For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज शादी की वर्ष गाँठ पर एक लघु कथा आप सबके लिए ....“वेडिंग एनिवर्सरी”

“क्या कहा शाम को छुट्टी दे दूँ ? रूपा क्या कह रही हो तुम्हे अच्छे से पता है  आज हमारी वेडिंग एनिवर्सरी की पार्टी है ऐसे में तुम्हे छुट्टी ? चुपचाप शाम को तुम दोनों ढंग के कपड़े पहन के आना बहुत  लोग आयेंगे, दीपू बाहर सर्व करने में हाथ बटाएगा” सोनिया थोड़ा गुस्से से बोली|

“वो क्या है न मेमसाब जी,आज हमे पिक्चर जाना था आज हम दोनों की भी” ...रूपा ने बीच में ही दीपू के मुख पर हाथ धर दिया और बात काट कर बोली “जी मेमसाब हम आ जायेंगे”|

उसकी आँखों में झिलमिलाये आँसू मेमसाहब और दीपू से छुपे न रह सके|

शाम को पार्टी में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बड़ा सा केक काटा गया|

फिर अचानक सोनिया ने कोने में खड़े दीपू और रूपा को बुलाया|

 एक दूसरा केक लाया गया जिस पर लिखा था ‘दीपू वेड्स रूपा’ पास में ही रात की शिफ्ट की पिक्चर की  दो टिकटें  रखी थी |

रूपा और दीपू के दिल की कसक आँखों से बह निकली....    

मौलिक एवं अप्रकाशित          

Views: 1138

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 4:31pm

उत्साह वर्धन के लिए बहुत- बहुत शुक्रिया आ० धर्मेन्द्र जी 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on May 6, 2015 at 3:50pm

अच्छी लघुकथा है आ. राजेश कुमारी जी, बधाई स्वीकार कीजिए


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 2:23pm

आ० डॉ० आशुतोष जी,आपकी टिप्पणी पर प्रत्युत्तर जो उसी वक़्त दे दिया था नेट की किसी तकनीकी खराबी के कारण  उड़ गया था जिसके लिए खेद है ,अभी मिथिलेश भैया ने बताया तो पता लगा |आपकी बधाई और लघु कथा की सराहना दिल से स्वीकार आपको तोते वाली कहानी भी याद है जानकार ख़ुशी हुई ..बहुत बहुत शुक्रिया . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 1:36pm

मिथिलेश भैया,आपकी बधाई हृदय से स्वीकार.लघु कथा पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लेखन को सार्थक कर रही है सच कहा सुखान्त लघु कथा आज कल बहुत कम लिखी जा रही हैं,ये हम लोगों का ही कर्तव्य बनता है की नसीहतों ,कटाक्षों के साथ साथ सकारात्मक सोच के साथ भी कुछ प्रेरक लिखें बस इससे प्रयास में हाल ही में दो तीन सुखान्त रचनाएँ लिखी हैं आपको ये लघु कथा अच्छी लगी दिल से आभारी हूँ   


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 1:29pm

मिथिलेश भैया ,अच्छा हुआ आपने बता दिया न जाने कैसे हो गया आपका और आ० आशुतोष जी का प्रत्युत्तर उसी वक़्त दिया था मैं भी ढूंढ रही हूँ पर नहीं मिला उस दिन नेट गड़बड़ कर रहा था पर टिप्पणी पोस्ट हो गई थी फिर भी उड़ गई ..जरूर कोई टेक्नीकल प्रोब्लम रही होगी चलिए फिर से लिखती हूँ बताने के लिए धन्यवाद. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 6, 2015 at 12:18pm
आदरणीया राजेश दीदी
लघुकथा पर मेरा और आ. डॉ आशुतोष मिश्रा जी का कमेंट्स ऊपर है किन्तु उसका प्रत्युत्तर नहीं आया। कहीं तकनीकि कारण से हाइड तो नहीं हो गए।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 12:10pm

आ० सुरेन्द्र कुमार भ्रमर जी,लघु कथा के अनुमोदन हेतु दिल से आभार आपका मेरा लिखना सफल हुआ . 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 6, 2015 at 11:38am

बहुत खूब ..एक सार्थक मोड़ देती सीख देती सुन्दर लघु कथा ..काश ऐसी मिठास भर जाए हमारे समाज में
जय  श्री  राधे  
भ्रमर ५


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 10:19am

आ० गिरिराज जी,आपकी बधाई हृदय से स्वीकार और लघु कथा की सराहना हेतु  दिल से बहुत बहुत आभार .कोई बात नहीं देर से ही सही आपकी ये शुभकामनायें मेरे लिए अमूल्य हैं.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 6, 2015 at 10:16am

कृष्ण मिश्रा जी,कोई बात नहीं देर से ही सही आपकी शुभकामनायें तो मिली लघु कथा पसंद आई आपका दिल से बहुत- बहुत आभार.  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
5 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
5 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
5 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
6 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
6 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
7 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service