरा मुकर जाना
दुनियादारी सिखा गया है मुझे

मैं हूँ आवाज़ आपके दिल की
ग़ौर से कब सुना गया है मुझे

अश्क पीना भी सीख ही लूँगा
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

मुझमें शुहरत की चाह बाक़ी है
क्यों कलन्दर कहा गया है मुझे

कर के तारीफ़ वो मेरी झूठी
ज़ह्र धीमा चटा गया है मुझे

_____________________________________________________________________________

4

अजय गुप्ता


इस तरह देखता गया है मुझे
यार दिल की जता गया है मुझे

तेरी नज़रों से दिल में आना था
ये सफ़र ही थका गया है मुझे

इसने मरहम कभी लगाया ना
वक़्त बस मारता गया है मुझे

रोटियाँ खाई जब पसीने की
स्वाद नमकीन भा गया है मुझे

क्या मैं गाड़ी नहीं चलाऊँगा?
एक चालान आ गया है मुझे

चार लोगों से चार बातें सुन
पाँचवी वो सुना गया है मुझे

लाल फ़ीते से बांध रक्खा है
और तरक़्क़ी कहा गया है मुझे

नोंक लगते ही फ़टना तय समझो
बस हवा से भरा गया है मुझे

तुझसे मिलने की आस में ही सही
**सब्र करना तो आ गया है मुझे**

______________________________________________________________________________

5

राज़ नवादवी

ग़म का चेहरा यूँ भा गया है मुझे
अब तो हँसना भी आ गया है मुझे 

मुझपे आइद है लब की पाबंदी
सद्र सबका चुना गया है मुझे 

माना अशआर के नये निकले
जब भी दिल से सुना गया है मुझे 

तू न डर बात अपनी कहने से
छुपके रोना तो आ गया है मुझे 

अहले साहिल अजीब लगते हैं
इश्क़ जब से डुबा गया है मुझे

नेमते आशिक़ी नहीं कम ये
सब्र करना तो आ गया है मुझे 

एक झोंके से शोले भड़के थे
एक झोंका बुझा गया है मुझे 

फूल सी मीठी नींद देने वालो
वक़्त काँटा चुभा गया है मुझे 

सोच में अब भी तेरी जकड़न है
इस क़दर तू दबा गया है मुझे 

राज़ मुझको को मिटाना है मुश्किल
ख़ूने दिल से लिखा गया है मुझे 

______________________________________________________________________________

6

Samar kabeer

ओबीओ रास आ गया है मुझे
पथ वफ़ा का दिखा गया है मुझे

नष्ट ऐसे ही सबको होना है
बुलबुला ये बता गया है मुझे

क्या भरोसा करूँ किसी पर मैं
सबके हाथों छला गया है मुझे

आज शैताँ के जाल में फँस कर
नफ़्स पत्थर बना गया है मुझे

लाके महबूब की गली में "समर"
इश्क़ क्या क्या दिखा गया है मुझे

नम हैं आँखे तो क्या हुआ यारो
"सब्र" करना तो आ गया है मुझे"

________________________________________________________________________________

7

mirza javed baig 


*ज़ख़्म इतने लगा गया है मुझे ।
*पैकर ए ग़म बना गया है मुझे ।

*बर्फ़ जैसा पिघल न जाऊं कहीं!
*धूप वो फिर उढा़ गया है मुझे!

*बे, छुपा कर वफ़ा के चहरे में ।
*फ़न वो अच्छा दिखा गया है मुझे !

*बात दिल की तो उसने की ही नहीं!
*सिर्फ़ क़िस्से सुना गया है मुझे!

*इक नज़र बस करम की मांगी थी!
*कितने वादे थमा गया है मुझे!

*बेवफ़ाई भी उसकी भाने लगी ।
*रास इतना वो आ गया है मुझे!

*वो सितम पर है इतना आमादा ।
*ख़्वाब में भी रुला गया है मुझे ।

*ज़ब्त करना भी सीखना है अब!
*"सब्र करना तो आ गया है मुझे!"

*मैं हूँ हस्सास किस क़दर "मिर्ज़ा!
*ग़म ज़माने का खा गया है मुझे!

_________________________________________________________________________________

8

Mohammed Arif 


मेरी क़ीमत बता गया है मुझे
राह से वो हटा गया है मुझे

क़ब्ल मरने के वो ये कहने लगा
ये तकब्बुर मिटा गया है मुझे

जिसकी रग रग में झूट पिंहाँ है
आइना वो दिखा गया है मुझे

तुम नहीं हो मेरे मुक़द्दर में
इक नजूमी बता गया है मुझे

कोई आँखों में डाल कर आँखें
जाम-ए-सहबा पिला गया है मुझे

ओबीओ ने दिया है ये मिसरा
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

एक शब आके ख़्वाब में "आरिफ़"
कोई ख़ुद से मिला गया है मुझे

______________________________________________________________________________

9

Rana Pratap Singh 


राज़-ए-उलफ़त बता गया है मुझे

कितना आसाँ बना गया है मुझे

इस कहानी में तुम मिलोगे कहीं

सिर्फ इतना कहा गया है मुझे

लुत्फ़-ए-सोज़-ए-जिगर की ख्वाहिश में

देख, कितना जला गया है मुझे?

मसअला ये नहीं कि मैं गुम था

मसअला ये कि पा गया है मुझे

मुझको बेदख़्ल करके मुझसे ही

अपनी धुन में लगा गया है मुझे

इश्क में सिर्फ इश्क होता है

बात इतनी बता गया है मुझे

कल छुड़ाई थी उसने दे के कसम

आज फिर से पिला गया है मुझे

तेरी बेताबियों की सुहबत में

“सब्र करना तो आ गया है मुझे”

दिन ब दिन मैं रहा सवालों में

और वो जांचता गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

10

Mohd Nayab 


छोड़ तन्हा चला गया है मुझे।

ये भी ताना दिया गया है मुझे।।

ख़ुद को हौव्वा न कह सकूंगा मैं

जब किआदम कहा गया है मुझे।।

मैं तो इंसान हूँ सभी के लिए ।

देवता क्यों कहा गया है मुझे ।।

उसको देखा नहीं नज़र भरके ।

जो इधर देखता गया है मुझे ।।

आप को क्यों यकीं नहीं होता।

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

कुछ दुआओं के साथ साथ फ़क़ीर।

गालियाँ भी सुना गया है मुझे।।

चैन दिल को नहीं क़रार नहीं।

फिर कोई याद आ गया है मुझे।।

बात करना न तुम हसीनोंं से।

फैसला ये दिया गया है मुझे।।

वो मेरा दोस्त है अभी "नायाब'।

जिस का दुश्मन कहा गया है मुझे।।

_______________________________________________________________________________

11

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'


दीप जैसा बना गया है मुझे
तम से लड़ना सिखा गया है मुझे।१।

कुछ भी हो पर न सच का साथ तजूँ
पथ वो ऐसा दिखा गया है मुझे।२।

दोष मेरे वो अपने सर लेकर
सब की नजरों उठा गया है मुझे।३।

बात उस की दुखों से तार गयी

गंगा जल ज्यों पिला गया है मुझे।४।

सब्र तौफ़ीक दे के जब से गया
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।५।

जिसकी रगरग में बस रहा था कभी

एक पल में भुला गया है मुझे।६।

जिसको पूछा न था सुखों में कभी
वो ही दुख में निभा गया है मुझे।७।

______________________________________________________________________________

12

HAFIZ MASOOD MAHMUDABADI 


रह वो ऐसी दिखा गया है मुझे।

ढ़ंग जीने का आ गया है मुझे।।

ख्वाब दे कर नए जमाने के।

आज कोई जगा गया है मुझे।।

दुश्मने जाँ भी खूब है मेरा ।

अपना हमदम बना गया है मुझे।।

अब मसायब का ख़ौफ़ क्या होगा।

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

गुम हुआ हूँ उसी की यादों में।

ऐसा नग़मा सुना गया है मुझे ।।

दाग़ आने लगे नज़र खुद ही ।

आईना वो दिखा गया है मुझे ।।

उसका अंदाज़े गुफ़त्गू "मसऊद "।

इक सलीक़ा सिखा गया है मुझे।।

______________________________________________________________________________

13

Afroz 'sahr'


जाम- ए- उल्फ़त पिला गया है मुझे!

कोई जीना सिखा गया है मुझे!!

लम्स में उसके कोई जादू था!

मिस्ल- ए- पत्थर बना गया है मुझे!!

छेड़ कर दास्ताँ महब्बत की!

कोई फिर से रुला गया है मुझे!!

चाहता है वो मेरी रुस्वाई!

मेरे क़द से बढ़ा गया है मुझे!!

पुर सुकूँ था लहद में सोया हुआ!

कौन आकर जगा गया है मुझे!!

मेरी फ़ितरत से वो शनासा था!

मुस्कुरा के लुभा गया है मुझे!!

