For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं -- डा० विजय शंकर

रौशनी से अन्धकार तो सब मिटा लेते हैं
हम अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं |
एक बुराई हटाई , हटाई क्यों , हटाई नहीं ,
साइड में लगाईं , नई बुराई लगाई |
एक फेल को दूजे फेल से बदल दिया ,
एक असफल को फिर असफल होने का
अवसर दिया , और जोरदार एलान किया ,
देखो , हमने कैसा परिवर्तन कर दिया ,
और एक कमजोर का उत्थान भी कर दिया |
क्योंकि हम वीर हैं , हर हाल में जी लेते हैं ,
किसी बुराई से डरते नहीं ,
हर बुराई में जी लेते हैं ,
हर बुराई को झेल लेते हैं ,
हर बुराई के साथ एडजस्ट कर लेते हैं ।
बुराइयों से लड़ते नहीं ,
दायें बाएं करके बस , निकल लेते हैं ,
सह लेते हैं , सह लेते हैं , सहते रहते हैं ।

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 647

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 1, 2015 at 10:31pm
बहुत बहुत धन्यवाद , प्रिय डॉ o आशुतोष मिश्रा जी, नव वर्ष आपको सपरिवार शुभ हो , मंगलमय हो. सादर।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 1, 2015 at 1:38pm

आदरणीय विजय सर ..इस सुंदर भाव्यव्य्क्ति पर आपको हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 1, 2015 at 1:30pm
आपसे पूर्णतया सहमत होते हुए रचना की सराहना के लिए आपके प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। आपको नव वर्ष की ढेरों शुभ कामनाएं , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 1, 2015 at 1:27pm
आदरणीय शिज्जु शकूर जी, रचना के भाव की सराहना के लिए आभार। आपको नव वर्ष शुभ एवं मंगलमय हो , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 1, 2015 at 1:23pm
प्रिय जीतेन्द्र जी रचना को मान देने के लिए ह्रदय से आभार। साथ में आपको नव वर्ष की बहुत बहुत शुभ कामनाएं, सादर।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 1, 2015 at 10:37am

जी जो हो रहा है वही यथार्थ लिखा है, हार्दिक  बधाई डॉ विजय शंकर जी | - अगली रचना में जो होना चाहिए वह लिखा जाए | 

बुराई से लड़ते नहीं सहते रहते है, यह ठीक नहीं करते 

दिखाने को परिवर्तन ले आते है, पर यह कोई सुधार नहीं 

नव वर्ष  की हार्दिक  शुभकामनाओं के  साथ | शुभ शुभ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 1, 2015 at 8:05am

आदरणीय डॉ विजय शंकर जी अच्छी भावाभिव्यक्ति हुई है बहुत बधाई आपको

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 1, 2015 at 6:28am

पुन: एक और सत्य को शब्दों की माला में पिरोकर, पद्य का रूप दे दिया आपने. बहुत-२ बधाई आदरणीय डा. विजय जी

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 6:19pm
आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी ,रचना को स्वीकृति प्रदान करने एवं उसका विवेचन करने हेतु आभार एवं धन्यवाद। सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 6:14pm
बहुत बहुत धन्यवाद , आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
12 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service