For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दफ्तर जाते हुए सेक्टर ६२ नॉएडा से रिक्शा लिया, बैठते ही किसी को सिगरेट फूंकते देखकर धूम्रपान की तलब हुयी तो मैंने भी फौरन सिगरेट सुलगानी शुरू कर दी ! लेकिन हवा तो जैसे मेरे पीछे ही पडी हुयी थी .. एक ..दो ...तीन .. चार, मगर यह क्या ? माचिस की तीलियाँ तो बुझती ही जा रही थीं और मेरी सिगरेट सुलग नहीं पा रही थी ! तब एकदम ख्याल आ गया उस पुरानी माचिस का जो बचपन में घरो में आम हुआ करती थी ! पतली प्लाईवुड कवर वाली और नीले कागज़ वाली .. शायद एक्का माचिस थी ! क्या माचिस हुआ करता थी - एकदम मोटी सी लकड़ी, ऊपर फास्फोरस का बड़ा सा गुम्बद, जो तूफ़ान में भी लपलपा के सुलग जाया करती थी !

आज के ज़माने कोई भी माचिस ले लीजिये फास्फोरस का मसाला तो पता नहीं किसने चूस लिया है ..और आप गिन कर देखिये तीलियाँ ..मुनाफाखोरो ने तादाद तो कम की ही लेकिन साथ में उनको इतना जीर्ण बना दिया है कि उससे कान खुजाने में भी डर लगता है कि कहीं अंदर ही ना रह जाये टूट कर ! और क्या मजाल जो एक दो तीलियों से धूप अगरबत्ती जलने का नाम भी ले जाये ! असली हद तो तब हो जाती है जब माचिस पर तिरंगा छपा होता है ऊपर उसके साथ ही "मेरा भारत महान" भी लिखा हुआ होता है जो आपकी और देखकर मुस्कुराता है और कहता है कि मैं देश हित के लिए जीर्ण हो गया हूँ क्योंकि पेड़ों को कटने से बचाना है ना ! माचिस के कवर पर लोगो भी कई प्रकार के .. एक में देखा बाघ बना है, मगर उसकी भी तीलियाँ जीर्ण है क्योंकि बाघ ने ज्यादा पेड़ नहीं काटने दिए, शायद उसको भी पता है कि जंगल ख़तम हो रहे है तभी तो वह "सेव टाइगर" को प्रोत्साहित कर रहा है ! एक मोमिया माचिस भी होती है, नाज़ुक सी और छोटी सी डिबिया, गोरी - गोरी और नाज़ुक वैक्स से लबरेज़ तीलियाँ, और उस पर लाल मसाला ! यह भी किसी अप्सरा से कम नहीं है, नमी जैसी विषम परिस्थितियाँ इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं हैं ! और यह इतनी सफायी पसंद हैं कि और क्या मजाल जो चिकेन खाने के बाद दांत साफ कर ले इससे ! बहुत याद आती है मिटटी तेल की लालटेन में खोंसी हुई और ढिबरी के साथ रखी हुई अपनी वह पुरानी माचिस ..."

Views: 508

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 12, 2010 at 9:46am
आनंद भाई, अब आगे से भाषा का विशेष ध्यान रखियेगा क्योंकि अब हमारे बीच राणा प्रताप सिंह सरीखे Perfectionist भी मौजूद हैं जो भाषा व व्याकरण की एक भी गलती के लिए ना आपको माफ़ करेंगे ना मुझे ना किसी और को ! में स्वयं अपनी भाषा और व्याकरण के सम्बन्ध में उनसे मशविरा लेता हूँ ! कल मुझे अपना एक नोट एक दो नहीं बल्कि पांच बार बदलना पड़ा था क्योंकि राणा जी की पैनी दृष्टि ने पांच बार उसमें भाषा सम्बन्धी त्रुटियाँ ढूँढी थीं !
Comment by baban pandey on June 12, 2010 at 6:13am
आनंद , आपने बचपन की यादो के बहाने एक साथ कई प्रसंग छेड़ दिया है ...प्रदुषण , जंगल कटाई, और रास्ट्रीय चिन्हों के गलत इस्तेमाल को लेकर ...आप ही उस्ताद हो ...बधाई स्वीकारें ..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 11, 2010 at 11:28pm
सिगरेट तो एक बहाना था,
वास्तव मे सलाईयो को बताना था,
तिल्लिया दर तिल्लिया बुझती रही,
सिगरेट न जला ना ही जलाना था,
(क्यू भाई Vats, सही कहा ना)
Comment by Anand Vats on June 11, 2010 at 11:06pm
thanku sir .. aagey sey main dhyan rakhunga .. yograj sir .. love you .. this is dedicated to you only
Comment by Admin on June 11, 2010 at 9:11pm
वत्स जी अच्छा हुआ की आपकी सिगरेट वहां नहीं जली , क्योकि यदि वहां जल जाती तो आप यहाँ भी जलाते, यानी लिखते, और ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार मे सिगरेट जलाना मना है, और दूसरा आप सलाइयो के बारे मे लिख नहीं पाते,
सिगरेट के बहाने ही सही आपने बहुत बढ़िया तरीके से सलाइओ के बारे मे जानकारी दे दिया,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service