बात सच ही तो कह रहे हैं 'समर'

सब्र करना तो आ गया है मुझे!!

________________________________________________________________________________

14

सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'


प्यार करना सिखा गया है मुझे
कोई दिल में बसा गया है मुझे।।

उसका गम भूलना भी मुश्किल है
घाव ऐसा लगा गया है मुझे।।

रोल तेरे फ़रेब का भी है
जो सयाना बना गया है मुझे।।

इक सफ़ल रहनुमा बनूँगा अब
बोलना झूठ आ गया है मुझे।।

पाठ माँ बाप का पढ़ाया हुआ
कामयाबी दिला गया है मुझे।।

वक़्त उस्ताद ज़िन्दगी का है
जो बहुत कुछ सिखा गया है मुझे।।

खूब मिसरा 'समर कबीर' का है
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

अब उसे राख ही मिलेगी नाथ
जो अदा से जला गया है मुझे।।

_________________________________________________________________________________

15

Amit Kumar "Amit"

ख्वाब जो भी दिखा गया है मुझे।
मुझसे ही तो मिला गया है मुझे।।१।।

हर तरह से मिटा गया है मुझे।
रंग भी अपना चढ़ा गया है मुझे।।२।।

छोड़ कर वो गया तो क्या हो गया।
आज फिर से रुला गया है मुझे।।३।।

सीख पाया न ये हुनर मैं कभी।
अपने एहसां जता गया है मुझे।।४।।

पेट भरना नहीं है आसां पर।
अश्रु पीना सिखा गया है मुझे।।५।।

छोड़ तन्हा यूं इस जमाने में।
मूकदर्शक बना गया है मुझे।।६।।

अब तो केवल मिठास बाकी है।
सब्र करना तो आ गया है मुझे।।७।।

ऐ "अमित" क्या कहूँ में उसके सितम।
इक ही पल में भुला गया है मुझे।।८।।

________________________________________________________________________________

16

Tasdiq Ahmed Khan

अपना जलवा दिखा गया है मुझे l
कोई आशिक़ बना गया है मुझे l

अपनी फितरत दिखा गया है मुझे l
वो फरेबी. बता गया है मुझे l

जिसकी मंज़िल न है ठिकाना कोई
ऐसी रह वो चला गया है मुझे l

आज़माइश है अब तेरी ज़ालिम
सब्र करना तो आ गया है मुझे l

ग़ैर के साथ आ के महफ़िल में
कोई कसदन जला गया है मुझे l

देके सूखा गुलाब हाथ में वो
फैसले दिल सुना गया है मुझे l

किस लिए जाऊँ मैकदे की तरफ़
वो नज़र से पिला गया है मुझे l

सर पे तुहमत दगा की वो रख कर
तौरे उलफत सिखा गया है मुझे l

कोई दिखलाके शक्ल अपनी उदास
खूँ के आँसू रुला गया है मुझे l

करके बीमार की अयादत वो
वक़ते आख़िर हँसा गया है मुझे l

की दगा उसने जिसको अपनाया
ग़म ये तस्दीक खा गया है मुझे l

________________________________________________________________________________

17

rajesh kumari 

ख़्वाब एसे दिखा गया है मुझे
जैसे अपना बना गया है मुझे

हाँ म हाँ क्या मिला दी बातों में
वो समझता है पा गया है मुझे

गोया मैं इक नदी हूँ भटकी सी
अपनी रौ में बहा गया है मुझे

जो मुखौटा पहन के रहता था
आइना वो दिखा गया है मुझे

दास्ताँ उसकी मेरे जैसी थी
जाते जाते रुला गया है मुझे

उसके तानों को सुनके ऐसा लगा
जैसे नश्तर चुभा गया है मुझे

बनके आया था नाख़ुदा मेरा
पर भँवर में डुबा गया है मुझे

जब कभी दिल करे तो लौट आना
सब्र करना तो आ गया है मुझे

________________________________________________________________________________

18

V.M.''vrishty'' 


कोई ऐसे सता गया है मुझे
देख जिंदा जला गया है मुझे 1

दफ़्न हर शौक करते-करते अब
""सब्र करना तो आ गया है मुझे ""2

सिलसिला बंदिशों का घर में मेरे
इक परिंदा बना गया है मुझे 3

जिंदगी भर जिसे तराशा था
देके धोखा चला गया है मुझे 4

इतना नाज़ुक मिज़ाज़ होना मेरा
अपना कातिल बना गया है मुझे 5

बे-ख़ता हूँ मगर अदालत में
जज सज़ा तो सुना गया है मुझे 6

बाद मुद्दत मेरा ग़ज़ल कहना
आज मुझसे मिला गया है मुझे 7

______________________________________________________________________________

19

Manan Kumar singh

वस्ल तेरा तो भा गया है मुझे
तू भले ही भुला गया है मुझे।1.

.

प्यार पलता रहा जिगर में यहाँ
हुस्न तेरा चिढ़ा गया है मुझे।2

.

प्यास बढ़ती गई,थमी ही नहीं,
जाम भर तू दिखा गया है मुझे।3

.

क्या करूँ शिकवे' तुझसे' यार बता
खार ही तू चुभा गया है मुझे।4

.

हौसलों की बुलंदी' पाल जिऊँ?
तुंग से तू गिरा गया है मुझे।5

.

ख्वाहिशें दी बता, हुआ तू' ख़फा
इक दफा में फँसा गया है मुझे।6

.

अश्क मैं बेबहर, वफ़ा था' कभी,
वक्त चुपके चुआ गया है मुझे।7

.

राह भटका, असातिजा ही' यहाँ
दो कदम बस चला गया है मुझे।8

.

बादलों की दुआ मिली ही कहाँ
सब्र करना तो' आ गया है मुझे।

______________________________________________________________________________

20

शिज्जु "शकूर"

ख़्वाब ए जानाँ दिखा गया है मुझे
नींद से वो जगा गया है मुझे

सैकड़ों बार का सुना किस्सा
किस्सा गो फिर सुना गया है मुझे

उम्र का हर गुज़श्ता लमहा आज
एक शाइर बना गया है मुझे

मेरे अंदर रवाँ तुम्हारा ख़याल
ज़ेर ए दरिया डुबा गया है मुझे

मुझपे क्या-क्या न गुज़री है लेकिन
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

______________________________________________________________________________

21

santosh khirwadkar 


कोई आकर सिखा गया है मुझे

ज़िन्दगी जीना आ गया है मुझे

मेरी क़िस्मत कि अपनी महफ़िल में

ख़ुद वो आकर बुला गया है मुझे

पास आकर कोई इशारों में

राज़-ए-उल्फ़त बता गया है मुझे

कोई कमज़र्फ मेरे जीवन पर

करके अहसाँ जता गया है मुझे

धीरे धीरे सही मगर यारो

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

कोई 'संतोष' ख़्वाब में आ कर

मेरी ग़ज़लें सुना गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

22

anjali gupta 


आइना यूं दिखा गया है मुझे
कोई ख़ुद से मिला गया है मुझे

मेरे चेहरे को चांद कह कर वो
आसमां पर सजा गया है मुझे

राज़ दिल के निगाहों से कोई
सरे महफ़िल बता गया है मुझे

जिसकी खातिर सुलग के राख हुई
ठोकरों से उड़ा गया है मुझे

कौन ये रात के अंधेरे में
चांद सा जगमगा गया है मुझे

ख़्वाब पर नाम जिसका लिक्खा था 
नींद से वो उठा गया है मुझे

छेड़ कर तार मेरे दिल के वो
गीत सा गुनगुना गया है मुझे

संगदिल से लगा के दिल अपना
सब्र करना तो आ गया है मुझे(गिरह)

है मुहब्ब्त भी कैसा खेल 'सिफ़र'
हार कर वो हरा गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

23

योगराज प्रभाकर 

तिश्नगी से मिला गया है मुझे

जाम ऐसा दिया गया है मुझे

.

