For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"रमा, सेठ रामलाल की बेटी पिछले महीने किसी के साथ भाग गई थी। कई दिन अखबारों की न्यूज भी बनी। आज उस बात को सब भूल गए हैं। रामलाल भी आराम से अपना धंधा कर रहा है और एक मेरी बेटी ने 5 साल पहले भागकर शादी की थी। आज भी लोग मेरी बेटी और मेरे परिवार को गिरी हुई नजरों से देखते हैं।"- सावित्री ने दुखी मन से कहा।

"सावित्री बहन, गरीब की बेटी और अमीर की बेटी में बहुत फर्क होता है।"- रमा ने सांत्वना देते हुए कहा।

"मौलिक और अप्रकाशित"

Views: 529

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनोद खनगवाल on November 19, 2014 at 6:21pm

somesh ji, rajesh kumari ji, dr. gopal ji, giriraj ji, yograj ji or laxman ji sabhi aadrniya mahanubhao ka dil se aabhar vyakt karta hu. ye OBO me meri pahli rachna hai. aap logon ka hissa bankar muje khushi or garav mahsoos ho raha hai.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 19, 2014 at 11:30am

सुंदर कहानी रची है | एक दूसरा पहलु भी है - चाहे अमीर गरीब ही कारण हो, पर गरीब के बेटी किसी वजह से याद तो करते 

है | अमीर की बेटी तो आँखों से ओझल ही हो गई | हार्दिक  बधाई  श्री  खनगवाल जी 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 19, 2014 at 11:20am

अमीर गरीब के फर्क को सुंदरता से परिभाषित किया है भाई विनोद खनगवाल जी, बधाई स्वीकारें।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 18, 2014 at 8:01pm

पैसा बहुत से ऐब ढक देता , कम से कम हमारे देश मे तो यही हो रहा है ! बधाई लघुकथा के लिये , आदरणीय ।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 18, 2014 at 6:47pm

सत्य है मित्र i

को कही सके बडेन को -----


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 18, 2014 at 11:02am

बातें तो बनती हैं चाहे बेटी अमीर की हो या गरीब की किन्तु जो कुछ फ़र्क है सोमेश जी की बात से मैं भी सहमत हूँ ,कई बार अपने लोग ही उस जख्म को ताजा किये रहते हैं ..अच्छी लघु कथा बहुत बहुत बधाई 

Comment by somesh kumar on November 17, 2014 at 10:56pm

शायद ये फ़र्क इसलिए भी है की अमीर का दूसरों की ज़िन्दगी में कम दखल है जबकि गरीब अधिक घुले-मिले हैं इसलिए जख्म को कुरेदने वाले भी ज़्यादा हैं 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service