For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" देखो तो , आज माँ के लिए मैं क्या लाया हूँ "|
" क्या जरुरत थी माताजी को इतनी बढ़िया साड़ी लाने की !" , पत्नी की आवाज में आश्चर्य झलक रहा था |
" माँ की आँखें नहीं हैं लेकिन मेरी तो हैं ना "|

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on January 19, 2015 at 8:32pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी ..

Comment by विनय कुमार on January 19, 2015 at 8:31pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी..

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 19, 2015 at 7:06pm

उत्तम  भाव रचित सुंदर सन्देश देती लघु कथा के लिए हार्दिक  बधाई  श्री विनय कुमार सिंह जी 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 19, 2015 at 6:56pm

 आदरणीय विनय जी  बहुत कम शब्दों में सुन्दर ,सार्थक लघुकथा ! हार्दिक बधाई !

Comment by विनय कुमार on January 19, 2015 at 6:54pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जीतेन्द्र पस्तरीया जी | शायद सन्देश देने में सफल हुई है लघुकथा..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 19, 2015 at 6:07pm

बहुत सुंदर लघुकथा , आदरणीय विनय जी. आपने अपने प्रतिउत्तर में बहुत प्रभावी बात कही. सच! स्वस्थ इंसान की विकलांग मानसिकता न ही दिखती है अपितु घातक भी रहती है

Comment by विनय कुमार on January 19, 2015 at 3:47pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायण त्रिपाठी जी | शारीरिक रूप से विकलांग लोगों की विकलांगता तो दिख जाती है लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों की मानसिक विकलांगता कहाँ दिखती है |

Comment by विनय कुमार on January 19, 2015 at 3:44pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय अर्चना त्रिपाठी जी |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 19, 2015 at 3:08pm

विनय जी

क्या पंच लाइन है i आपको साधुवाद i  बहुत मार्मिक i बधाई  हो i

Comment by Archana Tripathi on January 19, 2015 at 10:35am
नैतिकता की उच्च मानसिकता को दर्शाती कथा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service