ख़्वाब झूठे दिखा गया है मुझे
इस तरह से ठगा गया है मुझे

चुप न रहता तो और क्या करता
तू बता कब सुना गया है मुझे

चाँद अब मुझसे खार खाएगा
क्यों तू जुगनू बता गया है मुझे

देख पाऊँ न सुन सकूँ कुछ भी
गो अदालत कहा गया है मुझे

इक दफ़ा तो तू गुनगुना मुझको
तेरी ख़ातिर लिखा गया है मुझे

डाँट के साथ प्यार बेटी का
याद माँ की दिला गया है मुझे

ज़ुल्म सहना भी आ ही जाएगा
सब्र करना तो आ गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

24

Gurpreet Singh 


जब से अपना बना गया है मुझे ।
खौफ़ ए फुर्कत ही खा गया है मुझे ।

अब उमीदों का मुझ पे बोझ नहीं ,
हारना रास आ गया है मुझे ।

जीने के सीख लूँगा और भी ढंग ,
"सब्र करना तो आ गया है मुझे।"

कैसे उस अजनबी को ग़ैर कहूँ ,
वो जो मुझसे मिला गया है मुझे ।

तेरी तस्वीर - चहरा हँसता हुआ ,
आज फ़िर से रुला गया है मुझे ।

सुनने आया था वो कहानी मेरी ,
अपना क़िस्सा सुना गया है मुझे ।

ईश्क ए नाकाम का फ़साना हूँ ,
ख़ूब लिक्खा पढ़ा गया है मुझे ।

______________________________________________________________________________

25

मोहन बेगोवाल

कोई अमृत पिला गया है मुझे।

फिर से जिन्दा बना गया है मुझे।

बस उमीदें जगा गया है मुझे।

गुनगुनाना भुला गया है मुझे।

आसमां पर सजा गया है देखो,

अब सितारा बना गया है मुझे।

घर बुलाता नहीं कभी हम को,

रात सपनों में आ गया है मुझे।

कलम लिखती कहाँ मुझे कागज़,

फेस बुक पर टिका गया है मुझे।

माँ बताती नहीं कभी दिल की,

“सब्र करना तो आ गया है मुझे।"

अब बहाना चला कहाँ तेरा,

आईना सब दिखा गया है मुझे।

_________________________________________________________________________________

26

Sheikh Shahzad Usmani

दास्तां वो सुना गया है मुझे
आसमां ही दिखा गया है मुझे।

भाषणों में फंसा नज़ाकत से
लोकसेवक डरा गया है मुझे।

दानवों के कुशासनों वाला
आबरू ले, रुला गया है मुझे।

ज़ुल्म सहना, दिखा-सिखा ज़ालिम
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

हद रहे शेख़ियों बिना यारों
क़द समझना बता गया है मुझे।

_______________________________________________________________________________

27

Md. anis sheikh 


ज़ख्म कुछ यूँ दिखा गया है मुझे
इक ग़ज़ल वो सुना गया है मुझे |

था जो पत्थर मेरी नज़र में कभी
वो मुहबब्त सिखा गया है मुझे |

क़ाबू ख़ुद पे मेरा बहुत है मगर
हद से ज़्यादा तू भा गया है मुझे |

जागना ,रोना,दर्द , आँसू ,तड़प
क्या था मै ,क्या बना गया है मुझे |

ज़िन्दा भी रहना है , जुदा हो के भी
बस यही डर तो खा गया है मुझे |

चाहे जिस हाल में तू रख ऐ ख़ुदा
सब्र करना तो आ गया है मुझे |

_________________________________________________________________________________

28

Er. Ganesh Jee "Bagi" 


राज़ दिल का सुना गया है मुझे

प्यार अपना जता गया है मुझे

कुछ तो अच्छा हुआ जो दिल टूटा
अस्ल चेहरा दिखा गया है मुझे

दिल के बदले वो मेरा दिल लेकर
प्यार करना सिखा गया है मुझे

शौक से लूट हर ख़ुशी मेरी
सब्र करना तो आ गया है मुझे

ओ बी ओ का हुआ असर ऐसा
शेर कहना तो आ गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

29

vandana 

मुस्कुरा कर बुला गया है मुझे

एक बच्चा रिझा गया है मुझे

सांस में जागी संदली खुशबू

कोई देकर सदा गया है मुझे

दीप बनकर जलूँ निरंतर मैं

जुगनू देकर दुआ गया है मुझे

दुःख मेरा दूजों से लगे कमतर

सब्र करना तो आ गया है मुझे

हक में उसके सदा जो रहता था

आइना फिर दिखा गया है मुझे

थी सराबों की असलियत जाहिर

फिर भी क्यूँकर छला गया है मुझे

अब शिकायत हवा से कैसे हो

कोई अपना बुझा गया है मुझे

________________________________________________________________________________

30

Mahendra Kumar 


बोलना जब से आ गया है मुझे

चुप रहूँ ये कहा गया है मुझे

मेरी सूरत बिगाड़ने वाला
आइना कल दिखा गया है मुझे

धोका, रुसवाई, दर्द, तन्हाई
चाहा क्या, क्या दिया गया है मुझे

सहरा सहरा भटक रहा हूँ अब
इश्क़ पागल बना गया है मुझे

वक़्त का आज फिर कोई लम्हा
आँसुओं में डुबा गया है मुझे

जाना तो मुझको चाहिए था मगर
छोड़ कर वो चला गया है मुझे

जो कहानी कहीं पे ख़त्म न हो
इश्क़ है वो बता गया है मुझे

फल मिलेगा न जाने कब देखो
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

उसने मुझको कभी पढ़ा ही नहीं
जिसकी ख़ातिर लिखा गया है मुझे

कोई मुझको समझ न पाएगा
इतना आसाँ बना गया है मुझे

______________________________________________________________________________

31

नादिर ख़ान 


ज़िंदगी से हटा गया है मुझे

वो कयामत दिखा गया है मुझे

मै जिसे जाँ नशीं समझता था

अपना कातिल बता गया है मुझे

माँ असर है तेरी दुआओं का

सब्र करना तो आ गया है मुझे

जिस्म में सिर्फ दर्द बाकी है

इश्क रोगी बना गया है मुझे

जब भी यादों का कारवाँ निकला

जह्र मीठा पिला गया है मुझे

रात गुज़रेगी आज तो भारी

ज़िक्र उनका रुला गया है मुझे

ये भी उसका फरेब है नादिर

मुस्कुराकर मना गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

32

Surkhab Bashar 

जाम ऐसा पिला गया है मुझे
चाँद सा जग मगा गया है मुझे

इश्क़ में ऐसे टूटता है दिल
गिर के शीशा बता गया है मुझे

हिज्र के ग़म का काफला आकर
आज फिर से रुला गया है मुझे

मैं,तो बिखरा हुअा पड़ा था यहाँ
कोई आकर जमा गया है मुझे

लाश को दफ़्न कैसे करते हैं 
इक परिन्दा सिखा गया है मुझे

जब्र के देखना हैं अब तेवर
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

अपने पैरों पे कामयाबी से

कोई चलना सिखा गया है मुझे

एक सुरख़ाब नाम का शाइर
जाने क्या क्या सिखा गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

33

Munavvar Ali 'taj' 


यार करके जुदा गया है मुझे

याद का घुन लगा गया है मुझे

वो सलीक़ा सिखा गया है मुझे

घोलकर ग़म पिला गया है मुझे

ज़ख़्म ऐसा दिया गया है मुझे

दर्द कच्चा चबा गया है मुझे

सुन के खुश हो गये अदू मेरे

कुछ तो ऐसा कहा गया है मुझे

चाँद आकर मेरे ख़्यालों में

आप बीती सुना गया है मुझे

बेरुख़ी से मुझे जलाकर वो

आँसुओं से बुझा गया है मुझे

हो गया है सितम पे वो नादिम

उसकी बदलाव भा गया है मुझे

चाहतों की तलाश में ज़ालिम

तुहमतों में दबा गया है मुझे

इश्क़ का वास्ता मुझे देकर

हुस्न चूना लगा गया है मुझे

' ताज ' निकला था ढूँढने देखो

कुछ किताबों में पा गया है मुझे

शुक्र करना भी आएगा मुझको

" सब्र करना तो आ गया है मुझे"

_________________________________________________________________________________

34

Vivek Raj 


सद्रे महफ़िल जला गया है मुझे ।
इस्मे शम्मा दिया गया है मुझे।।

ये न कह दे चरागे़ इश्क़ कहीं ।
एक हासिद बुझा गया है मुझे ।।

मेरा साया न छू सके उसको।
तीरगी में रखा गया है मुझे ।।

देख कर लोग मुस्कुराते हैं।
वो तमाशा बना गया है मुझे ।।

बावला हो के एक परवाना।

इश्क़ क्या है बता गया है मुझे ।।

वादी ए इश्क़ मिट के महकाना ।
गुल शिकस्ता सिखा गया है मुझे।।

उसके बख़्शे ग़मों के साये में ।
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

चूम कर वो लबों से पेशानी ।
एक गौहर बना गया है मुझे ।।

अपनी कसमें खिला के मक़तल में।

बेवफा क्यों बुला गया है मुझे।।

शादमाँ दिल था जिसकी आमद पर।
हैफ़ वो हीं रुला गया है मुझे।।

रूठ कर "राज़" वो गया तो लगा।
छोड़ कर रब चला गया है मुझे।।

________________________________________________________________________________

35

Naveen Mani Tripathi 

फख्र से फिर छला गया है मुझे।
ज़ह्र बेशक दिया गया है मुझे।।
.
वो सियासत में दांव चलचल कर।
मक्तलों तक बुला गया है मुझे।।
.
फिर मिटाने की साजिशें लेकर।
वो गले से लगा गया है मुझे।।
.
कर रहा बेमिसाल तकरीरें।
रफ़्ता रफ़्ता जो खा गया है मुझे।।
.
जिंदगी एक तिश्नगी भर है।
वो हकीकत बता गया है मुझे।।
.
छेड़िये हक़ की बात मत यारो।
फैसला वह सुना गया है मुझे।।
.
फ़िक्र का जिक्र करके ज़ालिम तो।
बेख़ुदी में जला गया है मुझे।।
.
हूँ मैं खामोश ज़ुल्म पर कितना।
सब्र करना तो आ गया है मुझे।।
.
अब न कीजै यकीन जुमलों पर।
वक्त इतना सिखा गया है मुझे।।
.
तुम तरक्की पे मत करो चर्चा।
कायदा वो पढ़ा गया है मुझे।।
.
तख़्त देते हैं मन्दिरो मस्जिद।
आजकल कौन पूछता है मुझे।।

