For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नारी और देवी तुल्य ? (अनन्या )

नारी बरसों से   देवी तुल्य कहलाती है 

मगर यह बात मुझे अचंभित कर जाती है 

केवल कागजों में छपी हैं यह कागज़ी बातें 

सच्चाई मगर.. कुछ और बयां कर जाती है 

चीखें दबी -दबी सी ,साँसे घुटी. घुटी सी 

पथराई आँखें बदहवास सी नज़र आती है 

रुदन को गुप्त रख स्मित बरसाती है   

निशब्द सी धडकनें  डरकर रह जाती है 

जज्बात उसके  सदा सहमें से लगते हैं 

घरोंदे में छुपकर  वह जीवन बिताती है 

सिंदूर में रंग कर रक्तिमा कहलाए जब 

 लाल सूरज सी बिंदिया बेहद जलाती है 

नारी बरसों से देवी तुल्य कहलाती है 

मगर यह बात मुझे अचंभित कर जाती है 

( मौलिक और अप्रकाशित )

डिम्पल गौड़ ' अनन्या '

Views: 643

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डिम्पल गौड़ on March 3, 2015 at 7:28pm

आदरणीया डॉ प्राची जी , समाज में नारी की स्थिति देख कर दुःख होता है...उसी व्यथा को अपनी रचना के माध्यम से व्यक्त करने का छोटा सा प्रयास किया है...आपको रचना पसंद आयी इसके लिए बेहद शुक्रिया आपका |

Comment by डिम्पल गौड़ on March 3, 2015 at 7:26pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, रचना पसंदगी के लिए बहुत बहुत आभार आपका |

Comment by डिम्पल गौड़ on March 3, 2015 at 7:23pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी ..|


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 1, 2015 at 7:56pm

नारी को देवी-तुल्य मान उससे हर कदम पर बलिदान की अपेक्षा करना.. यकीनन कोइ साजिश सी ही लगती है जब यथार्थ के धरातल पर नारी को प्रताड़ित किये जाने की हर सीमा समाज भिन्न भिन्न स्वरूपों में पार करता सा दीखे..और नारी बेबस लाचार सहमी सिसकती रह जाए.

नारी जीवन की वेदना को स्वर देती इस अभिव्यक्ति पर हृदय तल से बधाई आदरणीया डिम्पल गौर जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 1, 2015 at 4:39pm

आदरनीया अनन्या जी , नारी के विषय में बहुत अच्छी बातों को शब्द दिया है आपने । रचना के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 1, 2015 at 2:15pm

बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना. बधाई आदरणीया डिम्पल जी.

Comment by somesh kumar on March 1, 2015 at 11:49am

सत्य को सत्य कहने के लिए बधाई आदरणीया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 1, 2015 at 7:27am
आदरणीया अनन्या जी सुन्दर प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई ।
Comment by डिम्पल गौड़ on February 28, 2015 at 11:25pm

आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी...रचना पर आपकी प्रतिक्रिया जान कर बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है ...सादर धन्यवाद आपका |

Comment by डिम्पल गौड़ on February 28, 2015 at 11:22pm

रचना की सराहना करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका ...आदरणीय कृष्णा मिश्रा जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service