For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शक्ति छंद (नेपाल भूकंप )

  

अभी फूल पूरे खिले भी न थे

नई जिंदगी से मिले भी न थे

चली बेरहम वक़्त की आरियाँ

कटे शीश धड़ से मिटी क्यारियाँ

 

कहर बन फटी थरथराती जमी

जहाँ सांस आई वहीँ पे थमी

दिखाई अजब काल ने क्रूरता

फिरा क्रुद्ध यमराज यूँ घूरता

 

निवाले कई काल के हैं बने

दबे हर जगह जिस्म खूँ से सने

बचा जो यहाँ ढूँढता आसरा

सहारा बना एक का दूसरा

 

बचे काल से एक भाई बहन

सिसकते हुए घाव खाए गहन

हुए मूल से देख  महरूम ये

लिपटते हुए आज  मासूम ये

 

न माँ का पता ना पिता का पता

नहीं सोच पाए हुई क्या खता

कहर कुदरती बाढ़ क्या जलजला

कहाँ उम्र ये सोचने की भला

 (मौलिक एवं अप्रकाशित)

 

Views: 713

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 13, 2015 at 11:34am

दुखी ज़िन्दग़ी है भयावह घड़ी
नज़र आपकी भी गहनतम पड़ी
बहुत कारुणिक भाव शब्दों ढले
हृदय से बधाई मिले औ’ फले

आदरणीया राजेशकुमारीजी, आपके प्रयासों पर मन प्रसन्न है. हार्दिक बधाइयाँ.
वैसे प्रतीत हो रहा है कि आपकी उपस्थिति इस बार के छन्दोत्सव में नहीं बनने वाली है. यह प्रस्तुति उसी एवज़ में दिख रही है.
बन सके तो उत्साहवर्द्धन हेतु अवश्य आइयेगा.


एक बात :
ज़मीं और थमी की तुकान्तता कैसे स्वीकार्य हो ? इसे देख लीजियेगा.

सादर

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 13, 2015 at 11:06am

बहुत सुंदर ,हृदयस्पर्शी भाव उभर कर आये है,रचना में. बहुत-बहुत बधाई आदरणीया राजेश दीदी

Comment by Samar kabeer on May 13, 2015 at 10:48am
बहना राजेश कुमारी जी,आदाब,दर्द भरी और दिल को छू लेने वाली इस भावपूर्ण रचना के लिये दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 13, 2015 at 10:30am

नेपाल में पुनः आये भूकम्प पर शक्ति छंद में सुंदर और भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
9 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
10 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
10 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
10 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
10 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service