_________________________________________________________________________________

36

अजीत शर्मा 'आकाश'

लम्हा-लम्हा छला गया है मुझे ।

सिर्फ़ झाँसा दिया गया है मुझे ।

रात से डर के डूब जाता है

फिर से सूरज बता गया है मुझे ।

मैं भटक जाता, दोस्त कोई मगर

राहे-मंज़िल बता गया है मुझे ।

क़त्ल करने की दे के धमकी वो

आज फिर से डरा गया है मुझे ।

ये नहीं करना, वो नहीं करना

कोई समझा-बुझा गया है मुझे ।

मेरी आँखों को बख़्श कर सूरज

कोई अन्धा बना गया है मुझे ।

चाहे जो भी हो मुतमईन हूँ मैं

[[सब्र करना तो आ गया है मुझे]]

जीत ‘आकाश’ फिर दिलाकर वो

आज फिर से हरा गया है मुझे ।

_______________________________________________________________________________

37

सूबे सिंह सुजान 


सीधा रस्ता दिखा गया है मुझे
मेरा उस्ताद भा गया है मुझे

अच्छी बातें बता गया है मुझे
कर्ज में यूँ दबा गया है मुझे

मेरा दुश्मन हरा गया है मुझे
उँगलियों पर नचा गया है मुझे

इस तरह वो गिरा गया है मुझे
रास्ते से हटा गया है मुझे

बेवफ़ा हो के प्यार करता है
मरते मरते बचा गया है मुझे

खोटा सिक्का बताता था लेकिन
मार्किट में चला गया है मुझे

अब मेरा हारना जरूरी है
ख्वाब उसका थका गया है मुझे

जो भी चाहा नहीं मिला,आखिर
*सब्र करना तो आ गया है मुझे*

देखता हूँ किसान बनके "सुजान"
कर्ज का बोझ खा गया है मुझे

________________________________________________________________________________

38

Samar kabeer 

याद फिर कोई आ गया है मुझे
ख़ूँ के आँसू रुला गया है मुझे

ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो
पास दिल के रखा गया है मुझे

ज़िन्दगी थी तो साथ ग़म भी था
अब तो आराम आ गया है मुझे

आके हुजरे में एक शब कोई
ख़ुशबुओं में बसा गया है मुझे

वक़्त जब इम्तिहान का आया
छोड़ कर वो चला गया है मुझे

कोई मेरे सिवा न था उसमें
खोल कर दिल दिखा गया है मुझे

कहते कहते वो यार जग बीती
आप बीती सुना गया है मुझे

है ये मिसरा सभी के होटों पर
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

आफ़ियत है इसी में मेरी समर
वो करूँ , जो कहा गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

39

Sheikh Shahzad

दानवी है, जता गया है मुझे

'रेलवे-ट्रेक' खा गया है मुझे।

साज़िशों से डरा, मरा देखो
पर्व पर ही रुला गया है मुझे।

आश्वासन मुआवज़ा झेलूं,
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

शोक में है वतन, दहन करके

राक्षस मारता गया है मुझे

रावणों से रिहा करो हमको
राहतों से सुला गया है मुझे।

_________________________________________________________________________________

40

शिज्जु "शकूर"

यूँ दिलासा दिया गया है मुझे
तू मेरा है कहा गया है मुझे

छिड़ गया होगा तज़्किरा तेरा
फ़ासले पर रखा गया है मुझे

उसकी आँखों में झाँक कर देखो
आँसुओं में छुपा गया है मुझे

इक नमी सी हुई मुझे महसूस
यूँ लगा था छुआ गया है मुझे

खुद को बहला रहा हूँ ये कहकर
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

________________________________________________________________________________

41

mirza javed baig


हुस्न जलवे दिखा गया है मुझे!

ख़ुद से ग़ाफ़िल बना गया है मुझे !

अबरू-ए-ख़म दिखा के वो देेखो

मह्व-ए-हैरत बना गया है मुझे!

इक तबस्सुम से सुर्ख़ होंटों के!
बाज़ी-ए-दिल हरा गया है मुझे ।

मैरा मुझमें बचा नहीं कुछ भी!
वो मुकम्मल चुरा गया है मुझे!

लब पे पहरे थे, धड़कनों से मगर!
हाल-ए-दिल वो सुना गया है मुझे !

तू न होता तो डूब जाता मैं!
तेरा होना तिरा गया है मुझे!

मैं तो लाइक़ न था मगर "मिर्ज़ा "
यार मेरा निभा गया है मुझे!

"ओबीओ" का है, गोल्डन मिसरा
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

________________________________________________________________________________

42

Saurabh Pandey 


छोड़ कर तू.. चला गया है मुझे

सबसे कहना ये भा गया है मुझे

क्या हुआ वो निभा नहीं पाया
सब्र करना तो आ गया है मुझे

दोस्ती में परत जो होती है
यार मेरा दिखा गया है मुझे

तुम सियासत के चोंचले रक्खो
खेल का ढंग आ गया है मुझे

जब कि मेरा ही नाम चलता है

फ़ासले पर रखा गया है मुझे

जब जगत में न भान हो जग का
वो अवस्था बता गया है मुझे

रौशनी की छुअन से सहला कर
चाँद फिर से जगा गया है मुझे

अह ! लगा.. वो अभी-अभी ग़ुज़रा
या, कि माज़ी भिगा गया है मुझे

जुगनुओं से अँधेरे जलते हैं
बोल कर ये छला गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

43

Ravi Shukla 


चुप रहूँ ये कहा गया है मुझे,
और फिर घर बिठा गया है मुझे।

बस बदलती रहेंगी तस्वीरें,
फ्रेम जैसा बना गया है मुझे।

जाते जाते वो इक बहाने से,
दिल की धड़कन सुना गया है मुझे।

मैं न पीता तो और क्या करता,
जामो मीना थमा गया है मुझे।

ज़िक्र आया ही था बिछड़ने का,
साथ अपने रुला गया है मुझे।

इन ग़मों की हसीन सुहबत में,
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

_________________________________________________________________________________

44

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 


खुद का ग़म वो बता गया है मुझे,
किस्से उनके सुना गया है मुझे।

कोई उनकी जफ़ा की बातें बता,
घूँट कड़वे पिला गया है मुझे।

गाम दर गाम ख्वाब झूठे दिखा,
रोज अब तक ठगा गया है मुझे।

अब इनायत सी लगती उनकी जफ़ा,

ग़म तु इतना क्यों भा गया है मुझे।

इंतज़ार उनका करते करते अब,
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

डाल दरिया में कर 'नमन' नेकी,
सीख कोई सिखा गया है मुझे।

_________________________________________________________________________________

45

Afroz 'sahr'

हर क़दम पर छला गया है मुझे!

बे वफ़ा ही लिखा गया है मुझे!!

मैं था रौशन दिया महब्बत का!

कोई आकर बुझा गया है मुझे!!

ढूंढता फिर रहा हूँ सदियों से!

कोई मुझमें छुपा गया है मुझे!!

उसने पा कर भी खो दिया मुझको!

कोई खो कर भी पा गया है मुझे!!

अश्क पीता हूँ मुस्कुरा कर मैं!

ये सलीक़ा भी आ गया है मुझे!!

उसका मश्कूर हूँ तहे दिल से!

आईना जो दिखा गया है मुझे!!

आप सबको 'समर' बता देना!

सब्र करना तो आ गया है मुझे!!

