For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 26257

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया कल्पना भट्ट जी आपका हार्दिक आभार|

आदरणीय राणा प्रताप जी, उम्दा ग़ज़ल हुई है. हर लफ्ज़ नापा तुला, लहज़ा बिलकुल सधा हुआ. गिरह कमाल की है. आख़िरी शेर ख़ास तौर पर अच्छा लगा. हार्दिक बधाई.

आदरणीय अजय तिवारी जी सुखान् नवाजी  लिए बहुत बहुत शुक्रिया|

आदरणीय राणा प्रताप सिंह साहब, सादर अभिवादन।

आपके संचालन में तरही मुशायरे का ये लोकप्रिय इवेंट 100 वें अंक की पूर्णता पा रहा है। इस हेतु असिमित बधाईयाँ भविष्य की शुुुभकामनाओं के साथ प्रेषित है। इस मील के पत्थर की स्थापना में आपका समर्पित   योगदान प्रशंसनीय है, वंदनीय है। ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों सहित आपको नमन करता हूँ। सादर।

आदरणीय गजेन्द्र श्रोत्रिय जी ..यह मंच हम सबका है और यह आयोजन भी हम सबका है...इस आयोजन कि सफलता में सभी सदस्यों का बराबर योगदान है| आपको भी ढेर सारी शुभकामनाएं|

छोड़ तन्हा चला गया है मुझे।

ये भी ताना दिया गया है मुझे।।

ख़ुद को हौव्वा न कह सकूंगा मैं

जब किआदम कहा गया है मुझे।।

मैं तो इंसान हूँ सभी के लिए ।

देवता क्यों कहा गया है मुझे ।।

उसको देखा नहीं नज़र भरके ।

जो इधर देखता गया है मुझे ।।

आप को क्यों यकीं नहीं होता।

"सब्र करना तो आ गया है मुझे"।।

कुछ दुआओं के साथ साथ फ़क़ीर।

गालियाँ भी सुना गया है मुझे।।

चैन दिल को नहीं क़रार नहीं।

फिर कोई याद आ गया है मुझे।।

बात करना न तुम हसीनोंं से।

फैसला ये दिया गया है मुझे।।

वो मेरा दोस्त है अभी  "नायाब'।

जिस का दुश्मन कहा गया है मुझे।।

मौलिक अप्रकाशित

नायाब भाई, वाक़ई कईं नायाब नगीने हैं इस ग़ज़ल में।

मतला और तीसरा शेर विशेष दाद के काबिल।

मोहतरम आपका शुक्रिया

बहुत बढ़िया पेशकश। दो-चार अशआर बढ़िया बन पड़े हैं। हार्दिक बधाई आदरणीय मोह़म्मद नायब साहिब।

बहुत-बहुत शुक्रिया मातरम आपका

जनाब नायाब साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

समर कबीर साहब आपका बहुत बहुत शुक्रिया

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
26 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
54 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
1 hour ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service