आदरणीय साथिओ,
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अवश्य
एक विधवा बहु के लिए एक बीमार वृद्ध मरणासन्न सास का दर्द बखूबी उभर कर आया है लघु कथा में जो प्रदत्त विषय से पूर्णतः न्याय कर रहा है आपको बहुत बहुत बधाई आद० उस्मानी जी .एक बात समझ नहीं आई की सास ने बहुत के पिता से क्या वादा किया था .दूसरी बात एक जगह बहु को गरीब घर की बताया है दूसरी और कहा गया है की तुमने अब तक सिर्फ दौलत ही देखी है यहाँ कुछ संशय है
यही दो प्रश्न मैंने भी उस्मानी भाई से किए हैं आ० राजेश कुमारी जीI
जी आदरणीय, लघु कथा में विरोधाभास नजर आ रहा है .
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