_________________________________________________________________________________

46

munish tanha 


इस तरह वो सता गया है मुझे

जख्म गहरा लगा गया है मुझे

उम्र भर मैं अलग रहा उससे

वो मगर फिर भी पा गया है मुझे

साथ सच के कहीं न बढ़ जाऊं

रास्ते से हटा गया है मुझे

वन्दगी है तो जिन्दगी अच्छी

वक्त ऐसा पढ़ा गया है मुझे

जख्म खाने का फायदा ये हुआ

सब्र करना तो आ गया है मुझे

दर्द की फ़िक्र अब नहीं “तन्हा”

जाम साकी पिला गया है मुझे

_____________________________________________________________________________

47

अरुण कुमार निगम 


आइना वो दिखा गया है मुझे
किस अदा से रुला गया है मुझे।

ख्वाब रंगीं दिखा के गुलशन का
इक कफ़स में फँसा गया है मुझे।

कैसे कर्जे से छूट पाऊंगा
कीमती मय पिला गया है मुझे।

कुछ न सीखा ये मानता हूँ मगर
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

वोट मांगा है उसने हक़ से "अरुण"
मानो रिश्वत खिला गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

48

Manan Kumar singh

शे'र कहना सिखा गया है मुझे

शख्स कोई सुना गया है मुझे।1

मुंतजिर हूँ कि वह करे रौशन

राह भटकी,दिखा गया है मुझे।2

रुख हवाओं के मोड़ता फिरा जो,

वह बवंडर फँसा गया है मुझे।3

सोचता था,मिरा करीबी उसे

आइना वह दिखा गया है मुझे।4

मसखरों का यहाँ ठिकाना नहीं

इल्म यह फिर से आ गया है मुझे।5

ख्वाब तेरे खुदी को मात करें

क्यूँ तू यूँ तिलमिला गया है मुझे?6

टूट जाऊँ,उठूँ लहर की तरह

सब्र करना तो आ गया है मुझे।7

________________________________________________________________________________

49

dandpani nahak

सामने सच जो पा गया है मुझे
कौन मुझसे मिला गया है मुझे

हादसे बेखबर नहीं होते
रहनुमां ये सीखा गया है मुझे

बस अकीदत का कह नहीं सकता
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

आइना ही धुंधला सा हो गया है
या अक्स खुद भुला गया है मुझे

ना जिन्दगी ना मौत मन माफिक
देख आँख में जता गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

50

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

ओ बी ओ पर जमा गया है मुझे
पक्का शायर बना गया है मुझे।१।


नभ का तारा हूँ मैं तो ऐ भाई
बुलबुला कब कहा गया है मुझे।२।

क्या 'समर'ने तुझे दी सीख नई'
सब्र करना तो आ गया है मुझे ।३।

आईना तो नहीं हुआ हूँ मगर
नस्ब फिर भी किया गया है मुझे।४।

लाई क़िस्मत जो तेरे दर पर तो
इल्म थोड़ा सा आ गया है मुझे।५।

नब्ज मेरी उसी के हाथ रही
तख़्त पर जो बिठा गया है मुझे।६।

रस्म हर इक निभा रहा हूँ यहाँ
हीन फिर भी कहा गया है मुझे।७।

मुक्त मन से पढ़ा गया वो सबक
शायरी नित सिखा गया है मुझे।८।

यत्न कर यश मिलेगा खूब तुझे
राज ये वो बता गया है मुझे।९।

शख़्सियत उनके जैसी करना है
ताज उनका जो भा गया है मुझे।१०।

ब्याज से बढ़ के अस्ल होता है
दीन रख ये बता गया है मुझे।११।

सबका अहसान मंद हूँ भाई
मान इतना दिया गया है मुझे ।१२।

रोज़ का ख़त्म हो गया झगड़ा
हर कोई आज पा गया है मुझे।१३।

____________________________________________________________________________

51

Nilesh Shevgaonkar


ऐसी घुट्टी पिला गया है मुझे
ख्व़ाब झूठे दिखा गया है मुझे
.
अच्छे दिन आयेंगे ये कह-कह कर
अगला,,, उल्लू बना गया है मुझे.
.
“शेर है शेर” कह के पाला था
मार कर दुष्ट खा गया है मुझे.
.
खून में उस कुटिल के था व्यापार
भाइयों से लड़ा गया है मुझे.
.
झूठे जुमलों का कितना एहसां है
“सब्र करना तो आ गया है मुझे.”
.
ढेर पकवान होंगे सोचा था
बस पकौड़े खिला गया है मुझे.
.
सब्ज़-बाग़ों भरे वो विज्ञापन
प्लान कर के ठगा गया है मुझे.
.
इस कहानी में राजा नंगा है
एक बच्चा बता गया है मुझे.
_________________________________________________________________________________

52

dilbag virk


राह से वो हटा गया है मुझे ।
तोड़ कसमें, भुला गया है मुझे ।

यूँ ही उड़ता रहा, हवा में मैं
आइना वो दिखा गया है मुझे ।

रोजो-शब उसको सोचता हूँ बस
रोग कैसा लगा गया है मुझे ।

ज़िन्दगी का तराना गाता हूँ
दर्द का साज़ भा गया है मुझे ।

वक्त की ठोकरों में रह रह कर
सब्र करना तो आ गया है मुझे ।

इश्क का रोग 'विर्क' ऐसा लगा
अश्क़ पीना सिखा गया है मुझे ।

_________________________________________________________________________________

53

नादिर ख़ान


जह्र अपना पिला गया है मुझे

चापलूसी सिखा गया है मुझे

कत्ल करना तो शौक है उसका

और कातिल बता गया है मुझे .

मै जिसे नासमझ, समझ बैठा

आईना वो दिखा गया है मुझे

फिर मै कैसे यकीन कर लेता

बारहा तो छला गया है मुझे

बन के कल सूरमा जो फिरता था

पीठ वो ही दिखा गया है मुझे

अपने दिल की मै सुन रहा हूँ अब

ढंग जीने का आ गया है मुझे

शौक ए ज़ुल्मत को तुम बदल डालो

सब्र करना तो आ गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

54

अजीत शर्मा 'आकाश' 

प्याऱ करना सिखा गया है मुझे

वो मुकम्मल बना गया है मुझे ॥ 1 ॥

उससे बढ़कर न होगी जन्नत भी

ऐसी दुनिया दिखा गया है मुझे ॥ 2 ॥

उसके चेहरे पे, उसकी आँखों में

जाने कितना पढ़ा गया है मुझे ॥ 3 ॥

मुस्कुराहट से क़त्ल करता है

उसका अन्दाज़ भा गया है मुझे ॥ 4 ॥

होश मेरे तो हो रहे हैं गुम

जाने क्या शै पिला गया है मुझे ॥ 5 ॥

कोई जा के बता दे सूरज को

चाँद पूनम का भा गया है मुझे ॥ 6 ॥

ये करम है मेरे सितमगर का

[[सब्र करना तो आ गया है मुझे]] #

मुझसे 'आकाश' पढ़ने आया था

ढाई अक्षर पढ़ा गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

55

rajesh kumari 

दिन में तारे दिखा गया है मुझे
नींद से वो जगा गया है मुझे

कोयला बन सकी न राख हुई
उसका धोखा जला गया है मुझे

आसमां छीन कर मेरा अपना
इस जमीं पर बिठा गया है मुझे

मैंने इंसा जिसे बनाया था
वो ही पत्थर बना गया है मुझे

करके दरिया को पार इक तिनका
दुनिया दारी सिखा गया है मुझे

जिंदगी का ख़राब इक लम्हा
हाशिये से मिटा गया है मुझे

बिन ख़ता के तेरी अदालत में

जाने क्या-क्या कहा गया है मुझे

ऐब मुझमे हज़ार कह-कह कर

खत्म पल-पल किया गया है मुझे

अब खुशी दे या छीन ले मौला
सब्र करना तो आ गया है मुझे

________________________________________________________________________________

56

विनय कुमार 


यूँ संभलना सिखा गया है मुझे
सबके चेहरे दिखा गया है मुझे

खार बिखरे हैं रास्तों पे मगर
उनपे चलना बता गया है मुझे

कभी कहता है दोस्त और कभी
बेरुखी भी जता गया है मुझे

लड़खड़ाते हैं कदम अब मेरे
जाम ऐसा पिला गया है मुझे

रात दिन खौफ़ में गुजरता है
दर्द ऐसा सता गया है मुझे

अपनी सूरत पे अब गुरुर नहीं
आईना यूँ दिखा गया है मुझे

मंजिलें दूर कहाँ अब मुझसे
सब्र करना तो आ गया है मुझे

दूसरों में कमी नहीं दिखती
खुद से ऐसा मिला गया है मुझे !!

_________________________________________________________________________________

57

मोहन बेगोवाल

प्यार ऐसे भुला गया है मुझे।

कोई दिल से चुरा गया है मुझे।

है अगर यार शायरी जो कही,

हुनर चोरी सिखा गया है मुझे।

वक्त करता मज़ाक साथ लगा,

“सब्र करना तो आ गया है मुझे”।

जीत होती दिखी नगर की जब,

वो सियासत बना गया है मुझे।

आँख रोती लगी मुझे अपनी,

क्या था रिश्ता रुला गया है मुझे।

सोच कर मैं यकीं किया था हमें,

झूठ सपने दिखा गया है मुझे।

आदमी तो रहा नहीं है जहाँ,

जानवर सा बना गया है मुझे।

उड़ रहा आसमां अभी तक था,

तू जमीं पर गिरा गया है मुझे।

_________________________________________________________________________________

58

योगराज प्रभाकर
.
जब तुम्हारा लिखा गया है मुझे,
तब हसद से पढ़ा गया है मुझे.
.
मैं ज़मीं से जुड़ा रहा हूँ सदा,
तब ही परबत कहा गया है मुझे.
.
आसमाँ नापने की ख्वाहिश थी,
ये कफ़स क्यों दिया गया है मुझे.
.
ख़ैर मक़दम है दौरे गर्दिश का,
जिसकी ख़ातिर चुना गया है मुझे.
.
रूह में ख़ार उग पड़े लाखों,
किस नज़र से छुआ गया है मुझे.
.
रंजो ग़म क्या बिगाड़ पाएगा,
सब्र करना तो आ गया है मुझे.

