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किसका क़द ऊँचा? (अतुकांत)/शेख़ शहज़ाद उस्मानी

किसका क़द है ऊँचा ?
पुस्तकों का ?
बच्चों का ?
पालकों का ?
शिक्षा-नीति का ?
सत्ता का ?
व्यापार का?
अंग़्रेज़ियत का ?
इन्सानियत का ?
इंटरनेट का ?
अमरीका का ?
बिल गेट्स का ?
भारतीय का?

कौन ऊपर उठता ?
कौन बस गिरता ?
भारत माता हँसती,
या हम पर
जग हँसते ?

क़िताबें हम पर
हँसतीं,
या इंटरनेट हँसता
पुस्तकों पर ?

या हँसता तोता
तोतले तोतों पर !
तोते उड़ते
या क़ैद होते
पिंजड़ों में
विदेशी कम्पनियों में
किसका क़द ऊँचा ?
ग़रीब का
या बस अमीर का ?
या फिर किसी के
बस ज़मीर का ?

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment

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Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 17, 2017 at 10:05pm
रचना पर समय देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी व आदरणीय महेन्द्र कुमार जी।
Comment by Mahendra Kumar on March 14, 2017 at 9:45am
बढ़िया अतुकान्त ही आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।
Comment by TEJ VEER SINGH on March 13, 2017 at 6:42pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी जी।सुन्दर प्रस्तुति।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 11, 2017 at 3:47pm
कृपया /जग हँसते/ की जगह /जग हँसता/ पढ़ियेगा।

कृपया ध्यान दे...

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