For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संबंधों का जाल

अचानक अजीब मनोदशा

अँधेरी हो रही हैं धुँधली आँखें

कुछ नहीं जानता मैं अब भँवर में

कुछ भी नहीं पहचानता हूँ अंत में

यह निसत्बध्ता, यह काया

एकाकार हो रहे हैं  क्या ?

 

साथ बंधी आ रही हैं  कभी  की

रात देर तक करी हमारी बातें

समुद्र की लहर-सी छलकती

अमृत के झरनों-सी हम दोनों की हँसी

आँखों में  ठहरे कभी के अनुच्चरित प्रश्न

पल में तुम्हारा परिचित चिंता में डूब जाना

उफ़्फ़.. इतने वर्षों के बाद भी वही है  कैसे

हमारी धधकती हुई  गहन वेदना की उष्मा ?

 

भीतर गुहाओं में कोई गहरी गर्जन

घूम-फिर कर आ जाते थे भारी सवाल

बह जाता था तुम्हारी आँखों से अंजन

अख़बार  में  पढ़ते  कोई  गंभीर खबर

अचानक  तुम चुप,  मैं चुप

कुलबुलाता शून्य  भी अप्राकृतिक-सा

सिसकारी भरती गहरी उदासी की छाया

कमरे की हवा का रुख बदलती

ओठों को भींच निज पीड़ा को ठेलती

तू कैसे कह लेती थी ऐसे में  भी

"आओ, चाय तैयार है"

 

आँखों में तिरता एकान्त-पाताल

स्वर में जीवन-यथार्थ की कम्पन

गालों  पर  बूँद-बूँद पिघलते, लुप्त होते

सहसा  सरकते-सिहरते तुम्हारे आँसू

हाथ में हाथ कि जैसे शेष सब समाप्त

हथेलियों पर विरुद्ध-विपरीत

रेंगती पटरियों-सी

आड़ी-टेढ़ी जुड़ती-कटती रेखाएँ

 

हाय ...

चेतना  के  छोर  पर

मानो  मौत  को  भी  पछाड़ता                                

कैसा था यह संबंधों का जाल ?

             --------

-- विजय निकोर

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on August 22, 2019 at 5:14pm

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई समर कबीर जी

Comment by Samar kabeer on August 16, 2019 at 11:31am

प्रिय भाई विजय निकोर जी आदाब,बहुत ख़ूब वाह, इस बहतरीन प्रस्तुति पर मेरी बधाई स्वीकार करें ।

Comment by vijay nikore on August 11, 2019 at 12:18am

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय मित्र तेजवीर सिंह जी

Comment by vijay nikore on August 11, 2019 at 12:18am

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय मित्र सुशील जी

Comment by vijay nikore on August 11, 2019 at 12:17am

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, आदरणीय भाई गोपाल नारायन जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2019 at 6:17pm

हार्दिक बधाई आदरणीय विजय निकोरे जी।लाज़वाब प्रस्तुति।

Comment by Sushil Sarna on August 10, 2019 at 5:38pm

कैसा था यह संबंधों का जाल ?वाह आदरणीय वेदना की ऐसी अनुभूति को आप कैसे शब्दों में चित्रित कर लेते हैं , आपकी कल्पना यथार्थ के पृष्ठों से निकलती प्रतीत होती है। दिल से बधाई स्वीकार आदरणीय निकोर साहिब।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 9, 2019 at 10:38am

अनिवर्चनीय दादा निकोर जी  i अतीत का स्मरण चिंतन इससे अच्छा क्या हो सकता है  I 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service