_______________________________________________________________________________

59

Mahendra Kumar 

जो जी चाहा कहा गया है मुझे
वो अलग कब सुना गया है मुझे

ये ज़माना ख़ुदा कहे उसको
जानवर जो बना गया है मुझे

आसमाँ से गिराते थे सबको
वो ज़मीं से गिरा गया है मुझे

फिर ज़रूरत रही न मेरी और
फिर किनारे किया गया है मुझे

मुझको कहता था कल तलक सूरज
आज जुगनू बता गया है मुझे

जाने कब मुझको जीना आएगा
ज़हर पीना तो आ गया है मुझे

नाम पर ज़िन्दगी के हर कोई
कोरा काग़ज़ थमा गया है मुझे

कुछ सबक भूलने भी होते हैं
ये सबक वो सिखा गया है मुझे

ज़ुल्म की हद बढ़ा दी, जब जाना
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

पल दो पल में मैं मरने वाला हूँ
तेरा ग़म जानाँ खा गया है मुझे

________________________________________________________________________________

60

ASHFAQ ALI


ओ .बी .ओ.रास आ गया है मुझे।
जब से मिसरा दिया गया है मुझे।।

जब हुई बज़्म डायमंड जुबली।
सीस पर वो चढ़ा गया है मुझे।।

कर गया है तिलिस्म वो मुझ पर।
निस्फ़ पत्थर बना गया है मुझे।।

प्यार करना न आ सका अब तक।
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

वो कोई गै़र था मगर इक दिन।
अपना कह कर चला गया है मुझे।।

पीठ पीछे तो गालियाँ दी हैं।
सामने सर कहा गया है मुझे।।

जैसा चाहें तराश लें मुझको ।

फिर भी पत्थर कहा गया है मुझे।।

जो मेरी शायरी का आशिक़ था।

प्यार वो ही सिखा गया है मुझे।।

दोस्त कैसे कहूँ तुझे ,गुलशन,।

तेरा दुश्मन कहा गया है मुझे।।

________________________________________________________________________________

61

anjali gupta

छोड़ कर जो चला गया है मुझे
ख़्वाब कितने दिखा गया है मुझे

ख़त पुराना वो आज दिखलाकर
ज़ख्म देकर नया गया है मुझे

कहकहे बन गए मेरे आँसू
कोई इतना रुला गया है मुझे

ज़िन्दगी तू मुझे मना न मना
रूठना तुझसे आ गया है मुझे

अब किसी शय से डर नहीं लगता
वक़्त इतना सिखा गया है मुझे

फ़ूल से माँगी क्या ज़रा ख़ुशबू
देखो कासा थमा गया है मुझे

सीख कर आज ज़िंदगी का सबक
सब्र करना तो आ गया है मुझे

अपने दम पर ही जगमगाओ 'सिफ़र
एक जुगनू सिखा गया है मुझे

______________________________________________________________________________

62

Manjeet kaur


राज़ ऐसा बता गया है मुझे
समझो, जीना सिखा गया है मुझे ।

अब ये धरती लगे मुझे जन्नत
ख़्वाब ऐसा दिखा गया है मुझे ।

नींद मीठी सी आई है मुझको
कोइ लोरी सुना गया है मुझे ।

राज़ उनका न आएगा लब पर
अपनी कसमें दिला गया है मुझे

ना ज़रूरत रही सफ़ीना की
चलना लहरों पे आ गया है मुझे ।

है छला मुझको मेरे अपनों ने
ये तज़र्बा सिखा गया है मुझे ।

दिल मचलता न देख अब दुनिया
'सब्र करना तो आ गया है मुझे' ।

_______________________________________________________________________________

63

अजय गुप्ता 


खोटा सिक्का थमा गया है मुझे
वो परखना सीखा गया है मुझे

लोभ तेरे सुनहरे ख्वाबों का
नींद मीठी सुला गया है मुझे

काम छोटा था पर था सरकारी
दिन में तारे दिखा गया है मुझे 

चेक समझ कर रखा हुआ था बस
अब के बेटा भुना गया है मुझे

एक बेटी का बाप होने से
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

_________________________________________________________________________________

64

Ajay Tiwari 


सब कुछ उल्टा पढ़ा गया है मुझे
झूठ को सच बता गया है मुझे

रात दिन बोलता ही रहता है
पकपका के पका गया है मुझे

ये भी औरों की तरह ठग निकला
ये भी चूना लगा गया है मुझे

ख़ुद तो तरमाल खा रहा है और
सब्र करना सिखा गया है मुझे

और कुछ आये या न आये मगर

'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

पहले वादे तो तू वफ़ा करता

नए फिर से थमा गया है मुझे

एक मंदिर का एक मस्जिद का
झुनझुना दे दिया गया है मुझे

______________________________________________________________________________

65

Ashok Kumar Raktale

वक्त ये क्या सिखा गया है मुझे

चाँद सा गलना आ गया है मुझे

नींद आँखों की उड़ गई सारी

स्वप्न ऐसे जगा गया है मुझे

सिर्फ यादें ही रह गईं उसकी

दोस्त मेरा भुला गया है मुझे

छीन कर मेरी हर ख़ुशी जालिम

लाश सा ही बना गया है मुझे

बातें करके वफ़ा निभाने की

हर दफ़ा छला गया है मुझे

मेरे जाते ही रात आएगी

ढलता सूरज बता गया है मुझे

और कुछ आया हो न हो लेकिन

“सब्र करना तो आ गया है मुझे”

_________________________________________________________________________________

66

Sheikh Shahzad Usmani 

पेड़ माफ़िक बना गया है मुझे,
त्याग करना बता गया है मुझे। (1)

खाद-पानी नहीं नसीब अभी,
सब्र करना तो आ गया है मुझे।(2)

दिल का टुकड़ा, फ़िज़ूलख़र्चीला
लूट धन, घात दे गया है मुझे।(3)

ज़र, ज़मीं और जोरू वास्ते वो,
काट कर, बेचने गया है मुझे।(4)

देशभक्तों हक़ीक़तें जानो,
ढोंगियों से सजा गया है मुझे।(5)

संत मॉडर्न का कहर बरपा
फ़ितरती है, जता गया है मुझे।(6)

क़ीमती पुत्री हो गयी अब तो,
गौरवान्वित कहा गया है मुझे।(7)

मुफ़लिसी हार मानती कब थी?
दानवी हर, हरा गया है मुझे।(8)

कोशिशें व्यर्थ हो गईं मेरी,
भ्रष्ट-आचार खा गया है मुझे।(9)

शायरी की रही कभी मंशा
सीखने अब दिया गया है मुझे।(10)

_________________________________________________________________________________

67

Samar kabeer 

इश्क़ ऊँचा उठा गया है मुझे
बैश क़ीमत बना गया है मुझे

मैं नहीं कहता लोग कहते हैं
आपका ग़म ही खा गया है मुझे

मैंने चलना जिसे सिखाया था
चुटकियों में उड़ा गया है मुझे

उसकी चाहत का है हिसाब जुदा
जोड़ना था , घटा गया है मुझे

फिर पलट कर मैं आ भी सकता हूँ
बोल कर ज़लज़ला गया है मुझे

बे ज़बाँ था , मगर ये ज़ुल्म तेरा
लब कुशाई सिखा गया है मुझे

अपने अंदाज़ में सभी ने कहा
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

जिसको दुश्मन समझ रहा था "समर"
वो भी देकर दुआ गया है मुझे

________________________________________________________________________________

68

शिज्जु "शकूर" 

ख़ार सा वो चुभा गया है मुझे
इस तरह देखता गया है मुझे

मर्तबा इक चराग सा है मेरा
यूँ अदब से रखा गया है मुझे

गरचे चारा नहीं है इसके सिवा
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

रात भर मैं बुझा-बुझा सा था
शम्स आकर जला गया है मुझे

फिर तेरी याद की तहों में 'शकूर'
मौसम ए ग़म दबा गया है मुझे

________________________________________________________________________________

69

बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 

दे जो दुख बारहा गया है मुझे,
आज दे सांत्वना गया है मुझे।

झिड़कियाँ जिससे रोज खाईं थी,
दे वो शुभकामना गया है मुझे।

जो उपेक्षा सदा ही करता रहा,
बना वो देवता गया है मुझे।

मेहमाँ बन कभी जो घर में बसा,
चूस वो आम सा गया है मुझे।

उसने बस चार दिन पिलाई संग,
रोज का लग नशा गया है मुझे।

माँगता वो मुआफ़ी हर दिन आ,
आज फिर कर खफ़ा गया है मुझे।

किया बेसब्र सबको कह ये 'समर',
सब्र करना तो आ गया है मुझे।

______________________________________________________________________________

70

Nilesh Shevgaonkar 
.

