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श्याम रात श्याम वात श्याम गूँज साथ साथ।

आप सभी मित्रों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

श्याम रात श्याम वात श्याम गूँज साथ साथ।
चन्द्रमा प्रकाश लुप्त हाथ को दिखे न हाथ।
गूँजता रहा विहान कृष्ण जश्न गीत गान।
धन्य धन्य देव और धन्य धन्य ये जहान।

टूट बेड़ियां गयीं खुले अवाक जेल द्वार।
कृष्ण जन्म साथ कंस नीच का ढले खुमार
जन्म जश्न गैल गैल ढोल पे उड़े गुलाल।
गोल हैं कपोल गाल नंद के भए गुपाल।

.....अप्रकाशित/मौलिक

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2017 at 10:31pm
वाह वाह बहुत सुन्दर मनोरम रचना..
Comment by अनहद गुंजन on August 17, 2017 at 7:50am
दिल से आभार आपका आदरणीया.....☺
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 16, 2017 at 3:33pm

सुंदर रचना | बधाई आपको

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