For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इस गीत के साथ ओबीओ परिवार के सभी मनीषियों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं

सारा जग उजियारा कर दे
दीप कहाँ से लाऊँ

अंधकार ने फन फैलाया
मैला हर इक मन है
सूरज भी गुमसुम सा बैठा
विस्मित नील गगन है
मन को मनका मोती कर दे
सीप कहाँ से लाऊँ
सारा जग उजियारा कर दे
दीप कहाँ से लाऊँ

गली गली में घूमे रावण
हर घर में इक लंका
प्यार मुहब्बत भाईचारा
मिटने की आशंका
कण कण राम बिराजें ऐसा
द्वीप कहाँ से लाऊँ
सारा जग उजियारा कर दे
दीप कहाँ से लाऊँ
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 834

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 9, 2018 at 10:12am

बहुत बहुत आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी...सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on November 8, 2018 at 6:50pm

हार्दिक बधाई आदरणीय  बृजेश कुमार 'ब्रज'जी। बेहतरीन गीत।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 8, 2018 at 4:50pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय डा. साहब..सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 8, 2018 at 4:49pm

आदरणीय शेख साहब आपके सुन्दर शब्दों से अति प्रसन्नता हुई..सादर आभार

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 8, 2018 at 4:48pm

आदरणीय समर जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 8, 2018 at 4:47pm

स्वागत संग आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी..

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 8, 2018 at 4:46pm

तहेदिल से शुक्रिया ज़नाब राज साहब...

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 7, 2018 at 9:27pm

आदरणीय बृजेश जी बहुत अच्छी रचना लिखने के लिए बहुत बहुत बधाई

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 7, 2018 at 8:19pm

//मन को मनका मोती कर दे , सीप कहाँ से लाऊँ। सारा जग उजियारा कर दे , दीप कहाँ से लाऊँ।// बेहतरीन शुभकामनाएं। बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाई और दीपोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब।

Comment by Samar kabeer on November 7, 2018 at 5:08pm

जनाब बृजेश कुमार 'ब्रज' जी आदाब,बहुत उम्दा गीत हुआ है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

आपको भी दीपोत्सव की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service