For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आएगा नया साल
खिलेंगे नये फूल
उगेगा नया सूरज
फैलेगी नयी रौशनी
छंटेगा अँधेरा
सजेगी महफ़िल
गायेंगी वादियाँ
बजेंगी चूड़ियाँ
झूमेगा आसमाँ
नाचेगी धरती
उड़ेगा आँचल
हँसेगा बादल
सच होंगे सपने
मिलेंगी ख़ुशियाँ
मुड़ेंगी राहें
आएगी मंज़िल
मगर...
सिर्फ औरों के लिए
मेरे लिए
तो अब भी वही साल है
कई सालों बाद भी
सड़न और सीलन से युक्त
दुर्गन्ध से भरा हुआ
तड़पता
उदास
बीमार
और बोझिल
पुराना साल
बिलकुल मेरे जैसा
और ठीक वैसा
जैसा गए थे तुम छोड़कर
किसी और की ज़िन्दगी में
बनकर उसके लिए
नया साल!

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 483

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on December 29, 2016 at 8:22am
आदरणीय समर सर, सादर आदाब। कविता को पसंद करने के लिए आपका हृदय से आभार। बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर।
Comment by Samar kabeer on December 28, 2016 at 3:36pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,नये साल की आमद पर अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mahendra Kumar on December 28, 2016 at 12:25pm
हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र जी। बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर।
Comment by नाथ सोनांचली on December 28, 2016 at 9:38am
आदरणीय महेन्द्र जी सादर अभिवादन, नए साल के परिपेक्ष्य में बढ़िया भावाभियक्ति, बहुत खूब
बधाई निवेदित है, सादर
Comment by Mahendra Kumar on December 28, 2016 at 3:34am

आदरणीय मिथिलेश सर, रचना पर प्रतिक्रिया दे कर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 27, 2016 at 12:10pm

आदरणीय महेन्द्र जी, बहुत बढ़िया भावाभिव्यक्ति हुई है. इस प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service