For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी आवाज़ में कुछ ऐसा असर हो जाये !
याद  जिसको मै करूँ उसको खबर हो जाये !!

काश तशरीफ़ मेरे घर पे कभी वो लायें !  
उनकी आमद से मु अत्तर मेरा घर हो जाये !!

वो अगर ज़ुल्फ़ बिखेरें तो घटाएं छायें !
वो अगर चेहरा दिखा दें तो सहर हो जाये !!

ज़हन ओ दिल के सभी दरवाज़े खुले रखता हूँ !
क्या पता कब तेरी यादों का गुज़र हो जाये !!

अश्क बारी का मेरी तुझपे असर ऐसा हो !
मै कभी रोऊँ तो दामन तेरा तर हो जाये !!

मुझको मिल जाये बुजुर्गों की दुआ चलते वक़्त!
बस यही मेरे लिए रख्ते सफ़र हो जाये !!

अब 'हिलाल' अपने लिए इसके सिवा क्या मांगे !
ज़िन्दगी पहलुए जानाँ में बसर हो जाये !!

Views: 482

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tapan Dubey on June 3, 2011 at 9:01pm
ज़हन ओ दिल के सभी दरवाज़े खुले रखता हूँ !
क्या पता कब तेरी यादों का गुज़र हो जाये !!


Bahut Khub.......
Comment by Hilal Badayuni on May 16, 2011 at 11:22am

bahut bahut shukriya bhai ganesh ji aur vandna sahiba

ye aapki muhabbatein hai jo qalam ko protsahan mil jata hai

shukriya


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2011 at 9:54pm
ज़हन ओ दिल के सभी दरवाज़े खुले रखता हूँ !
क्या पता कब तेरी यादों का गुज़र हो जाये !!
बहुत खूब हिलाल भाई , सटीक बयानी है , सभी के सभी शे'र दिल के करीब है , दाद कुबूल करे |
Comment by Hilal Badayuni on May 15, 2011 at 2:05pm

bahut bahut shukriya

arun ji dharam ji

sanjay ji aur aadarniya tilak raj sahab 

Comment by Abhinav Arun on May 14, 2011 at 1:46pm

waah kya baat kahee hilaal bhaae bahut khoob -

मेरी आवाज़ में कुछ ऐसा असर हो जाये !

याद  जिसको मै करूँ उसको खबर हो जाये !!
lajawaab badhaae ho aapko is khgoobsurat ghazal kea
 liye
Comment by धर्मेन्द्र शर्मा on May 14, 2011 at 11:01am
Bahut khoob..
Comment by Tilak Raj Kapoor on May 14, 2011 at 10:26am
अब 'हिलाल' अपने लिए इसके सिवा क्या मांगे !
ज़िन्दगी पहलुए जानाँ में बसर हो जाये !!
ऐसा ही हो। खूबसूरत ग़ज़ल।
Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on May 14, 2011 at 9:56am

 

"बहुत सुन्दर अति सुन्दर"

//मेरी आवाज़ में कुछ ऐसा असर हो जाये !

याद  जिसको मै करूँ उसको खबर हो जाये !!//

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
11 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
12 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
18 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service