हाले दिल वो सुना गया है मुझे
या फ़क़त आज़मा गया है मुझे.
.
पढ़ सकोगे तुम्ही वो ख़त हूँ मैं
आँसुओं से लिखा गया है मुझे.
.
मुझ को लहरों ने थाम रक्खा था
मेरा साहिल डुबा गया है मुझे.
.
एक तिनका वो मेरे ईमाँ का
ले के इस पार आ गया है मुझे.
.
एक आवाज़ मुझ से कहती है
जिस ने खोजा वो पा गया है मुझे.
.
शोख़ नज़रों पे थी नज़र मेरी
चुपके चुपके पढ़ा गया है मुझे.
.
इक मुहब्बत नहीं मिली तो क्या
“सब्र करना तो आ गया है मुझे”
.
ख़ुदकुशी है ऐ “नूर” सच कहना
कह के इक आईना गया है मुझे..

_________________________________________________________________________________

71

Gajendra shrotriya 


मैं दीया हूँ बता गया है मुझे
कोई फिर से जला गया है मुझे

कनखियों पर रखा गया है मुझे
इस अदा से तका गया है मुझे

हाथ खाली लिये ही जाना है

ये सिकंदर बता गया है मुझे

ऐब मैं भी हजार रखता था
इश्क अच्छा बना गया है मुझे

बेसबब मैं गुरुर करता हूँ
जबकि नश्वर कहा गया है मुझे

मैं न होता तो वो अयाँ होता
मेंरा ये मै ही खा गया है मुझे

हर किसी को समझ नहीं आता
इतना बारिक बुना गया है मुझे

तिश्नालब बेखुदी सी छाई थी
होश पीते ही आ गया है मुझे

प्रेम का मैं अढाई आखर हूँ
पाक दिल में पढ़ा गया है मुझे

जितनी भी की शिफा वो बड़ता गया
रोग ऐसा लगा गया है मुझे

सुनते सुनते सियासी जुमलों को
सब्र करना तो आ गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

72

Ajay Tiwari 


रूह तक वो भिगा गया है मुझे
फूल-बन सा खिला गया है मुझे

पहली बारिश का आख़िरी झोंका
तेरी खुश्बू थमा गया है मुझे

शाम की सुरमई सुनहरी शराब
फिर समंदर पिला गया है मुझे

खुद को उसके बदन में ढूँढता हूँ
रूह में वो छुपा गया है मुझे

प्यार करना सिखा रहा है अब
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

सुब्ह आयी है आज तेरे बगैर
आज सूरज बुझा गया है मुझे

क्या कहें कैसी बेकरारी थी
अब तो कुछ सब्र आ गया है मुझे

जिस को सर पे बिठा के रक्खा था
राह में वो बिठा गया है मुझे

मुझ से तू और चाहता क्या है
ख़ाक में तो मिला गया है मुझे

दिए में ढाल दे मेरी मिट्टी
चाक पर गर चढ़ा गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

73

Afroz 'sahr'

यूँ नज़र से छुआ गया है मुझे!

जैसे कुंदन मला गया है मुझे!!

हसरते दीद अब नहीं कोई!

यार जल्वा दिखा गया है मुझे!!

वो लहू देके अपना, गुलशन को!

आबयारी सिखा गया है मुझे!!

प्यार में दिल वो तोड़ देना तिरा!

देख शायर बना गया है मुझे!!

वक्ते रुख़्सत वो कह गया मुझको!

तेरा अंदाज़ भा गया है मुझे!!

तुम 'सहर' ये 'समर' से कह देना!

सब्र करना तो आगया है मुझे!!

_________________________________________________________________________________

74

अजीत शर्मा 'आकाश' 

आग में यूँ तपा गया है मुझे

कोई सोना बना गया है मुझे ॥ 1 ॥

मुझको मंज़िल का वास्ता देकर

नींद से वो जगा गया है मुझे ॥ 2 ॥

धूर्तता, छल, फ़रेब, मक्कारी

वक़्त क्या-क्या सिखा गया है मुझे ॥ 3 ॥

डोर जब तोड़ ही दी रिश्तों की

याद क्यों अब किया गया है मुझे ॥ 4 ॥

वक़्त ने ही मुझे बनाया था

वक़्त ही अब मिटा गया है मुझे ॥ 5 ॥

ये बताओ कि क्यों अँधेरों में

क़ैद करके रखा गया है मुझे ॥ 6 ॥

तिश्नगी बढ़ती है, तो बढ़ने दो

[[सब्र करना तो आ गया है मुझे]] #

अब मैं ‘आकाश’ ये समझ पाया

मुझसे अपहृत किया गया है मुझे ॥ 7 ॥

_________________________________________________________________________________

75

rajesh kumari 

आसमां पर बिठा गया है़ मुझे
क्या से क्या वो बना गया है मुझे

उसको इतना यकीन था मुझपर

घर की चाबी थमा गया है मुझे

मेरी ना ना बदल दी हाँ हाँ में

कौल देकर मना गया है मुझे

खुद बदलने लगा मेरा मौसम
शाइरी क्या सुना गया है मुझे

अब तो मंजूर है कफ़स उसका

आबोदाना जो भा गया है मुझे

इक मुक़द्दस क़िताब हूँ गोया

बा हिफाज़त रखा गया है मुझे

अब उठाएगा उँगलियाँ न कोई

नाम अपना उढ़ा गया है मुझे

एक टीका लगा के काज़ल का

हर नज़र से बचा गया है मुझे

मुद्द्दतो बाद चश्मतर हूँ मैं

कोई इतना हँसा गया है मुझे

फूट कर इक हबाब माटी में
ज़ीस्त क्या है बता गया है मुझे

आज आये बहार या फिर कल
सब्र करना तो आ गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

76

योगराज प्रभाकर

.
फिर से जोकर बता गया है मुझे
यूँ हक़ीक़त दिखा गया है मुझे
.
देके ऐसी दुआ गया है मुझे
बाप नौ का बना गया है मुझे
.
यूँ तो चूने में भीगा कौआ हूँ
फिर भी "हैंसम" कहा गया है मुझे
.
शक्ल सूरत से ए.के हंगल हूँ
नाम शाहरुख दिया गया है मुझे
.
मैंने बोला कि मुझको उड़ना है
झट से उल्लू बना गया है मुझे.
.
बूट पॉलिश लगा ली बालों में
फिर भी ताऊ बता गया है मुझे
.
जिसकी अम्मा से खूब लफड़ा था
आज मामू बुला गया है मुझ
.
अब गधेपन का तमग़ा दे ही दो
सब्र करना तो आ गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

77

Manan Kumar singh

ख्वाब तेरा जगा गया है मुझे

क्यूँ जमीं पे गिरा गया है मुझे।1

.

जख्म देकर हसीं हँसी तो लगा

खार कोई चुभा गया है मुझे।2

.

रास आया नहीं तुझे मैं कभी

धूल-सा तू उड़ा गया है मुझे।3

.

वक्त की ठोकरें बचा-खाकर

सब्र करना तो आ गया है मुझे।4

.

डूबते-डूबते बची कश्ती

कोई साहिल दिखा गया है मुझे।5

.

