For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - हवादिस पूछने आते हैं अब मेरा पता मुझसे ( गिरिराज भंडारी )

1222        1222      1222        1222

न जाने बे खयाली में हुआ है क्या बुरा मुझसे

हवादिस पूछने आते हैं अब मेरा पता मुझसे

 

मुहब्बत हो कि नफरत हो , झिझक कैसी है कहते अब  

हया कैसी है डर कैसा , बयाँ कर दे, जता मुझसे

 

अगर इनआम देना है , कहीं से भी शुरू कर तू

सजा का वक़्त गर आये तो फिर कर इब्तिदा मुझसे

 

न कह मुझसे जलाऊँ मै चरागों को कहाँ, कैसे

जलाऊँगा , अभी ठहरो , मुख़ालिफ़ है हवा मुझसे

 

समझ पाते तो अच्छा था वो मेरी बे ज़ुबानी भी

कहो उनसे न पूछें वो कभी भी मुद्दआ मुझसे

 

मै सच का आइना लेके हुआ जब भी मुकाबिल तो

कभी सूरज कभी चंदा हुआ मद्धम , छिपा मुझसे

 

तू जज़्बाती न होता तो भला बाहर मै आता क्यों

कभी बहते हुये आँसू ने रुक कर था कहा मुझसे

 

शिकायत क्या करूँ ग़ैरों से , बुझता एक दीपक हूँ

नहीं रखते हैं अपने भी कोई भी वास्ता मुझसे

 

तू चाहे अनसुनी करके गया हो मेरा अफ़साना

मै सुन लूँगा तेरी हर बात अगर चाहे बता मुझसे  

*********************************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित ।

Views: 407

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Shukla on March 17, 2016 at 3:13pm

अगर इनआम देना है , कहीं से भी शुरू कर तू

सजा का वक़्त गर आये तो फिर कर इब्तिदा मुझसे

वाह वाह आदरणीय गिरिराज जी बहुत बहुत बधाई इस ग़ज़ल के लिये । सादर

Comment by Samar kabeer on March 16, 2016 at 6:32pm
जनाब गिरिराज भंडारी जी आदाब,वाह बहुत ख़ूब क्या कहने,इस शानदार ग़ज़ल के लिये शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।

चोथे शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ का दोष है, देखिएगा ।
Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 12:47pm
सुन्दर ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 16, 2016 at 10:52am

आ० भाई गिरिराज जी इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए कोटि कोटि बधाई l

Comment by narendrasinh chauhan on March 15, 2016 at 1:47pm

बेहेतरीन ग़ज़ल, लाजवाब शेर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service