दाद दोगे तो वह मिलेगी ही

कोई समझा-सिखा गया है मुझे।6

_______________________________________________________________________________

78

नादिर ख़ान 

तेरा हमदम बना गया है मुझे

इश्क जीना सिखा गया है मुझे

तेरी हर इक अदा पे मरते हैं

रूठना भी तो भा गया है मुझे

कत्ल मेरा नहीं किया लेकिन

रुख़सती से डरा गया है मुझे

तेरी शर्तों पे जी रहा हूँ मै

कैसे कह दूँ ,तू भा गया है मुझे

दर्द बढ़ता रहा मेरा हर दिन

मर्ज कैसा लगा गया है मुझे

रिज़्क मेहनत भी माँगता है मियाँ

एक ज्ञानी बता गया है मुझे

माँ से मैंने ये कर लिया है अहद

सब्र करना तो आ गया है मुझे

दिल का सौदा बुरा नहीं नादिर

लाभ वो सौ गिना गया है मुझे

_________________________________________________________________________________

79

Gurpreet Singh

इश्क़ तेरा बना गया है मुझे ।
हुस्न तेरा मिटा गया है मुझे ।

निकला जब तक न ज़ीस्त की हद से ,
ग़म तेरा हांकता गया है मुझे ।

अब तू वादा निभा या तोड़ सनम,
"सब्र करना तो आ गया है मुझे।"

इस दफ़ा मैने एक झूठ कहा ,
इस दफ़ा ही सुना गया है मुझे ।

मैं गिरेबां हूँ एक आशिक का ,
हर जगह से सिला गया है मुझे ।

_________________________________________________________________________________

80

dandpani nahak

बेखुदी में ये कहा गया है मुझे
मैं भला हूँ न बता गया है मुझे

बेसबब कुछ नहीं यहाँ समझो
कनखियों पर जता गया है मुझे

देख ली हमने उनकी भी हकीकत
चुप रहूँ बस कहा गया है मुझे

ना रख मुझसे उम्मीद अब कोई
'सब्र करना तो आ गया है मुझे'

हाँ जिन्दा तो हूँ अभी मगर सुन तो
बेशर्म मार के खा गया है मुझे

_______________________________________________________________________________

81

Mahendra Kumar

दर्द जो भी दिया गया है मुझे
वो ही शाइर बना गया है मुझे

उस जगह से बिखर गया हूँ मैं
जिस जगह से छुआ गया है मुझे

मैंने पहुँचाया अर्श पे जिसको
मिट्टी में वो मिला गया है मुझे

वो न मुझको ख़रीद पाया फिर
बेच कर जो चला गया है मुझे

रक्खा मैख़ाने में शराब सा था
पर नमक सा चखा गया है मुझे

कल दिवानों के शहर में यारो
आयतों सा पढ़ा गया है मुझे

गांधी के तीन बन्दरों सा हूँ
लाल फीता दिया गया है मुझे

मेरे अन्दर का आदमी मरा कब?
देवता जब कहा गया है मुझे

खट्टे अंगूर सा है ये कहना
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

उम्र भर ज़िन्दगी से लड़ती रही
फिर भी औरत कहा गया है मुझे

______________________________________________________________________________

82

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

फैसला जो दिया गया है मुझे
वो खुशी से रुला गया है मुझे।१।

बात जायज सदा ही करनी है
रहनुमा जो बना गया है मुझे।२।

जुल्म सहने किसी को अब क्यों दूँ
न्याय का दर दिखा गया है मुझे।३।

फैल जाऊँगा बरगदों जैसा
बीज कह वो दबा गया है मुझे।४।

क्यों उसे मैं भी इतना गैर कहूँ
गर वो अपना बुला गया है मुझे।५।

जब से दी है "समर" ने सीख नयी
सब्र करना तो आ गया है मुझे ।६।

_______________________________________________________________________________

83

Er. Ganesh Jee "Bagi" 


ख्व़ाब दिलकश दिखा गया है मुझे
कोई अपना बना गया है मुझे

बात निकली जो मेरे बचपन की
पल वो बच्चा बना गया है मुझे

खोया रहता हूँ मैं ख़यालों में
प्यार पागल बना गया है मुझे

गो मुहब्बत है आग का दरिया
हुस्न तरना सिखा गया है मुझे

इक न इक दिन मिलोगे तुम "बाग़ी"
सब्र करना तो आ गया है मुझे

________________________________________________________________________________

84

Ravi Shukla


फूल जैसा बना गया है मुझे,
ख़ुशबुओं में मिला गया है मुझे।

फिर कभी लौट कर नहीं आया,
आईना जो बना गया है मुझे।

तेरे होते हुए रक़ीब मेरा,
कितनी बाते सुना गया है मुझे।

तेरी यादों का एक झोंका फिर,
नीम शब में जगा गया है मुझे।

तेरे दर पर किया हर इक सज़दा
पारसाई सिखा गया है मुझे।

जो सलीक़ा है दर्दमंदो का
वो इबादत से आ गया है मुझे।

इश्क़ में कामयाब जब न हुआ,
सब्र करना फिर आ गया है मुझे।

और ग़म का इलाज क्या होगा,
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।

_____________________________________________________________________________

85

Shlesh Chandrakar 

वो गले से लगा गया है मुझे
प्यार करना सिखा गया है मुझे

बोलता हूँ बहुत सियासत पर
चुप रहूँ अब कहा गया है मुझे

हाल अपना नहीं सुना सकता
प्यार से यूँ छला गया है मुझे

तेरा अब इंतज़ार करता हूँ
“सब्र करना तो आ गया है मुझे”

है मज़ा बस, यहाँ फ़क़ीरी में
वो मसीहा बता गया है मुझे

________________________________________________________________________________

86

Krishnasingh Pela


आईना वो दिखा गया है मुझे
मेरी हस्ती बता गया है मुझे

थी ये साज़िश या मैं ही था पुतला
आज रावण जला गया है मुझे

इस से पहले कि मैं जुबाँ खोलूँ
कोई ख़ंजर चुभा गया है मुझे

कल से मेरा वजूद क्या होगा
ख़ौफ अन्दर ही खा गया है मुझे

मैं कई फाइलों का राज़ हूँ पर
वो है शातिर दबा गया है मुझे

ना करूँ ज़र्ब है, करूँ ज़िल्लत
काम ऐसा दिया गया है मुझे

जो भी देखा मैं कह नहीं सकता
ऐसा ही कुछ कहा गया है मुझे

दर्द दिल में ही दफ़्न कर डाला
यूँ मुक़म्मल किया गया है मुझे

बन के रास्ता मैं इंतज़ार करूँ
"सब्र करना तो आ गया है मुझे"

अब कभी हो न पाउँगा रौशन
इस क़दर वो बुझा गया है मुझे

है नहीं याद नाम तक अपना
वो स्वयम् में मिला गया है मुझे

______________________________________________________________________________

87

Nand Kumar Sanmukhani 

छोड़कर वो चला गया है मुझे
राह आसान सी बता गया है मुझे

जंग दुनिया की जीत लूंगा मैं
सब्र करना तो आ गया है मुझे

मैने चाहा था कुछ भला करना
ख़ूब तरक़ीब से छला गया है मुझे

आश्वासन ही आश्वासन हैं
दे के फिर झुनझुना गया है मुझे

आ ही जाएगा शऊर पीने का
जाम भरना तो आ गया है मुझे

तीसरा युद्ध सर पे आ ही गया
काल आकर बता गया है मुझे

_____________________________________________________________

यदि किसी शायर की ग़ज़ल छूट गई हो अथवा मिसरों को चिन्हित करने में कोई गलती हुई हो तो अविलम्ब सूचित करें|

Views: 5384

Reply to This

Replies to This Discussion

जिंदाबाद राणा भाई जिंदाबाद.

जिंदाबाद ओ बी ओ 

इस सफल आयोजन के लिए सभी को हार्दिक बधाई| आदरणीय समर भाई जी को विशेष बधाई | 

बहुत उम्दा गज़लें पढने को मिली और विस्तृत समीक्षाओं के साथ | यह ओ बी ओ का ही कमाल है | जय ओ बी ओ | ओ बी ओ जिंदाबाद | 

आदरणीया कल्पना जी बेशक यह कमाल ओ बी ओ का ही है| परन्तु आप जैसे विशुद्ध पाठकों का भी योगदान कम नहीं है| हार्दिक शुभकामनाएं|

आदरणीय राणा प्रताप साहब क्या कहने इधर मुशायरा ख़त्म हुआ उधर संकलन तैयार है  बड़ी तेज़ सर्विस है भाई जी आपकी  ..... दिली मुबारकबाद  संकलन हेतु  ।

आ. भाई राणा प्रताप जी, त्वरित संकलन के लिए कोटि कोटि बधाई । नेट की समस्या ने अनेक गजलों तक पहुँचने नहीं दिया । इसका मलाल है । अब फुर्सत से पढ़ा जायेगा । सादर...

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ..बिलकुल संकलन का उद्देश्य ही यही है| हार्दिक शुभकामनाएं|

जनाब नादिर खान साहब आपको भी मुबारकबाद|

आ. भाई राणा प्रताप जी, गजल संख्या ग्यारह (11) के 6 शेर की दूसरी पंक्ति में "झट से पल में' के स्थान पर " एक पल में" करने की कृपा करें ।

वांछित संशोधन कर दिया है|

जनाब राणा प्रताप साहिब,

इस त्वरित संकलन और बेहद कामयाब आयोजन के लिए

आपको ढेरों बधाईयाँ

जनाब अफरोज सहर साहब .आपको भी बधाइयां|

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
4 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"बदलते लोग  - लघुकथा -  घासी राम गाँव से दस साल की उम्र में  शहर अपने चाचा के पास…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"श्रवण भये चंगाराम? (लघुकथा): गंगाराम कुछ दिन से चिंतित नज़र आ रहे थे। तोताराम उनके आसपास मंडराता…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
17 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
21 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
21 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
21 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
21 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
21 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service